नमस्कार दोस्तों,
आज मैं आपको अपनी टीचर के साथ किये काम – क्रीडा के बारे में खुलकर बता रहा हूँ और आप इसके खूब मज़े लेना जितने की मैंने अपनी टीचर की चुदाई करते वक्त लिए थे | मेरी टीचर अक्सर ही मेरे साथ पूरी तरह से खुली हुई थी और मुझसे क्लास खतम होने के बाद भी खूब बातें किया करती थीं | मैंने भी उनके मन के खूब करीब आने के ल्लिये उन्हें अपने जीवन की हरा छोटी से छोटी बात को बताए रखा था | वो अक्सर ही जाने से पहले मेरी पीठ को सहलाया करती थी जिसपर मुझे बहुत ही सुकून मिला करता था | एक दिन मैंने टीचर को एक सवाल को समझाने के लिए कहा जिसपर टीचर ने शाम को मुझे अपने घर पर ही बुला लिया |
मैं भी शाम को अपनी टीचर के घर पर चल पड़ा और सोचा की वहाँ जाकर उनपर खूब मस्का मारूंगा जिसपर आज मुझे फिर अपनी पीठ को उनके नरम हाथों से सहलाने का मौका मिलेगा पर किस्मत मेरी इतनी अच्छी चमकी मुझे उनकी चर्बी वाली चुत को भी मारने का मौका मिला | वहाँ पहुंचा तो टीचर अपनी नाइटी में बैठी हुए मुझे समझाने लगी रो अचानक पढ़ाते हुए मेरी जाँघों पर हाथ फिराते हुए कहने लगी की “ क्यूँ ना आज मैं तुम्हे कुछ खास सिखायुं. . ?? ” जिसपर मैंने आज कुछ खास सिखने की आशंका जाते हुए हामी भी भर दी | अब वो कुछ ही पर में अपनी नाइटी को उतार मुझे कहने लगी कभी इतने बड़े चुचों को देखा है तुमने . . और मैंने भी अपनी आँख फाड़ कर उनके चुचों से चिपक गया और फटाफट उनके होठों को चूसते हुए चुचों को भींचने लगा |
मैंने अब कुछ ही देर में उन्हें चुमते हुए अपने आप को भी नागा कर दिया उनके मोटे – मोटे गोरे चुचों को चूस रहा था | मैंने अपनी टीचर को वहीँ लिटा दिया और उनके उप्पर लेटकर चुचों को पिने लगा साथ ही अपने लंड की सख्ती से उनकी चुत के उप्पर रगड़ने लगा | मैंने अपनी टीचर की चुत की फांकों के बीच अपने मुंह को रख लिया और अपनी जीभ के दबाव डालते हुए और कसकर अंदर की ओर बढाने लगा | कुछ ही देर में मैंने उनकी चुत में अपनी उँगलियों को अंदर – बाहर करना शुरू कर दिया और जब उनकी चुत पूरी गीली हो गई तो मैंने उनकी टांगों के बीच में अपने लंड को घुसाते हुए उनकी चुत में घुसा डाला | मेरे धक्कों के साथ ही मेरा लंड टीचर की चुत में पूरा का पूरा जाने लगा और अब गाजा के तीव्र धक्कों के साथ चोदने लगा |
मैंने उन्हें चड हुए उनकी इक्षा को पूरा कर रहा था जिसपर वो भी अब अपनी चुत में ऊँगली डाल रही थी | इसी तरह अब मैं उनकी चुत में अपने लंड और साथ ही उनकी दो उँगलियों के साथ चोदे जा रहा था और करीब आधे घंटे बाद मैं अपनी चरम सीमा पर पंहुच गया | अब मैंने अपने मुठ की पिचकारी उनकी चुत के अंदर ही छोड़ दी और उप्पर से उनके स्तनों को पीते हुए उन्ही अपनी हवस के दर्शन कराने लगा | मेरी टीचर भी संतुष्ठी में आते हुए अब मेरे लंड को चुसे जा रही थी और कुछ देर मेरी उँगलियों को चुत में करती हुई अपने चुत के रस को भी छोड़ दिया |
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