बुधवार, 20 मार्च 2013

कट्टो की बिना बाल वाली इंडियन गांड कहानी मजदूरन की [भाग-2]

कहानी के पहले भाग में मैने बताया कि कट्टो मेरी खेत की मजदूर की इंडियन गांड में मैने अपना लंड डाल दिया था। थोडी देर में लंड अंदर था और मैने धक्के लगाने शुरु कर दिये। वह अब धीरे धीरे चीख रही थी और मैने देखा, गांड के किनारे चिरक कर फ़ट गये थे। पंद्रह मिनट गांड मारने के बाद मैने अपना लंड उसके मुह में दे दिया और वह चूसने लगी। मुखमैथुन का मजा अगर इंडियन गांड मारने के बाद लो तो फ़िर क्या कहना। वो चूस चूस कर निहाल हो रही थी और उसका दरद कम हो गया था। मैने उसे उठा के गठ्ठर पर बिठा दिया। टागें खोलीं और अपनी जीभ उसके चूत और इंडियन गांड के निचले हिस्से पर फ़िराने लगा। उसे राहत मिली, गांड अभी भी पर परा रही थी उसकी, मैने हल्का हल्का मसाज करते हुए देखा, चूत की फ़ांकें हल्की खुल चुकी थीं और अब बारी थी उसके चूत की, लंड भी देसी मुखमथुन का मजा लेकर तैयार हो गया था और आज उसे एक और कंवारा छेद मारने का मौका था।
अब मैने कट्टो की चूत पर अपना लंड का सुपाड़ा रगड़ दिया। अंदर आजमाया तो पाया कि आधा छेद ही है, बस घुसाने के लिये, बाकी लौड़ा काफ़ी मोटा था। मैने उंगलियों से खोल चूत का जायजा लिया तो देखा कि चूत की झिल्ली ज्यो की त्यो है, उफ़्फ़ देसी चूत और हायमन झिल्ली! मेरा लंड और शान से तन गया इस नायाब फ़ुद्दी को मारने के लिये। मैने कट्टो को एक किस दिया, हाथ में पांच सौ का नोट तो वो बोली अब क्या जान लेने वाले हो जो पैसा दे रहे हो। मैने कहा जानेमन तू जान ले लो क्योंकि तू कमाल की हो। और फ़िर उससे आंखें मूदने को कहा और उसके मुह पर हाथ रखकर लंड को चूत में धकेलना शुरु किया। एक इंच अंदर घुसके लंड रुक गया। मैं समझ गया कि ये बाधा तो पार करनी ही पड़ेगी और फ़िर क्या। एक जोर दार धक्का मारा और कट्टो मेरे गले से लिपट गयी। मेरा लंड उसकी फ़ुद्दी में अंदर उतर चुका था और वो गट्ठर पर से कूद मेरे गले में झूल चुकी थी। उसने मेरे गांड के तरफ़ अपने पैर ले जाकर फ़ंसा लिये थे। अब तो मामला और लाजवाब हो गया था। लंड अंदर और वो हवा में मेरे गरदन में झूली हुई। मैने उसकी  इंडियन गांड के गोलाईयों को पकड़ कर सहारा दिया और अपनी तरफ़ दबाते हुए चोदना शुरु किया।  मेरा लंबा मोटा लंड चूत के अंदर था और एक दम टाईट होने से बहुत ज्यादा ही मजा आ रहा था। धकाधक चोदते हुए खुद कमसिन क्ट्टो भी अब अपनी इंडियन गांड उछाल उछाल कर चूत में लंड ले रही थी। थोड़ी देर बाद हम झड़ गये और अपना लंड कट्टो की चूंचियों पर रगड़ कर उसको चूसने को दे दिया। वो भी बहुत खुश थी अपने छोटे मालिक का लंड लेकर। आज मैं उसकी बिना बालों वाली इंडियन गांड और चूत पाकर बहुत खुश था। कट्टो मेरी पेटेंट माल है गांव में और जब भी मैं जाता हूं तो उसकी जवानी का रस लेना नहीं भूलता। उसके बाद से कितने ही मजदूर लड़कियों की मैने इंडियन गांड का मजा लिया पर कट्टो की बात ही कुछ और है |
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