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मंगलवार, 26 जनवरी 2016
गुरुवार, 21 जनवरी 2016
मंगेतर की भरी हुई जवानी की लुट

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मौसी की वयस्क इंडियन बेटी ना रही कुंवारी

आज मैं आपको दोस्तों आपको मौसी किकी वयस्क इंडियन बेटी की चुत की रास लीला सुनाने जा रहा हूँ | दोस्तों रिश्ते में भाई – बहन लगने लगे पर जब मेरे सर अपर चुत का भुत सवार होता है तो मैं यह सब नहीं देखता और ऐसा ही कुछ मेरे साथ कुछ महीने पहले भी हुआ | दोस्तों जब मैंने अपनी मौसी के घर गया हुआ था तो एक दिन के लिए काम था मेरा और फिर मौसी ने भी जिद्द करके मुझे कहा की कुछ दिन उनके ही घर रुक जाऊं और फिर च्यूंकि मेरी उनकी बेटी अश्मिता से भी खूब जमने लगी थी तो मैंने सही समझकर रुकना ही ठीक समझा | अब जब सुबह मौसी काम पर चली जाया करती तो मैंने और अस्मिता ही घर पर रह जाया करते थे | हम काभी बातें करते तो कभी बस नज़रों ही नज़रों में एक दूसरे को देखते ही रह जाया करते थे |
दोस्तों हुआ भी यूँ की मैं उसके चुचों के गलियारे को देखा हर बार देखते रह जाया करता था और वो भी कभी मुझे अपनी कामुक इंडियन जवानी को ताडने से टोकती नहीं | मैं समझता जा रहा था की की यह वासना भरी चाहत हम दोनों के बीच ही है | एक भरी शाम जब मैं और अश्मिता खाना खा रहे थे तो वही बैठे – बैठे मैंने अपनी उँगलियों को को उसके नीचे जाँघों पर भी लहरा रहा था उसके पुरे बदन में हलचल मचनी शुरू हो गयी और उसका रोम रोम तन गया था | जब वो खाना खतम करके अपने कमरे में जान लगी तो मैं भी उसके पीछे पीछे रूम में चला गया | मुझे देखते ही वो शर्मा उठी और मैं भी नहीं रुका बस उससे चिपटते हुए उसकी गर्दन से लेकर होंठों तक अपने लबों से चूमने लगा | मैंने साथ ही अपने और अश्मिता के कपड़ों को खोलना शुर कर दिया | मैं अब कसके अश्मिता के नंगे के चुचों को चूस रहा था और वो भी भी मुझे चूम रही रही थी |
अश्मिता बिस्तर पर अपनी जाँघों को खोल लेट गयी और मैं उसकी चुत में ऊँगली अंदर – बाहर कर रहा था | अश्मिता की चुत गीली हो गयी और अब मैंने भी अपने लंड को चुत पर टिकाया और धक्का मारने शुरू कर दिया | अश्मिता ज़ोरों से अब सिसकियाँ भर रही थी [पर मैं मैं अभी भी उसकी वयस्क इंडियन चुत को पलते हुए थामना नहीं चाहता था | वो तडपती हुई अपनी चुत के दाने पर अपनी उँगलियों को रोटी हुई मसल रही थी | मेरे लंड पर मानो उस वक्त चींटी दौड़ने लगी पर मुझे सिर्फ मज़ा आ रहा था और मज़ा | जब मैं वहन झड गया तो मेरे लंड में जोर का दर्द होने लगा और तब पता चला की मैं भी मुनवर न रह गया था और दूसरी तरफ अस्मिता की वयस्क इंडियन चुत का भी खून निकल रहा था | मौसी की बेटी की चुत न अब कुंवरी था और न मैं कुंवारा और इन्ही जवानी के दिनों में मैं दिन में चार बार अपनी मौसी की लाडली की चुत को पेला करता था |
