दोस्तों मेरा नाम रोहिताश है, मैं पच्चीस साल का स्मार्ट लड़का हूँ। मैंने मजा लेने के लिए एक माल पटाया जिसका नाम प्रतिभा है। बाईस साल की इस मस्तानी लौण्डिया का बदन खूब गोरा और गदराया है, साली के चूचे और गाँड तो लाजवाब हैं। मैं जब भी अकेले में उसको पाता, तो छेड़ता और उत्तेजित करता रहता था जिससे वो गरम हो जाए।
एक बार वो घर में अकेली थी तो उसने मुझे बुलाया। मैं समझ गया कि वो मुझसे चुदवाने के फिराक में है। मैंने भी प्रतिभा की कुँवारी चूत का उदघाटन करके उसमें मूतने का मन बना लिया।
पहुँचते ही मैंने उसे दबोच लिया और मसलते हुए उसे चूमने लगा, वो गरमा गई। मैं उसे खींच कर बेड पर ले आया और उसके गाउन को ब्रा पैन्टी के साथ उतार दिया और उसकी चूचियाँ मसलते हुए उसके होठों को चूसने लगा। इसके बाद मैंने प्रतिभा के पूरे मक्खनी बदन को(चूत को छोड़ कर) जरूरत के हिसाब से चूमा, चाटा, सहलाया, मसला, रगड़ा, दबाया और चुटकी काटी।
लौण्डिया मस्त हो गई। अब मैंने उससे कुछ करने को कहा। उसने मेरा पूरा जिस्म चूमा और अन्त में मेरा साढ़े सात इन्च का लण्ड चाटने लगी।
थोड़ी देर बाद मैने कहा- साली ! लण्ड चूस!
वो लण्ड चूसने लगी। थोड़ी देर में मैंने उसे लण्डामृत पिला दिया। ...
..प्रतिभा ने लण्ड को चाट कर साफ कर दिया।
अब मैंने उसे लिटाया और उसकी हसीन गाँड के नीचे एक तकिया रखा और उसकी कुँवारी मस्त चूत पर अपने होंठ रखे और जीभ का इस्तेमाल करने लगा। उसकी चूत से अमृत आने लगा और मैंने उसका छक कर पान किया।
अब मैं उठा और उसकी चूत पर लण्ड का सुपाड़ा रखा और कमर पकड़ कर लण्ड को प्रतिभा की चूत में पेलने लगा।
वो चिल्लाने लगी पर मैं बहरा बन कर उसे पेलता रहा। पूरा लण्ड पेलने के बाद मैंने अपने दोनों हाथ उसकी पीठ के पीछे बाँध दिया जिससे उसकी चूचियाँ मेरे सीने से दब गई। मैं प्रतिभा के होठों से जवानी का रस चूसते हुए उसे चोदने लगा। थोड़ी देर छटपटाने के बाद प्रतिभा अपनी गाँड उछालने लगी और अपने गालों को चुम्मी के लिए मेर होठों से सटाने लगी। पच्चीस मिनट तक प्रतिभा को ठोकने के बाद मैँ झड़ गया जबकि वो चार बार झड़ चुकी थी।
मैंने झड़ने के बाद भी लौण्डिया की चूत से लण्ड नहीं निकाला, उसके ऊपर ही लेटा रहा और प्रतिभा की चूत में मूतने लगा। मेरे गरम गरम मूत से उसकी सील टूटी चूत को बहुत आराम मिला।
फ़िर मै उसे गोद में उठा कर बाथरूम में ले गया और हमने खुद को साफ किया फिर अपने कपड़े पहने।
अगली बार मैं ...
...बताउँगा कि कैसे उसकी रेशमी गाण्ड का बाजा बजाया।
एक बार वो घर में अकेली थी तो उसने मुझे बुलाया। मैं समझ गया कि वो मुझसे चुदवाने के फिराक में है। मैंने भी प्रतिभा की कुँवारी चूत का उदघाटन करके उसमें मूतने का मन बना लिया।
पहुँचते ही मैंने उसे दबोच लिया और मसलते हुए उसे चूमने लगा, वो गरमा गई। मैं उसे खींच कर बेड पर ले आया और उसके गाउन को ब्रा पैन्टी के साथ उतार दिया और उसकी चूचियाँ मसलते हुए उसके होठों को चूसने लगा। इसके बाद मैंने प्रतिभा के पूरे मक्खनी बदन को(चूत को छोड़ कर) जरूरत के हिसाब से चूमा, चाटा, सहलाया, मसला, रगड़ा, दबाया और चुटकी काटी।
लौण्डिया मस्त हो गई। अब मैंने उससे कुछ करने को कहा। उसने मेरा पूरा जिस्म चूमा और अन्त में मेरा साढ़े सात इन्च का लण्ड चाटने लगी।
थोड़ी देर बाद मैने कहा- साली ! लण्ड चूस!
वो लण्ड चूसने लगी। थोड़ी देर में मैंने उसे लण्डामृत पिला दिया। ...
..प्रतिभा ने लण्ड को चाट कर साफ कर दिया।
अब मैंने उसे लिटाया और उसकी हसीन गाँड के नीचे एक तकिया रखा और उसकी कुँवारी मस्त चूत पर अपने होंठ रखे और जीभ का इस्तेमाल करने लगा। उसकी चूत से अमृत आने लगा और मैंने उसका छक कर पान किया।
अब मैं उठा और उसकी चूत पर लण्ड का सुपाड़ा रखा और कमर पकड़ कर लण्ड को प्रतिभा की चूत में पेलने लगा।
वो चिल्लाने लगी पर मैं बहरा बन कर उसे पेलता रहा। पूरा लण्ड पेलने के बाद मैंने अपने दोनों हाथ उसकी पीठ के पीछे बाँध दिया जिससे उसकी चूचियाँ मेरे सीने से दब गई। मैं प्रतिभा के होठों से जवानी का रस चूसते हुए उसे चोदने लगा। थोड़ी देर छटपटाने के बाद प्रतिभा अपनी गाँड उछालने लगी और अपने गालों को चुम्मी के लिए मेर होठों से सटाने लगी। पच्चीस मिनट तक प्रतिभा को ठोकने के बाद मैँ झड़ गया जबकि वो चार बार झड़ चुकी थी।
मैंने झड़ने के बाद भी लौण्डिया की चूत से लण्ड नहीं निकाला, उसके ऊपर ही लेटा रहा और प्रतिभा की चूत में मूतने लगा। मेरे गरम गरम मूत से उसकी सील टूटी चूत को बहुत आराम मिला।
फ़िर मै उसे गोद में उठा कर बाथरूम में ले गया और हमने खुद को साफ किया फिर अपने कपड़े पहने।
अगली बार मैं ...
...बताउँगा कि कैसे उसकी रेशमी गाण्ड का बाजा बजाया।
0 comments: