दोस्तों मेरा नाम नीलम है और मेरी उम्र १८ साल है | मेरी जवानी ने अभी-अभी जोर मारना शुरू किया है और मेरी वक्ष बहुत उन्नत है और मेरी फिगर बहुत ही कसी है और मेरा बदन बहुत ही मदहोश करने वाली है | मेरी आँखे नीली है और मेरे बाल बहुत लम्बे है | कुल मिलाकर, मै अच्छी दिखती थी और जब मै रास्ते पर निकलती थी, तो गली के मुंडे मुझे देखकर अपने होटो पर जीभ फेरते थे और रात मे, मुझे अपने सपने मे याद करके बिस्तर पर मुठ मारते थे | मेरा कमरा घर मे सबसे ऊपर था और मै अकेले रहती थी | मेरे पास एक कंप्यूटर था, जिसके अन्दर मैने ब्लू फिल्म का खजाना जमा कर रखा था | मै हर रात को सोने से पहले एक ब्लू फिल्म देखती और रात मे किसी पड़ोस के लड़के, कॉलेज के लड़के और बॉलीवुड के हीरो को सोचकर उससे चुदती | मुझे इस तरह बड़ा मज़ा आता था |
मैने एक नकली लंड भी लाकर रखा था, जिसको मै सपने देखते हुए प्रयोग करती थी, ताकि जब सपने मे मेरी चूत फट रही हो, तो असली मे, मेरी चूत मे लंड हो |उस दिन मैने एक समलैंगिक लड़कियों की फिल्म देखी थी और मुझे मेरी एक दोस्त उर्मी बहुत पसंद थी | वो कॉलेज के खेलकूद मे भाग लेती थी | उसका शरीर लडको की तरह तो नहीं, लेकिन गठीला था और उसके हाथ किसी भी लड़की के शरीर मे आग लगा सकते थे | मैने भी एक बार एक खेल मे भाग लिया था, तो मैने उसको नंगा देखा था, वो नंगी बाथरूम मे नहा रही थी और उसके बाथरूम की कुण्डी खुल गयी | मेरे सामने वो नंगी, नल के नीचे खड़ी हुई नहा रही थी | क्या मस्त शरीर था उसका, बड़े और कसे हुए चुचे और उनपर भूरे और खड़े निप्पल और चूत पर सिर्फ छोटे-छोटे बाल | बहुत ही मस्त शरीर का उसका | मैने उससे माफ़ी मांगी, लेकिन उसने जवाब मे सिर्फ मुस्कुरा दिया | आज मुझे उसकी की याद आ रही थी और मै उसी से अपने सपने मे चुदना चाहती थी |
जब मै ब्लू फिल्म देख रही थी, तो मुझे वो ही याद आ रही थी | जब स्क्रीन पर वो फिल्म चल रही थी, तो मुझे लगा; कि उर्मी और मै उस फिल्म मे है | उस फिल्म मे, हम दोनों एक पूल मे नहा रहे थे | पुरे नंगे थे और नंगे होकर तैराकी करने मे मज़ा ही अलग है | हम दोनों ने मस्त होकर बहुत देर देख तक तैराकी की और उसके बाद हम दोनों पूल के किनारे बैठ गये | हम दोनों एक दुसरे से सटकर बैठ गये और एकदूसरे के होटो को चूमने लगे और चूसने लगे | फिर, हमारे हाथ एक दुसरे के चूचो पर चले गये और हलके से दबाने लगे और निप्पल को खीचने लगे | उसके बाद हमने होटो को छोड़कर एक दुसरे के निप्पलो को चूमने और चाटना शुरू कर दिया | हम दोनों के ही शरीर मस्ती मे हिल रहे थे और कामुक आवाजो से सारा पूल गूंज रहा था | और असली मे भी, मेरी शरीर तप रहा था और कसमसा रहा था |