दोस्तों हुआ भी यूँ की मैं उसके चुचों के गलियारे को देखा हर बार देखते रह जाया करता था और वो भी कभी मुझे अपनी कामुक इंडियन जवानी को ताडने से टोकती नहीं | मैं समझता जा रहा था की की यह वासना भरी चाहत हम दोनों के बीच ही है | एक भरी शाम जब मैं और अश्मिता खाना खा रहे थे तो वही बैठे – बैठे मैंने अपनी उँगलियों को को उसके नीचे जाँघों पर भी लहरा रहा था उसके पुरे बदन में हलचल मचनी शुरू हो गयी और उसका रोम रोम तन गया था | जब वो खाना खतम करके अपने कमरे में जान लगी तो मैं भी उसके पीछे पीछे रूम में चला गया | मुझे देखते ही वो शर्मा उठी और मैं भी नहीं रुका बस उससे चिपटते हुए उसकी गर्दन से लेकर होंठों तक अपने लबों से चूमने लगा | मैंने साथ ही अपने और अश्मिता के कपड़ों को खोलना शुर कर दिया | मैं अब कसके अश्मिता के नंगे के चुचों को चूस रहा था और वो भी भी मुझे चूम रही रही थी |
अश्मिता बिस्तर पर अपनी जाँघों को खोल लेट गयी और मैं उसकी चुत में ऊँगली अंदर – बाहर कर रहा था | अश्मिता की चुत गीली हो गयी और अब मैंने भी अपने लंड को चुत पर टिकाया और धक्का मारने शुरू कर दिया | अश्मिता ज़ोरों से अब सिसकियाँ भर रही थी [पर मैं मैं अभी भी उसकी वयस्क इंडियन चुत को पलते हुए थामना नहीं चाहता था | वो तडपती हुई अपनी चुत के दाने पर अपनी उँगलियों को रोटी हुई मसल रही थी | मेरे लंड पर मानो उस वक्त चींटी दौड़ने लगी पर मुझे सिर्फ मज़ा आ रहा था और मज़ा | जब मैं वहन झड गया तो मेरे लंड में जोर का दर्द होने लगा और तब पता चला की मैं भी मुनवर न रह गया था और दूसरी तरफ अस्मिता की वयस्क इंडियन चुत का भी खून निकल रहा था | मौसी की बेटी की चुत न अब कुंवरी था और न मैं कुंवारा और इन्ही जवानी के दिनों में मैं दिन में चार बार अपनी मौसी की लाडली की चुत को पेला करता था |
प्यास भुजायी काले सीमेंट के मजदूर से

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गुरुवार, 21 मार्च 2013
रीने ने अपनी सहेली को चोदा

रीना को छोटी उम्र मे ही चूदाई का शोख लग गया था. उसकी हरकते लडको जेसी ही थी कपडे भी वो लडको के पहेनती थी ड्रेस कभी नही पहेना था उसने .रीना की सहेली नीना उस से एक साल ही छोटी व सुंदर लडकी थी , रीना ने एक योजना बनायी थी नीना को चोदने की . एक दिन रीना के घर कोइ नही था सब लोग किसी काम से बहार गये थे तो रीना ने नीना को अपने घर रात सोने के लीये बुला लिया रीना का इरादा योजना के मुताबीक उसको चोदने का था . नीना के साथ खाना खाया फीर पास बीठा के बाते करते करते रीना चुंचीया सहेलानी लगी नीना की ओर चोदने के लिए बोली तो नीना ने कहा की हम दोनो लडकीया हे चोदने के लिए तो लंड चाहीये वो तो हमारे पास नही हे . तब रीना उसके गोरे गाल चुम कर बोली इसका इन्तजाम भी हे मेरे पास , वो दिन मे बाजार से खीलोने का लंड ओर वायब्रेटर खरीदा था वो दिखाया ओर बोली की मे इस लंड को पहन कर लडका बन कर तुम्हे चूदाई का मजा चखाती हु , तुम लडकी बन कर चूत मे लंड ले लेना .रीना ने दोनो के कपडे नीकाले ओर लंड लेकर चड गइ उसके चुंचीया दबा कर नीना की चूत मे लंड चडा कर चोदने लगी वो आहीस्ता लंड अंदर बहार करती तो नीना चींख लेती थी पहेली चूदाई ओर लंड भी टाइट था दस मिनिट मे ही खुन नीकल ने लगा मेडम की चूत से .फिर रीना ने चूत से लंड नीकाल कर गांड मे चडाया ओर गांड मारने लगी नीना को गांड मे लंड लेने मे ज्यादा मजा आ गइ रीना पीछे से उसकी चुंचीया मालीश करके गांड मार रही थी जब नीना की गांड फट गइ तो दोनो आराम से सो गये . कहने की जरुरत हे की ,रेखा समलैंगीक थी ?
