बुधवार, 3 फ़रवरी 2016

मामाजी का एक और मेसेज


मेरी उम्र 24 साल है,कुंवारी हूँ और मेरे घर वाले सब कल्याण में रहते हैं. कुछ दिनों पहलेमेरे एक मामा की पोस्टिंग कल्याण में हो गयी. वो एक बहुत सीनियर प्रशासनिक पद पर हैं. हालाँकि वो मेरे सगे मामा नहीं तो हैं, मेरी माँ के घर के पास के रहनेवाले हैं, लेकिन हैं हम लोगो के बहुत ही करीब. उनकी उम्र 40 है. थोड़ा सा पेट निकला हुआ है, लेकिन मोटे तौर पर प्रभावशाली पर्सनालिटी है.चेहरे पर एक शालीन और सेक्सी मुस्कान निराहती है.

मेरी एक फ्रेंड जोया, जिसकी अब शादीहो गयी है मुझसे अक्सर कहती थी और अबभी कहती है कि लाइफ में शादी के पहले किसी उमरदराज आदमी के साथ सेक्स जरूर करना चाहिए.

वो रिश्तेदार टाइप हो तो और अच्छा रहताहै. क्योंकि ये सेफ रहता है. इससे बहुत अच्छा एक्सपेरिएंस प्राप्त होता है और हाँ मजा भी बहुत आताहै.

लेकिन में आप लोगों को बता दूँ कि जब तक मैंने खुद एक्सपेरिएंस नहीं किया था, मुझे उसकी बात हमेशा गलत लगतीथी. मैं 21 साल की हो चुकी थी और सेक्सुअली बिलकुल अछूती थी.

हाँ कभी-कभी बाथरूम में अकेली दर्पण केसामने खड़ी होकर अपने सुन्दर सुडौल शारीर को निहारती जरूर थी और अपने हाथअपने ही जिस्म पर फेरा करती थी. कभी-कभी अपनी निप्पलस को छेड़ती और कभी अपनी चूत को भी सहलाती थी.

मेरी हिम्मत कभी किसीसे चुदाई करने की नहीं हुई. हाँ, कई साथ के ऑफिस के लोगों के प्रति आकर्षण जरूर हुआ. कुछ से बात और भी आगे बढ़ी लेकिन सेक्स नहीं किया. कभी न हिम्मत थी, न ही कर पाई.


हाँ, तो मेरे मामाजीअक्सर हम लोगों के घर आते थे. उनकी पत्नी यानि मेरी मामी बहुत ही सुन्दर हैं. उनकी जोड़ी बहुत ही अछि है.

मेरे मामा और मेरी दोस्ती भीबहुत गहरीहै.

वो बहुत फ्री किस्म के इन्सान हैं. लेकिन हर किसी से नहीं. आम टूर पर अन्य लोगों के लिए सिरिअस ही रहते हैं.मेरा-उनका तो अब खूबमजाक भी होने लगा था. एक दिन मामाजी ने मुझे एक मेसेज किया की तुमको मालूम है रानी मुखेर्जी का किससे अफेयर चलरहा है. मैंने कहा मुझे क्या मालूम. तब उन्होंने एक औरमेसेज भेज कर बताया कि उसका आदित्य चोपड़ा से चक्कर चल रहा है और उसको आदित्य चोपड़ासे चुदाई करवाते अमिताभ के किसी दोस्त ने देख लिया था. इसीलिए अभिषेक से उसकी बात आगे नहीं चली.

इस टाइप का मेसेज पढ़ कर मेरे सारे शरीरमें एक सिहरन सी फ़ैल गयी. मुझे लगा कि कोई मुझे कसकर भींच ले. मेरी पैंटी में भी कुछ गीला सा लगने लगा.

