बुधवार, 20 मार्च 2013

गांड चोदो और इंसान बनो

आज मैं आपको अपने कॉलोनी में मस्त जवान लड़की की गांड मारने की कहानी सुनाने जा रहा और अच्छी बताऊं तो दोस्तों गांड मरने में उतना मज़ा है जितना किसी को चुत मारने में कभी नहीं आएगा | मेरी यह कहानी पढ़ आप एक बार अपनी साथिन की गांड मारने के विचार से हो गुजरेंगे | दोस्तों चुत तो गधा भी चोद लेता है इसीलिए गांड चोदो और इंसान बनो . . .!! उसका उसका गठीला बदन पूरी कॉलोनी में चर्चित होने लगा था और जब एक दिन मेरे दोस्तों ने बताया की हमारी कॉलोनी  में एक मस्त माल ई है तो मैंने भी उस जवान हुस्न की मल्लिका की खोज में निकल पड़ा | मैंने जब उसे देखा तो दोस्तों बस देखत ही रह गया | उसकी मस्तानी गांड उप्पर वाले ने कितनी फुर्सत से बनाई हुई थी और उसके मोटे चुचे तो हमारी कॉलोनी के सभी मर्दों को एक बार में संतुष्ट कर सकते थे |
मैंने अब सोच लिया की जब मैं उसकी गांड का दीवाना हुआ जा रहा हूँ तो आखिर उसकी एक बार गांड की कोशिश में हर्ज ही क्या है | मैंने उसे एक दिन घर जाते हुए दबोच और कहने लगा मुझे तुम में बड़ी दिलचस्पी है . . !! वो कहें कगी मतलब प्यार व्यार हो गया है तुम्हे मुझसे . .?? मैंने कहा वो नहीं  .. मैं तुमारी गांड मारना चाहता हूँ . .और माँ कसम तुम भी मज़े में सातवें आसमान जा पहुंचोगे . .!! वो हंस पड़ी और कहने लगी, तुम्हारी हिम्मत की तो दात देनी पड़ेगी . . चलो कल सुबह घर आयो और देखती हूँ तुम्हारे लंड का दम . .!! मैं तो झूम उठा और उस दिन पूरी रात पर सरसों के तेल से अपने लंड की सेवा कर रहा था आखिर अगले दिन अपना वचन जो निभाना था |
मैं उसके घर में गया तो उसने बड़ा ही मुलायम नाईटी जैसे लिवाज़ ढका हुआ था और मैं पलभर में न आव देखि ताव बस उसे उनको चूमना शुरू कर चूका था | मेरी इतनी सी हरकत पर वो भी गर्म होने लगी और मैं अपने हाथों से उसके चुचों को को भींच रहा था | मैं उसके नाईटी जैसे लिवाज़ को उतार दिया और उसके मोटे चुचों टूट पड़ा | मैं उसके मोटे बड़े च्चुहों को अपने मुंह में बारी बारी भरके चूसने लगा | वो भी उत्तेजित हो चुकी थी और तभी पीछे हटी और बिस्तर पर नौहर कर अपनी जाघों को खोल किसी रंडी की तरह मुझे निवेदन देने लगी और मैंने भी उसकी नंगी चुत पर थूक लगाकर अपने लंड को टिकाते हुए जोर का धक्का मारा | मेरा लंड भी उसकी चिकनी चुत में एक बार में ही अंदर चला गया | वो सिर्फ मज़े लुट रही थी और अपने चुचों को दोनों हताहों से मसलते हुए आह्ह अहहह कर चिल्ला उठ रही थी |
मैं अब तक मज़े में उसे चोदे जा रहा था और २० मिनट में इतना उत्तेजित हो उठा की झड़ने को हो गे और उसने मुंह में मेरा सारा मुठ भर लिया | मेरे मुठ को चाट वो बोली बस इतना ही दम . .!! मैं अब कामुक मुस्कान दी और उसके चूतडों को उठाकर उसे कुतिया बना डाल और उसकी गांड के छेद पर थूक मलने लगा | अब बस वो मेरे लंड को हौंसले को देखना चाहती थी और मैंने दो – चार ऊँगली अंदर कर अपने लंड को टिका डाला और उसकी गांड में एक ही बार धक्का देकर चुत की तरह पूरा लंड अंदर घुसेड दिया | वो जोर से चिल्ला उठी क्यूंकि पहली बार आज उसकी गांड चुदी थी | अब वो बस कुतिया तरह जोर जोर से चिल्ला रही थी और जतनी उसकी चींखें बड़ी उतनी ही रफ़्तार मेरे लंड की भी बड़ी | मैं कुत्ते की तरह उसके उप्पर चढा हुआ था और आखिर दम तक चोदता रहा उसकी गांड को अब तक मैं दूसरी बार झड़ने को नहीं हो गया | हम दोनों सातवें आसमान की सैर की थी और उसके बाद अपनी गांड की चुदाई की ज़िम्मेदारी मेरे लंड को सौंप ही दी थी |
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