मेरी फेंटेसी, हवाई जहाज मे चुदाई प्रोग्राम

मै एक बिज़नस मेन हु और सारी दुनिया घूमता रहता हु | मै सुविधा और आराम की वजह से केवल बिज़नस क्लास मे यात्रा करता हु | मेरे पास काफी रुपया- पैसा है, लेकिन सेक्स और संभोग मेरी कमजोरी है | सब लोग तो जाने है, कि हवाईजहाज मे काम करने वाली लड्किया कितनी सुंदर, कामुक और सेक्सी होती है | मेरे मन हमेशा से ही उनको चोदने की इच्छा रही है | आज मै आपको अपनी इसी तरह की एक इच्छा के बारे मे बताता हु | एक बार, मै काफी लम्बी यात्रा पर था और बिज़नस क्लास मे, शायद मै अकेले ही था | तो, मेरी सेवा के लिए परिचालिका भी एक ही थी | जुली नाम था उसका; कहीं बाहर देश की रहने वाली थी | सुनहरे बालो वाली बहुत सुंदर लड़की थी वो | उसकी उम्र कोई २२-२३ होगी | उसका बात करने के अंदाज़ ने मेरा दिल चुरा लिया था और मै उसको मन ही मन चोदने के सपने देखने लगा | जुली मेरे साथ शुरू से थी और यात्रा का १ दिन निकल चुका था और करीब ६-७ घंटो की यात्रा और बची थी | मै काफी काम कर चुका था; सो भी चुका था और काफी किताबे भी पढ़ चुका था | जुली से भी काफी देर बाते कर चुका था और उसको अपनी पीए बनाने का ऑफर भी दे चुका था | उसके बाद वो जिस तरह से मुस्कुराई; मेरी जान ले गयी |ये ६ घंटे रात के थे | जुली ने बिज़नस क्लास का दरवाजा बंद कर दिया था | अब बिज़नस क्लास पूरी तरह से बंद था और सिर्फ मै और जुली ही अब वहा थे | मुझे नीद नहीं आ रही थी और मै एक किताब मे मॉडल के फोटो को निहार रहा था | इतने मे जुली आयी और मेरी कुर्सी को सोने वाली पोज मे डाल दिया और मेरे पेरो पे क्रोस करके बैठ गयी और मेरे चेहरे को पकड़ के अपने होठो मेरे होठो पर रख दिये | उसके होठ काफी रसीले थे और उसकी साँसों मे गर्माहट थी | जुली ने अपने कपडे उतार दिये और बिकनी मे आ गयी | उसकी बिकनी और पेंटी सिल्की और चमकीले लाल रंग की थी | जो उसके गोरे बदन को और भड़कीला बना रही थी | उसने जल्दी से मेरे कपडे उतारे और मुझे पूरा नंगा कर दिया और मुझे सीट पर पूरा लिटा दिया और खुद घुटनों के बल बैठ गयी | उसने मेरे लंड को अपने होठो के बीच मे दबा लिया और कामुक तरीके से चूसने लगी | मै मस्ती मे अपनी गांड हिला रहा था | मुझ से ये बैचेनी बर्दाश्त नहीं हो रही थी | मैने उसके मुह को अपने लंड से अलग किया और उसके ब्रा-पेंटी को उतार दिया | बिकनी उतारते ही, उसके सेब जैसे लाल और बड़े चुचे बाहर लटक गये | मैने बिना देरी किये, उनको अपने मुह मे दबा लिया और बच्चो की तरह उनका दूध निकालने लगा |वो मज़े मे, सिसकिया लेने लगी और मेरी बाहों मे कसमसाने लगी | मै सीट से उठा और उसको सीट पर लिटा दिया | और उसको लम्बी टांगो को अपने कंधो पर रख दिया और उसके पेरो को इस तरह से खोला; कि, उसकी चूत मे मेरे लंड जाने का रास्ता बन जाए | फिर, मैने अपना लंड उसकी चूत पर रखकर अंदर ठेल दिया | मेरे लंड थोडा बड़ा था और मोटा भी | उसकी चूत थोड़ी खुली हुई थी; तो, मुझे कोई परेशानी नहीं हुई | मेरा लंड पूरी तरह से जुली की चूत मे समा चुका था और मै मस्ती मे उसको धक्के मार रहा था | जुली भी अपनी गांड हिलाहिलाकर मुझे मज़े करवा रही थी | जुली की हरकतों से मुझे समझ आ चुका था; कि वो २ बार झड चुकी है; लेकिन, मै अभी बाकी था | तो, उसने मेरी लंड निकल लिया और मुझे सीट पर बिठा दिया और मेरे लंड को सीधा खड़ा कर दिया और अपनी चूत को अपने हाथो से खोलकर मेरे लंड पर लगा दिया और खुद को ऊपर नीचे करने लगी |वो पोज मेरे लिए बहुत खतरनाक था | मेरी पूरी खाल ऊपर नीचे हो रही थी और मुझे थोडा दर्द भी हो रहा था | लेकिन, जब तक मैने खुद जुली हो हटाया नहीं, उसने हार नहीं मानी और मेरा २ बार पानी निकाल दिया | जब मैने घडी मे समय देखा, तो हम करीब २ घंटे सेक्स कर चुके थे | मै और जुली दोनों ही थक चुके थे और जुली ने मेरे बराबर वाली सीट को मेरी सीट से जोड़ दिया और मेरे से चिपके सो गयी | जब अलार्म बजा, तो उठकर तैयार हो गयी और सेवा मे हाज़िर थी | उसको बाद मे, मैने अपने ऑफिस मे रख लिया और उसने मुझे और मेरे दोस्त को मजे दिये | कुछ सालो बाद उसने जाने को कहा, तो हमने उसको फ्री कर दिया |
गरमा गरम इंडियन लड़कियाँ की चाहत

शायद ही किसी को पता होगा की गरमा गरम इंडियन लड़कियाँ क्या चाहती हे असल में | सब को कुछ लगता होगा पर उनकी असली चाहत शायद ही किसी को पता होगा | हर इंडियन लड़की यही चाहती हे की उसे एक लड़का मिले जो उसे सच्चे दिल से प्यार करे और इतना प्यार करे की वो लकड़ी बस उसी के प्यार में डूबी रहे और कभी बाहर आने का मोका न मिले | पर वोही इंडियन लड़की जब गरमा गरम इंडियन लड़की बन जाती हे तब उसकी चाहत वोही रहती हे पर हल्की सी बदल जाती हे | तब उनकी चाहत ये होती हे की कोई ऐसा लंड वाला लड़का मिले जो सिर्फ उसी को योन सुख दे और उसके सिवा किसी और को अपना लंड न दे | उस समय वो लकड़ी बस उसके लंड से प्यार करती हे और वो नही चाहती की वो लंड किसी और के चुत में जाये |
यही फर्क हे इन इंडियन लड़कियों में और गरमा गरम इंडियन लड़कियों में | दोनों को एक ही से प्यार होता हे और वो नही चाहते की उन दोनों को जिससे प्यार हुआ हे वो किसी और के पास जाये | एक को चहिये की उसका मर्द किसी और के पास न जाये और दूसरी चाहती हे की उसके मर्द का लंड किसी और के पास न जाये भले ही मर्द चले जाये पर लंड न किसी और इ पास जाये |
यही फर्क हे इन इंडियन लड़कियों में और गरमा गरम इंडियन लड़कियों में | दोनों को एक ही से प्यार होता हे और वो नही चाहते की उन दोनों को जिससे प्यार हुआ हे वो किसी और के पास जाये | एक को चहिये की उसका मर्द किसी और के पास न जाये और दूसरी चाहती हे की उसके मर्द का लंड किसी और के पास न जाये भले ही मर्द चले जाये पर लंड न किसी और इ पास जाये |
मैने की मस्ती मै चुदाई

दोस्तों मेरा नाम नीलम है और मेरी उम्र १८ साल है | मेरी जवानी ने अभी-अभी जोर मारना शुरू किया है और मेरी वक्ष बहुत उन्नत है और मेरी फिगर बहुत ही कसी है और मेरा बदन बहुत ही मदहोश करने वाली है | मेरी आँखे नीली है और मेरे बाल बहुत लम्बे है | कुल मिलाकर, मै अच्छी दिखती थी और जब मै रास्ते पर निकलती थी, तो गली के मुंडे मुझे देखकर अपने होटो पर जीभ फेरते थे और रात मे, मुझे अपने सपने मे याद करके बिस्तर पर मुठ मारते थे | मेरा कमरा घर मे सबसे ऊपर था और मै अकेले रहती थी | मेरे पास एक कंप्यूटर था, जिसके अन्दर मैने ब्लू फिल्म का खजाना जमा कर रखा था | मै हर रात को सोने से पहले एक ब्लू फिल्म देखती और रात मे किसी पड़ोस के लड़के, कॉलेज के लड़के और बॉलीवुड के हीरो को सोचकर उससे चुदती | मुझे इस तरह बड़ा मज़ा आता था |
मैने एक नकली लंड भी लाकर रखा था, जिसको मै सपने देखते हुए प्रयोग करती थी, ताकि जब सपने मे मेरी चूत फट रही हो, तो असली मे, मेरी चूत मे लंड हो |उस दिन मैने एक समलैंगिक लड़कियों की फिल्म देखी थी और मुझे मेरी एक दोस्त उर्मी बहुत पसंद थी | वो कॉलेज के खेलकूद मे भाग लेती थी | उसका शरीर लडको की तरह तो नहीं, लेकिन गठीला था और उसके हाथ किसी भी लड़की के शरीर मे आग लगा सकते थे | मैने भी एक बार एक खेल मे भाग लिया था, तो मैने उसको नंगा देखा था, वो नंगी बाथरूम मे नहा रही थी और उसके बाथरूम की कुण्डी खुल गयी | मेरे सामने वो नंगी, नल के नीचे खड़ी हुई नहा रही थी | क्या मस्त शरीर था उसका, बड़े और कसे हुए चुचे और उनपर भूरे और खड़े निप्पल और चूत पर सिर्फ छोटे-छोटे बाल | बहुत ही मस्त शरीर का उसका | मैने उससे माफ़ी मांगी, लेकिन उसने जवाब मे सिर्फ मुस्कुरा दिया | आज मुझे उसकी की याद आ रही थी और मै उसी से अपने सपने मे चुदना चाहती थी |
जब मै ब्लू फिल्म देख रही थी, तो मुझे वो ही याद आ रही थी | जब स्क्रीन पर वो फिल्म चल रही थी, तो मुझे लगा; कि उर्मी और मै उस फिल्म मे है | उस फिल्म मे, हम दोनों एक पूल मे नहा रहे थे | पुरे नंगे थे और नंगे होकर तैराकी करने मे मज़ा ही अलग है | हम दोनों ने मस्त होकर बहुत देर देख तक तैराकी की और उसके बाद हम दोनों पूल के किनारे बैठ गये | हम दोनों एक दुसरे से सटकर बैठ गये और एकदूसरे के होटो को चूमने लगे और चूसने लगे | फिर, हमारे हाथ एक दुसरे के चूचो पर चले गये और हलके से दबाने लगे और निप्पल को खीचने लगे | उसके बाद हमने होटो को छोड़कर एक दुसरे के निप्पलो को चूमने और चाटना शुरू कर दिया | हम दोनों के ही शरीर मस्ती मे हिल रहे थे और कामुक आवाजो से सारा पूल गूंज रहा था | और असली मे भी, मेरी शरीर तप रहा था और कसमसा रहा था |
मै नंगी होकर अपने निप्पल को चूस रही थी और दबा रही थी | फिर, हम दोनों ६९ होकर एक दुसरे की चूत को चूसने लगे और हमारे पैर मस्ती मे चलने लगे | बहुत ही मस्त और कामुक माहौल था | असली मे, मेरी जान निकली जा रही थी और मै कुर्सी से गिरने के तैयार थी |फिर, मैने अपना लंड निकाला और अपनी चूत मे डाल दिया और अपनी गांड हिलाने लगी | मेरी गांड हिलने से लंड जितना हो सकता था, उतना अन्दर घुस गया और मेरी गांड और जोर से हिलनी शुरू हो गयी | नकली लंड मेरी चूत के अन्दर कहीं जाकर टकरा रहा था और मुझे मस्ती दे रहा था | मुझे ऐसा लग रहा था, कि कोई मेरी चूत को मसल रहा है | कुछ मिनटों बाद मेरी पिचकारी चूत गयी और मै कुर्सी से गिर पड़ी | उस दिन तो मेरी ऐश ही हो गयी और मै पूरी तरह से तृप्त हो गयी |
मैने एक नकली लंड भी लाकर रखा था, जिसको मै सपने देखते हुए प्रयोग करती थी, ताकि जब सपने मे मेरी चूत फट रही हो, तो असली मे, मेरी चूत मे लंड हो |उस दिन मैने एक समलैंगिक लड़कियों की फिल्म देखी थी और मुझे मेरी एक दोस्त उर्मी बहुत पसंद थी | वो कॉलेज के खेलकूद मे भाग लेती थी | उसका शरीर लडको की तरह तो नहीं, लेकिन गठीला था और उसके हाथ किसी भी लड़की के शरीर मे आग लगा सकते थे | मैने भी एक बार एक खेल मे भाग लिया था, तो मैने उसको नंगा देखा था, वो नंगी बाथरूम मे नहा रही थी और उसके बाथरूम की कुण्डी खुल गयी | मेरे सामने वो नंगी, नल के नीचे खड़ी हुई नहा रही थी | क्या मस्त शरीर था उसका, बड़े और कसे हुए चुचे और उनपर भूरे और खड़े निप्पल और चूत पर सिर्फ छोटे-छोटे बाल | बहुत ही मस्त शरीर का उसका | मैने उससे माफ़ी मांगी, लेकिन उसने जवाब मे सिर्फ मुस्कुरा दिया | आज मुझे उसकी की याद आ रही थी और मै उसी से अपने सपने मे चुदना चाहती थी |
जब मै ब्लू फिल्म देख रही थी, तो मुझे वो ही याद आ रही थी | जब स्क्रीन पर वो फिल्म चल रही थी, तो मुझे लगा; कि उर्मी और मै उस फिल्म मे है | उस फिल्म मे, हम दोनों एक पूल मे नहा रहे थे | पुरे नंगे थे और नंगे होकर तैराकी करने मे मज़ा ही अलग है | हम दोनों ने मस्त होकर बहुत देर देख तक तैराकी की और उसके बाद हम दोनों पूल के किनारे बैठ गये | हम दोनों एक दुसरे से सटकर बैठ गये और एकदूसरे के होटो को चूमने लगे और चूसने लगे | फिर, हमारे हाथ एक दुसरे के चूचो पर चले गये और हलके से दबाने लगे और निप्पल को खीचने लगे | उसके बाद हमने होटो को छोड़कर एक दुसरे के निप्पलो को चूमने और चाटना शुरू कर दिया | हम दोनों के ही शरीर मस्ती मे हिल रहे थे और कामुक आवाजो से सारा पूल गूंज रहा था | और असली मे भी, मेरी शरीर तप रहा था और कसमसा रहा था |
मै नंगी होकर अपने निप्पल को चूस रही थी और दबा रही थी | फिर, हम दोनों ६९ होकर एक दुसरे की चूत को चूसने लगे और हमारे पैर मस्ती मे चलने लगे | बहुत ही मस्त और कामुक माहौल था | असली मे, मेरी जान निकली जा रही थी और मै कुर्सी से गिरने के तैयार थी |फिर, मैने अपना लंड निकाला और अपनी चूत मे डाल दिया और अपनी गांड हिलाने लगी | मेरी गांड हिलने से लंड जितना हो सकता था, उतना अन्दर घुस गया और मेरी गांड और जोर से हिलनी शुरू हो गयी | नकली लंड मेरी चूत के अन्दर कहीं जाकर टकरा रहा था और मुझे मस्ती दे रहा था | मुझे ऐसा लग रहा था, कि कोई मेरी चूत को मसल रहा है | कुछ मिनटों बाद मेरी पिचकारी चूत गयी और मै कुर्सी से गिर पड़ी | उस दिन तो मेरी ऐश ही हो गयी और मै पूरी तरह से तृप्त हो गयी |
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