मैंने उनके मेसेज का कोई जवाब नहीं दिया. कुछ दिन बाद मामाजी का एक और मेसेज आया कि तुमको मालूम है अजय देवगन और काजोलमें बहुत झगड़ाहो गया था. मुझसे रहा न गया और में पूछ बैठी क्यों? उनका जवाब आया कि अजय देवगन नेशादी के बाद भी एक दिन शूटिंग पर काजोल को शाहरुख़ खान सेचिपकते अकेलेमें मजे करते देख लिया था. वो उससे खूब लड़ा और कहा कि काजोल अब तो तुम्हें शाहरुख़ सेकोईताल्लुक की जरूरत नहीं होनी चाहिए. तुम दोनों नेशादी के पहले कितनी बार सेक्स किया मुझे मतलब नहीं. लेकिन अब तो मत मरनेजाओ.

मैंने पूछा-मामाजी आपको कैसे ये सब मालूम हो जाता है. वो बोले -मेरी जन, मेरे साथ के टैक्स ओफ्फिसर्स बॉम्बे की साड़ी खबरें सही-सही बता देते हैं.

अब में और मामाजी काफी फ्री हो गए थे.

रात को में जब कभी अपनी चूत पर हाथ फेरती तो शाहरुख़ खानकी बात याद आती.

उसके बारे में सोचते हुए हाथ फिराती तो अचानक मामाजी का चेहरा सामनेआ जाता. जैसे वो कह रहे हों कि"में क्यों नहीं?

एक दिन एक शादी में मामाजी और मै जा रहेथे. मम्मी ने कहा- सुनीता, घर से और कोई तो जा नहीं पा रहा. दो दिन की ही तो बात है, तुम मामा-मामी के साथ चली जाओ. और मुझे जाना पड़ा.

हमलोग पुणे गए और वहां राजधानी होटल में रुके. हमने दो कमरे बुक किये. एक में मामा-मामी साथ थे और दूसरे में मैंअकेली.

शाम को शादी के समारोह के बाद में अपने एक चचेरे भाई के साथ पुणे घुमनेचली गयी. मामा-मामी शादीमें ही थे.

कोई 9 बजे तक में होटल रूम वापस आ गयीऔर थकी होने के कारणजल्दी मेंसो गयी. अभी थोड़ी देर ही सोपाई थी कि रूम कि बेल बजी. मैंने घडी देखीतो रात के ११ थे.मैंने दरवाजा खोला तो सामने मामाजी थे.

मैंने पूछा- मामाजी आप अकेले कैसे? मामी कहा हैं?

वो मुस्कराते हुए बोले-तुम्हारी मामी अपनी किसीबहन के साथ रुक गयी हैं. 1 बजे तक आएँगी. फेरों के बाद. मैं चला आया. वो दरवजे पर खड़े थे. मैंने कहा- ओके मामाजी, अन्दर आ जाओ.

कमरे में सोफे भी थेलेकिन मामाजी सीधे मेरे बेद पर बैठते हुए बोले- तुम थकी न हो तो चलो कुछ देर बातें कर लेते हैं. मैं राजी हो गयी.

रात के एकांत में मामाजी जैसे आदमी को कमरे में अकेलेपा के अब मेरा मन चल चूका था. में कोई भोरी नहीं थी. मुझे साफ दीख रहा थाकि मामाजी कि नीयत में क्या था. और जो उनकी नीयत में था वही तो मेरी भी नीयतमें था. मैंने सोचा आज इनसे कुछ सेक्सकी बातें सीख ही लूं. लेकिन मेरे अन्दर पहलकरने की हिम्मत नहीं थी.

मामाजी जाने क्या बातें कर रहे थे. मुझे तो अपनी चूत में उठ रही सनसनी के मारे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था.

मेरी पैंटी के अन्दर कुछ गीलपन सा महसूसहोने लगा था. मैं अभी से पानी छोड़ने लगी थी. मुझे लग तो रहा था की मामाजी के मन मैं भी कुछ वैसा ही हो रहा है. लेकिन उन्होंने कुछ किया नहीं. तभी मुझे अपनी फ्रेंड की सीख याद आई की अपने से उम्र के बड़े लोग सेक्सकी पहल खुलेआम नहीं करते. उनका इतनी रात को अकेले आना इशारे मैं सब कुछ बयां कर रहा था.

अब मेरा तो मन हो रहा था अपनी जवानी का मजा लेने का. सो मैंने भी इशारेमें बात शुरू कर दी. "मामाजी, मामी के अलावा तो किसी पर आपका मन जाता नहीं होगा? वो तो खुद बहुत सुन्दर हैं.