मै नंगी होकर अपने निप्पल को चूस रही थी और दबा रही थी | फिर, हम दोनों ६९ होकर एक दुसरे की चूत को चूसने लगे और हमारे पैर मस्ती मे चलने लगे | बहुत ही मस्त और कामुक माहौल था | असली मे, मेरी जान निकली जा रही थी और मै कुर्सी से गिरने के तैयार थी |फिर, मैने अपना लंड निकाला और अपनी चूत मे डाल दिया और अपनी गांड हिलाने लगी | मेरी गांड हिलने से लंड जितना हो सकता था, उतना अन्दर घुस गया और मेरी गांड और जोर से हिलनी शुरू हो गयी | नकली लंड मेरी चूत के अन्दर कहीं जाकर टकरा रहा था और मुझे मस्ती दे रहा था | मुझे ऐसा लग रहा था, कि कोई मेरी चूत को मसल रहा है | कुछ मिनटों बाद मेरी पिचकारी चूत गयी और मै कुर्सी से गिर पड़ी | उस दिन तो मेरी ऐश ही हो गयी और मै पूरी तरह से तृप्त हो गयी |
मैने एक नकली लंड भी लाकर रखा था, जिसको मै सपने देखते हुए प्रयोग करती थी, ताकि जब सपने मे मेरी चूत फट रही हो, तो असली मे, मेरी चूत मे लंड हो |उस दिन मैने एक समलैंगिक लड़कियों की फिल्म देखी थी और मुझे मेरी एक दोस्त उर्मी बहुत पसंद थी | वो कॉलेज के खेलकूद मे भाग लेती थी | उसका शरीर लडको की तरह तो नहीं, लेकिन गठीला था और उसके हाथ किसी भी लड़की के शरीर मे आग लगा सकते थे | मैने भी एक बार एक खेल मे भाग लिया था, तो मैने उसको नंगा देखा था, वो नंगी बाथरूम मे नहा रही थी और उसके बाथरूम की कुण्डी खुल गयी | मेरे सामने वो नंगी, नल के नीचे खड़ी हुई नहा रही थी | क्या मस्त शरीर था उसका, बड़े और कसे हुए चुचे और उनपर भूरे और खड़े निप्पल और चूत पर सिर्फ छोटे-छोटे बाल | बहुत ही मस्त शरीर का उसका | मैने उससे माफ़ी मांगी, लेकिन उसने जवाब मे सिर्फ मुस्कुरा दिया | आज मुझे उसकी की याद आ रही थी और मै उसी से अपने सपने मे चुदना चाहती थी |
जब मै ब्लू फिल्म देख रही थी, तो मुझे वो ही याद आ रही थी | जब स्क्रीन पर वो फिल्म चल रही थी, तो मुझे लगा; कि उर्मी और मै उस फिल्म मे है | उस फिल्म मे, हम दोनों एक पूल मे नहा रहे थे | पुरे नंगे थे और नंगे होकर तैराकी करने मे मज़ा ही अलग है | हम दोनों ने मस्त होकर बहुत देर देख तक तैराकी की और उसके बाद हम दोनों पूल के किनारे बैठ गये | हम दोनों एक दुसरे से सटकर बैठ गये और एकदूसरे के होटो को चूमने लगे और चूसने लगे | फिर, हमारे हाथ एक दुसरे के चूचो पर चले गये और हलके से दबाने लगे और निप्पल को खीचने लगे | उसके बाद हमने होटो को छोड़कर एक दुसरे के निप्पलो को चूमने और चाटना शुरू कर दिया | हम दोनों के ही शरीर मस्ती मे हिल रहे थे और कामुक आवाजो से सारा पूल गूंज रहा था | और असली मे भी, मेरी शरीर तप रहा था और कसमसा रहा था |
मै नंगी होकर अपने निप्पल को चूस रही थी और दबा रही थी | फिर, हम दोनों ६९ होकर एक दुसरे की चूत को चूसने लगे और हमारे पैर मस्ती मे चलने लगे | बहुत ही मस्त और कामुक माहौल था | असली मे, मेरी जान निकली जा रही थी और मै कुर्सी से गिरने के तैयार थी |फिर, मैने अपना लंड निकाला और अपनी चूत मे डाल दिया और अपनी गांड हिलाने लगी | मेरी गांड हिलने से लंड जितना हो सकता था, उतना अन्दर घुस गया और मेरी गांड और जोर से हिलनी शुरू हो गयी | नकली लंड मेरी चूत के अन्दर कहीं जाकर टकरा रहा था और मुझे मस्ती दे रहा था | मुझे ऐसा लग रहा था, कि कोई मेरी चूत को मसल रहा है | कुछ मिनटों बाद मेरी पिचकारी चूत गयी और मै कुर्सी से गिर पड़ी | उस दिन तो मेरी ऐश ही हो गयी और मै पूरी तरह से तृप्त हो गयी |
0 comments: