मेरा नाम श्याम है और मै एक प्रोफेशनल कॉलेज मे पढता हु | इन कॉलेज मे क्लास का समय बड़ा ही अजीब होता है, तो मै होस्टल मे रहता हु | मेरी किस्मत अच्छी है, कि पढाई मे काफी अच्छा हु और मेरे क्लास के सारे बच्चे और मेरे प्रोफ़ेसर जानते है, कि मै काफी अच्छा करता हु और सब मुझे काफी मानते भी है | मै एक पढ़ाकू किस्म का इंसान हु और सब लोग पढाई मे, मेरी मदत भी लेते है | मै थोडा सा शर्मीला इंसान भी हु, इसलिए मै लड़कियों से बात-वात नहीं करता और उनसे दूर ही रहना पसंद करता हु | मेरी क्लास मे, एक लड़की है नीलिमा | उसने भी कई बार मेरी मद्दत लेने की कोशिश की; लेकिन मैने उसको कोई खास भाव नहीं दिया | नीलिमा बड़ी ही खुबसूरत और सेक्सी लड़की थी और बहुत ही बिंदास थी | उसको कोई कुछ भी नहीं बोला सकता था, क्योकि कॉलेज का बोक्सिंग चैम्पियन, अमित उसका बॉयफ्रेंड था |अमित ने शायद एक दो बार नीलिमा को मुझे से बात करते हुए देख लिया और कुछ गलत समझ लिया था | उसने मुझे उस ने कई बार हडकाया था और सख्त हिदायत दी थी, कि मै नीलिमा के आसपास भी ना फटकू |
मै नीलिमा से जितना दूर हो सकता था, उतना दूर रहता था और उसके विपरीत नीलिमा मेरे पास आनेकी कोशिश करती थी और मेरा मजाक भी उड़ाती थी | एक बार एक प्रोजेक्ट मे, मै नीलिमा का पार्टनर बन गया; तो मैने प्रोफ़ेसर से अपना नाम वापस लेने की गुजारिश की; लेकिन नीलिमा ने मना कर दिया और मुझे मजबूरन नीलिमा के साथ काम शुरू कर पड़ा | उसने जब अमित को ये बताया, तो वो मुझे आँखे दिखाने लगा | तब नीलिमा ने उसे बोला, थोडा रहम करो; तुम्हारी ये फालतू की बेवकूफी मे, मै फेल हो जाउंगी और तुम्हारे बसकी ये प्रोजेक्ट करना नहीं है | तो मुझे श्याम के साथ ही काम करने दो | अमित पढाई मे काफी कमजोर था और खुद ही खेलकूद कोटे के वजह से पास हो जाता था, नीलिमा को क्या पास करवाता?अमित ने हथ्यार डाल दिये और मुझे बोला, ढंग से करना | नीलिमा ने मुस्कुरा कर, सबके सामने अमित को एक पप्पी दी और अपने हॉस्टल चली गयी | अमित को बाहर जाना था और वो उस रात को ४-५ दिन के लिए बाहर चला गया | कहने के लिए तो, लड़के-लड़कियों का हॉस्टल अलग था; लेकिन केवल एक ही लकड़ी की बड़ा सा दरवाजा था और उसमे भी लड़के और लड़कियों ने सुराख़ बना दिया था | रात मे लड़के और लड्किया एक दुसरे के कमरों मे होते थे और मस्त वाली कामक्रीड़ा चलती थी |
नीलिमा भी अमित के कमरे मे आती जाती रहती थी और मज़ेदार बात ये थी, कि अमित और मेरा रूम बिलकुल अगल बगल था और मुझे नीलिमा की रात को चुदने के काफी आवाज़े आती थी | तब मुझे ये नहीं मालूम था, कि एक रात को नीलिमा मेरी बाहों मे भी होगी |हम दोनों ने उसी रात को काम शुरू करने का निश्चय किया और रात को नीलिमा मेरे रूम मे आ गयी | बड़ी मस्त लग रही थी, वो | बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहनी थी, उसने | उसकी मस्त टाँगे, उसके चूचो की लकीर मुझे साफ़-साफ़ दिखाई दे रही थी | मेरे मन कभी सेक्स के बारे या कोई कामुक विचार नहीं आया था, लेकिन नीलिमा को देखकर मेरे लंड एक-दो झटके तो मार ही दिये | नीलिमा की नज़र मेरे लंड की और ही थी और जब उसने मेरे लोवेर के अन्दर हरकत देखी तो हंस पड़ी और बोली, तू डरता है, लेकिन देख ये मुझे चाहता है | मैने अपने लंड को अपने हाथ से छुपा लिया, ताकि नीलिमा को कुछ ना दिखाई पड़े |नीलिमा ने सारे खिड़की और दरवाजे बंद कर दिये और मेरे पास आकर बैठ गयी और अपने होठ मेरे लंड के ऊपर रख दिये और कपड़ो के ऊपर से ही उसको चाटने लगी | मुझे उसकी इस हरकत मे बड़ा मज़ा आया और मेरा लंड झटके मार के एकदम खड़ा हो गया | नीलिमा ने मेरा लोवेर अपना हाथ डालकर खीच लिया |
मुझे रात मे अंडरवीयर पहने की आदत नहीं थी; तो लोवेर उतारते ही मेरा लंड फुंकार खड़ा हो गया | नीलिमा ना उस अपने हाथ मे ले लिया और अपने ड्रेस के ऊपर से अपने चुचे रगड़ने लगी | मुझे सहन नहीं हो रहा था और मेरे मुह से अपने आप कामुक आवाज़े निकल रही थी | मै चाहकर भी अपने आप को रोक नहीं पा रहा था | फिर, नीलिमा ने अपने कपडे उतार दिये और मेरे सामने नंगी हो गयी | उसका गोरा और छरहरा बदन देखकर मेरी लार टपकने लगी और मेरे लंड ने जोर मरना शुरू कर दिया |नीलिमा मेरे हाथ को पकड़ा और अपनी कमर के पीछे लेजाकर अपनी गांड पर रख दिये और मुझे अपने शरीर से चिपका लिया | मुझे करत लगा, मैने किसी भी लड़की को पहली बार छुआ था | ये पहली बार था और नीलिमा सेक्स की खिलाड़ी थी और वो मेरे साथ कोई जल्दी नहीं करना चाहती थी | उस दिन उसने मुझे सेक्स के लिए नहीं कहा और मेरे लंड को अपने अपने हाथ मे लेकर मेरा मुठ मारने लगी | मेरा शरीर गरम हो रहा और तप रहा था और नीलिमा मेरे लंड से खेल रही थी | फिर, नीलिमा ने मेरा लंड अपने शरीर से रगड़ना शुरू कर दिया और कुछ ही मिनटों मे मैने अपना पानी नीलिमा के शरीर पर छोड़ दिया | नीलिमा बाथरूम मे गयी और अपने साफ़ किया और मेरे होठो को चूसने लगी | फिर, नीलिमा ने मुझे कुछ सेक्स सीडी दी और देखने को कहा और खुद चली गयी | जब तक अमित नहीं आया, नीलिमा ने मुझे पक्का सेक्स का पुजारी बना दिया | उन दिनों हमने पूरी-पूरी रात संभोग का मज़ा लिया और मस्त की |
मै नीलिमा से जितना दूर हो सकता था, उतना दूर रहता था और उसके विपरीत नीलिमा मेरे पास आनेकी कोशिश करती थी और मेरा मजाक भी उड़ाती थी | एक बार एक प्रोजेक्ट मे, मै नीलिमा का पार्टनर बन गया; तो मैने प्रोफ़ेसर से अपना नाम वापस लेने की गुजारिश की; लेकिन नीलिमा ने मना कर दिया और मुझे मजबूरन नीलिमा के साथ काम शुरू कर पड़ा | उसने जब अमित को ये बताया, तो वो मुझे आँखे दिखाने लगा | तब नीलिमा ने उसे बोला, थोडा रहम करो; तुम्हारी ये फालतू की बेवकूफी मे, मै फेल हो जाउंगी और तुम्हारे बसकी ये प्रोजेक्ट करना नहीं है | तो मुझे श्याम के साथ ही काम करने दो | अमित पढाई मे काफी कमजोर था और खुद ही खेलकूद कोटे के वजह से पास हो जाता था, नीलिमा को क्या पास करवाता?अमित ने हथ्यार डाल दिये और मुझे बोला, ढंग से करना | नीलिमा ने मुस्कुरा कर, सबके सामने अमित को एक पप्पी दी और अपने हॉस्टल चली गयी | अमित को बाहर जाना था और वो उस रात को ४-५ दिन के लिए बाहर चला गया | कहने के लिए तो, लड़के-लड़कियों का हॉस्टल अलग था; लेकिन केवल एक ही लकड़ी की बड़ा सा दरवाजा था और उसमे भी लड़के और लड़कियों ने सुराख़ बना दिया था | रात मे लड़के और लड्किया एक दुसरे के कमरों मे होते थे और मस्त वाली कामक्रीड़ा चलती थी |
नीलिमा भी अमित के कमरे मे आती जाती रहती थी और मज़ेदार बात ये थी, कि अमित और मेरा रूम बिलकुल अगल बगल था और मुझे नीलिमा की रात को चुदने के काफी आवाज़े आती थी | तब मुझे ये नहीं मालूम था, कि एक रात को नीलिमा मेरी बाहों मे भी होगी |हम दोनों ने उसी रात को काम शुरू करने का निश्चय किया और रात को नीलिमा मेरे रूम मे आ गयी | बड़ी मस्त लग रही थी, वो | बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहनी थी, उसने | उसकी मस्त टाँगे, उसके चूचो की लकीर मुझे साफ़-साफ़ दिखाई दे रही थी | मेरे मन कभी सेक्स के बारे या कोई कामुक विचार नहीं आया था, लेकिन नीलिमा को देखकर मेरे लंड एक-दो झटके तो मार ही दिये | नीलिमा की नज़र मेरे लंड की और ही थी और जब उसने मेरे लोवेर के अन्दर हरकत देखी तो हंस पड़ी और बोली, तू डरता है, लेकिन देख ये मुझे चाहता है | मैने अपने लंड को अपने हाथ से छुपा लिया, ताकि नीलिमा को कुछ ना दिखाई पड़े |नीलिमा ने सारे खिड़की और दरवाजे बंद कर दिये और मेरे पास आकर बैठ गयी और अपने होठ मेरे लंड के ऊपर रख दिये और कपड़ो के ऊपर से ही उसको चाटने लगी | मुझे उसकी इस हरकत मे बड़ा मज़ा आया और मेरा लंड झटके मार के एकदम खड़ा हो गया | नीलिमा ने मेरा लोवेर अपना हाथ डालकर खीच लिया |
मुझे रात मे अंडरवीयर पहने की आदत नहीं थी; तो लोवेर उतारते ही मेरा लंड फुंकार खड़ा हो गया | नीलिमा ना उस अपने हाथ मे ले लिया और अपने ड्रेस के ऊपर से अपने चुचे रगड़ने लगी | मुझे सहन नहीं हो रहा था और मेरे मुह से अपने आप कामुक आवाज़े निकल रही थी | मै चाहकर भी अपने आप को रोक नहीं पा रहा था | फिर, नीलिमा ने अपने कपडे उतार दिये और मेरे सामने नंगी हो गयी | उसका गोरा और छरहरा बदन देखकर मेरी लार टपकने लगी और मेरे लंड ने जोर मरना शुरू कर दिया |नीलिमा मेरे हाथ को पकड़ा और अपनी कमर के पीछे लेजाकर अपनी गांड पर रख दिये और मुझे अपने शरीर से चिपका लिया | मुझे करत लगा, मैने किसी भी लड़की को पहली बार छुआ था | ये पहली बार था और नीलिमा सेक्स की खिलाड़ी थी और वो मेरे साथ कोई जल्दी नहीं करना चाहती थी | उस दिन उसने मुझे सेक्स के लिए नहीं कहा और मेरे लंड को अपने अपने हाथ मे लेकर मेरा मुठ मारने लगी | मेरा शरीर गरम हो रहा और तप रहा था और नीलिमा मेरे लंड से खेल रही थी | फिर, नीलिमा ने मेरा लंड अपने शरीर से रगड़ना शुरू कर दिया और कुछ ही मिनटों मे मैने अपना पानी नीलिमा के शरीर पर छोड़ दिया | नीलिमा बाथरूम मे गयी और अपने साफ़ किया और मेरे होठो को चूसने लगी | फिर, नीलिमा ने मुझे कुछ सेक्स सीडी दी और देखने को कहा और खुद चली गयी | जब तक अमित नहीं आया, नीलिमा ने मुझे पक्का सेक्स का पुजारी बना दिया | उन दिनों हमने पूरी-पूरी रात संभोग का मज़ा लिया और मस्त की |
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