बुधवार, 20 मार्च 2013

परदेश की परायी चूत से बदल डाली बीबी

हेलो दोस्तों मैं एक अधेड़ हूं और मेरा नाम संजय है। शादी के दस साल के बाद हम पति पत्नी सेक्स में नयापन चाहते थे। और इसके लिये हमने विदेश ट्रिप पर जा कर कुछ नया करने के बारे में सोचा। इस बार हम मारीशस ट्रिप पर गये थे। समुद्र के किनारे मैं और मेरी पत्नी दोनो ही अधनंगे थे। उसकी जानी पहचानी चूंचियां नयी ब्रा में भी मुझे कुछ खास आकर्षित नहीं कर पा रहीं थीं और मैं उसकी भरी हुई चिकनी जांघों पर अपनी निगाह फ़िसलाते हुए लहर लेते समंदर की अथाह जल राशि को देख अपने अंदर हिलोरे मार रही अनजान सी चाहत को समझने की कोशिश कर रहा था। सामने अचानक मुझे एक कैरेबियाई जोड़ा दिखा। बेखौफ़ वो एक दूसरे को रगड़ते चूमते चाटते और अंदरुनी अंगों को सहलाते हुए मेरा ध्यान बरबस उस काली आबनूसी रंग की मोटे होटो वाली खुरदरे गांड के उपर लाल छोटी चड्ढी पहने थी। उसकी पैंटी की डोरी उसकी गांड की गोलाईयों के बीच एक धागे की तरह लटकी हुई थी और उसकी गांड के छेद और चूत की फ़ांकों के बीचो बीच जाती हुई उनको ढंकने में असफ़ल थी और इस कारण मेरी निगाह बरबस उस डोरी के उपर टिकी थी। लेकिन आग एक तरफ़ ही नही थी।
मैंने देखा पुष्पा, मेरी बीबी उस हब्शी के बड़े लंड के उभार को देख रही थी और उसकी एक झलक पाने को बेताब थी। चुदाई का एकरस तरीका और एक ही ट्रैक उसे अब अफ़्रीकन सफ़ारी जैसे लंड की सवारी करने को बेबस कर रहा था। मैं भी उस हब्शी कन्या के अनोखे हुस्न औ शबाब का दीवाना हुआ जा रहा था और अपनी पत्नी के आंखों में लाल होते डोरे को देख कर समझ गया था कि वो भी कुछ अनोखा चाहती है। मुझे एक बात सूझी क्यों न हम चूत की अदला बदली कर लें, और थोड़ी ही देर में वो दोनो कपल हमारे पास आते दिखाई दिये। टूटी फ़ूटी इंगलिश में उस काले मर्द ने कहा डू यू वान्ट टू स्वैप योर वाइफ़ विद मी। मतलब कि क्या तुम अपनी पत्नी थोड़ी देर के लिये मुझसे बदलोगे। पराये विदेश में कौन पहचानने वाला, मैंने पुष्पा को देखा तो उसने अपनी लाल लाल निगाहें नीचे करली, मैने तुरत उसकी आबनूसी महिला दोस्त का हाथ पकड़ा और उस हब्शी ने मेरी बीबी को खिलौने की तरह उठा लिया अपने गोद में।
हम दोनो ही कोकोनट ट्रीज के तरफ़ एक दूसरे की बीबियों को लेकर चले। पेड़ के नीचे मेरी बीबी को उसका सहारा देकर हल्का झुकाकर जो चोदना शुरु किया उस कालू ने वो बिल्कुल उस रात की तरह चिचिया रही थी जैसे कि सुहागरात को। मैंने बदले की भावना से उसकी बीबी के पूरे हलक में अपना इंडियन लंड पेल दिया। वो गे गे कर रही थी लेकिन कोई चारा नहीं था मुझे पता था उसे मजा आ रहा था। हब्शी का लंड मेरी बीबी के चूत में आधा जाते जाते वो जमीन पर गिर पड़ी थी लेकिन वह रुका नहीं उसे गिरा गिरा चोदता रहा। थोड़ी देर में मैं उसकी बीबी की खुरदरी गांड मार रहा था। अपना मूठ उसकी गांड में छोड़कर मैंने जल्दी से अपनी बीबी की सुध ली। वो जमीन पर पड़ी कराह रही थी और उसकी गांड से वीर्य बहकर चूत में घुस रहा था। बेहोशी की हालत में भी वो फ़क माय ऐस्स फ़क माय ऐस्स चिल्ला रही थी। उसे मैं सहारा देकर होटल ले गया। और फ़िर लगातार एक हफ़्ते हमने अपनी सारी कल्पनाओं के सेक्स बदल बदल के एक दूसरे की पत्नियों के साथ किये
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