मामाजी बोले- हाँ, वो तो है.


मुझे लगा की मेरा हिंट बेकार गया.

लेकिन तभी मामाजी बोले- मन तो किसी पर गया है लेकिन उसका नहीं पता ~ मामाजी फिर बोल उठे- अच्छा तो पूछता हूँ. तुम बताओ. मुझे तो तुम अच्छी लगती हो.

मैं शर्मा गयी और दूसरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. तभी मामाजी ने मुझे बहुत धीरे से अपने सीने से लिप्त लिया. फिर मेरी आँखोंपर किस कर दिया.

मैं सिहर गयी और बोली- नो मामाजी, यह ठीक नहीं है. हालाँकि मेरी पैंटी और चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थीं. मेरी चूत में पुक-पुक हो रहा था. तभी मामाजी ने मुझको और जोर से चिपटा लिया और मेरे गाल सहलाते हुए मुझे जहाँ-तहांकिस करने लगे.

थोड़ी ही देर में वो मेरे लिप्स चूस रहे थे और में अपना होश खो रही थी.

उनके लिप्स अब मेरी गर्दन पर आ गए थे और हाथ मेरे बूब्स को सहला रहे थे. में मदहोश हुई जा रही थी. मुझे पता ही नहीं चला कब उन्होंने मुझे बेड पर बड़े प्यार से लिटा दिया और जब तक मैं समझूँ मेरीपैंटी और ब्रा को बदन से बहुत दूर थे.

उनके लिप्स मेरी चूचियों को चूस रहे थे. मेरी चूत को पसीना आ रहा था.

मामाजी कह रहे थे- नौट्टी डार्लिंग, अगर तुमको शाहरुख़ खान न भुला दूँ तो कहना. अब तक वो मेरी जांघोंको सहलाते हुए मेरी चूत के नजदीक पहुँच चुके थे और अगले ही पल मेरी चूत को, जिसे मैंने कल ही हेयर-रिमूवरसे साफ किया था, उसको किस कर रहे थे.

बड़े ही प्यार से. लेकिन भारी रोमांच से भी.

जब उनकी जीभ मेरी चूत के उपरी दरवाजे परसांप की तरह सरसराते महसूस हुयी तो मैं मस्ती की तरंग में डूब कर चीख पड़ी. मैंने अपनी दोनों हथेलियों से उनके सर के बालों को पकड़ लिया और कमर को ऊँचा करके अपनीचूत को पूरी ताकत से उनके मुंह से अड़ा दिया. मन हो रहा था की चूत को उनके मुंह में भीतर तक डाल दूं.

मामाजी भी न जाने किस बदहवासी में मेरी चूत में मानों घुसे जा रहे थे.

मैं बुदबुदा रही थी- मामाजी अब नहीं रहा जा रहा. अब तो मुझे बस चोद ही दो. फकमी, प्लीज. डाल दो अन्दर.

लेकिन मामाजी तो बस मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटे जा रहे थे. खूब जोर-जोर से. वे कह रहे थे- तुमको आज इतने अच्छे से चोदूंगा मेरी जान, कि फिर कभी मुझे भुला नहींपाओगी. मैं मदहोश, बेहोश हुई जा रही थी. तभी अचानक मामाजी उठे. उनहोंने दो तकिये लिए और मेरे नितंबों के नीचे रख दिए. इस तरह मेरी चूत ऊँची होकर के पूरी तरह खुल गयी.

मामाजी sइस्कारी लेकर बोले- आह, क्या चूत का सीन दिखा है. ऐसी तो eन्जेलिना जोली की भी नहीं होगी. उन्होंने ढेर सारी क्रीम मेरी चूत में भर दी और अपने कपडे उतर दिए. मैंने अब देखा कि उनका लंड तो 8 इंच से कम नहीं था.

अब मैं थोड़ी सी घबराई कि ये कैसे मेरी चूत में घुसेगा. मेरी चूत मुझे नन्ही सी लग रही थी. मैं उनसे निहोरा करने लगी कि मामाजी धीरे सेही डालना. उन्होंने कहा कि तुम्हें बस यह यूँ ही छोटा लग रहा है. इसमें तो दुनिया समां जाती है और तब भोई जगह बची रहती है.

वे अब अपने लंड का पिंक टिप मेरी चूत में पुश करने की कोशिश कर रहे थे.

वो बार-बार स्लिप कर जाता था. फिर उन्होंने निशाना लगा कर अपना लंड मेरी चूत में अन्दर करीब 3 इंच घुसादिया. मुझे लगा मनो किसी ने गरम लोहे की मेरे मोटी राड मेरे अन्दर डालदी हो.

मैं चिल्लाई- मामाजी प्लीज! इतनी जोर से नहीं. अब निकाल लो अपना लंड.

मामाजी ने लंड को एक बार बाहर को खींच लिया..लेकिन मुझे जब तक रहत महसूस होती, उन्होंनेदुगनी ताकत से अपना लंड फिर मेरे अन्दर पुशकर दिया.

मेरी आँखों से आंसू और चूत से खून निकलने लगा. मैं चीख रही थी- और मामा धक्के पे धक्केदिए जा रहे थे.

वो पूरी ताकत से अपने लंड को बार-बार अन्दर बाहर कर रहे थे.

मुझे बहुत दर्दहो रहा था. लेकिन कोई

10 मिनट तक उन्होंने ऐसे ही जोरों से मेरी चुदाई की.

अब मुझे मज़ा आने लगा था. मई कहने लगी-यू आर डार्लिंग मामाजी! मजा आ रहा है. चोदे जाओ. निकलना मतमामाजी धक्के पर धक्केलगा रहे थे.

वो कह रहे थे-मेरी जान, तुम्हारी चूत कमाल की है. मैंने रानी मुखेर्जी का जबकेस था तब उसे और ऐसे ही प्रीती जिंटा को चोदा था. अभी परसों ही बिपाशा को भी चोदा था. लेकिन इतनी मजेदार तोकोई नहीं है.

मैं कहे जा रही थी- मामाजी और डालो मेरे अन्दर. पूरे घुस जाओ. फाड़ दो मेरी भूखी चूत को ! वो खूब चोद रहे थे और मैं भी अब नीचे से उछल-उछल कर चुदवा रही थी.

वो कह रहे थे- मजा आ गया मेरी जान. तुमने तो गजब कर दिया.

मेरी भी सिस्कारियां निकल रहीं थीं. मामाजी अपनी दोनों टांगों से मुझे जकड़-जकड़ कर चोद रहे थे.

थोड़ी ही देर के बाद उन्होंने अपना गरम-गरम मॉल मेरी चूत में भर दिया. अब दो धक्के और दिए तो मुझे कुछ अजीब सा लगा की ये मेरी चूत को क्या हो रहा है. मैं जैसे घोड़ेपर स्वर हो गयी हूँ.

आह.. आः ... ये तो ज्वालामुखी फट रहा था. और तभी मेरा भी पानी निकल गया. मैं भी उनके साथ ही झड गयी. फिर हम दोनों एक दूसरेसे चिपके हुए पड़े रहे बहुत देर तक. उसके बाद मामाजी ने फिर से एक बार मुझे चोदा. इस बार उन्होंने मुझे अपने ऊपर चढ़ा लिया. मुझे बहुत दर्दहो रहा था. फिर भी मैंने पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर घुसा लिया. इस बार मैं मामाजी के झड़ने से पहले 3बार झड़ी. फिर मामाजी ने मुझेनिचे पटक लिया और मेरी कोमल चूत को बुरी तरह से रौंदा. बाद में हमलोग नंगे ही सो गए. सुबह मामाजी नेमेरे पीछे से चूत में लंड को डाला.

मेरी फ्रेंड्स,खास तौर पर गिर्ल्स, मैं आपको बता रही हूँ मामाजी के अनुभव से मुझे इतना मजा मिला की बता नहीं सकती. मुझे अपनी फ्रेंड कीसलाह बिलकुल ठीक लगी. आज मेरी चूत और आत्मा दोनों तृप्त हो गयीं.


न किसी को मालूम होने का डर था न ही किसी से ब्लैकमेलिंग का खतरा....
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