बुधवार, 20 मार्च 2013

फौजी की बीवी मेरे शिंकजे मे

फौजी की बीवी मेरे शिंकजे मे
हाई दोस्तों, मेरा नाम शाम हे और मैं वाराणसी से हूँ | आज में जो आपको कहानी बताने वाला हू वो तब की बात हे जब में ११वि में पढता था और उस समय गर्मी की छुट्टी चल रही थी | मेरे घर के सामने एक घर था जिसमे एक परिवार रहता था | उस परिवार में सिर्फ पती पत्नी थे और कोई नही | अंकल को कुछ प्रॉब्लम था जिसके कारण उन्हें बच्चा नही हुआ | अंकल एक फोजी थे और दस दिन के लिए ही घर में रहते थे और फिर तीन महीने के लिए चले जाते थे | आंटी दिखें में उतनी खास नही थी पर अच्छी थी बोले तो उन्हें देख के आपको उनसे बात करने का मन जरुर होगा इतनी ठीक ठाक तो थी वो | रंग उनका सावला था, चुचके भी ठीक ठाक थे और गांड भी | कुल मिला के एक नोर्मल आंटी थी और बात भी अच्छे से करती थी |
मैं और मेरा एक दोस्त अक्सर उनके घर के पीछे वाले मैदान में खेलते थे | मेरा दोस्त बहुत दूर रहता था इसीलिए वो हमेशा लेट आता था और में उसका इंतज़ार करता था उनके घर के पीछे | आंटी मुझे हर दिन देखती थी की मैं अकेला हूँ और फिर जब दोस्त आता हे फिर में खेलता रहता हू |एक दिन क्या हुआ की मैं पीछे दोस्त का इंतज़ार कर रहा था और मुझे प्यास लग गयी | तो मैं सोचा सोचा की क्या करूँ और फिर में उसी आंटी के घर चला गया और घंटी बजाई और आंटी से कहा की पानी चाहिए पीने के लिए | आंटी ने मुझे अंदर बुलाया और फिर पानी पिलाई और बोली तुम बाहर क्यों बैठे रहते हो कल से तुम मेरे घर आके अपने दोस्त का इंतज़ार कर लिया करो | मेने पहले मना किया पर वो बोली कुछ नही होता अपना ही घर समझलो | दूसरे दिन में साइड उनके घर गया और दोस्त का इंतज़ार करने लग गया और आंटी भी मेरे साथ बैठ कर बातें कर रही थी जब तक मेरा दोस्त नही आया | तीन चार दिन इसी तरह बीत गए और एक दिन मैं उन्ही के घर में था और मैं और आंटी टीवी देख रहे थे |
अब आंटी और मैं काफी खुल चुके थे और खुल के बात करते थे, उसदिन क्या हुआ की हम दोनों टीवी देख रहे थे और अचानक किस का सीन आ गया तो आंटी के हाथ में रिमोट था पर आंटी इन बदला नहीं और वहा से उठ के चली गयी किचन में और फिर कुछ देर के बाद आया गयी |मेने आंटी से पूछा की क्या हुआ था, आंटी बोली कुछ नही मेने फिरसे पूछा तो आंटी बोली की ऐसे सीन देखने से मुझे अजीब सा लगता हे और फिर पुरे दिन मेरा दिल बेचें रहता हे | मेने पूछा क्यों ऐसा क्यों होता हे, फिर वो बोली अब तुमसे क्या छुपाना तुमसे वो क्या हे की तुम्हारे अंकल को कुछ प्रॉब्लम हे इसीलिए हमे अब तक कोई बच्चा नही हुआ और तुम्हे शायद पता ही होगा की जब पती अपनी पती से दूर रहता हे बहुत दिनों के लिए तो पत्नी उनके प्यार के लिए तडपती हे |
मेने कहा जी हाँ ये तो पता हे मुझे, सुहागरात के बाद अगर ठीक से प्यार न मिले तो ऐसा ही होता हे, उन्क्ली की कमी तो में पूरा नही कर सकता पर अगर मेरे लिए कुछ काम हो तो मुझे जरुर बता दीजियेगा | फिर मेरे दोस्त आ गया और एम् चला गया और फिर जब में खेल के जाने लगा तो वो बोली की सुनो जरा मैं उनके पास गया और कहा जी अंटी बोलिए वो बोली कल तुम मेरे घर दस बजे आ जाना मुझे कुछ काम हे मैं अकेले नही कर सकती | मेने कहा ठीक हे मैं आ जाऊंगा और फिर में वहा से चला गया |दूसरे दिन में उनके घर दस बजे पहुच गया और आंटी ने मुझे अंदर बैठने को कहा | आंटी बोली देखो तुमसे तो में अब कुछ छुपाती नही हू पर तुम ये सब बातें किसी और को मत बताया करो वरना एक तो में यहाँ अकेली रहती हू और अगर ये सब बाते बाहर फैल गयी तो बदनामी हो जायेगी मेरी | मेने कहा अरे आंटी ये आप क्या बोल रही हो में ये सब नही करता | आंटी फिर बोली की मेरे साथ मेरे कमरे में आओ और फिर में उनके पीछे पीछे चलने लगा और उनके कमरे में पहुच गया | अंदर जाने के बाद आंटी ने मुझे पकड़ के बिस्तर पे बिठाया और फिर मुझे बोली की क्या तुम मुझे प्यार दोगे ? मेने पूछा कैसे ? आंटी बोली तुम दोगे या नही वो बोलो केसे देना हे वो अपने आप हो जायेगा | मेने कहा ठीक हे में दूँगा फिर आंटी ने मुझे गले लगा लिया और फिर आहे भरने लगी कस कस के |
मैं उनको लेके खड़ा हो गया और उन्हें कस के गले लगा लिया और उनके गले पे किस करने लग गया | वो भी मेरा साथ देने लग गयी और मुझे चूमने लगी मेरे चेहरे को पकड़ के |मेने फिर उन्हें बिस्तर पे लेटा दिया और उनके उपर चड गया और उनके होठो को चूसने लगा और और वो भी मेरे होठो को चूसने लगी | दो तीन मिनट होठो को चूसने के बाद मैं उनके गालो को चूमा और फिर चुमते चुमते उनके गले को चूमने लगा और फिर छाती को भी चूमा | उन्होंने उस वक्त साडी पेहेन रखी थी तो मेने उनके पल्लू को छाती के उपर से हटा दिया और उनके ब्लाउस के उपर से ही उनके चुच्चो को मुह में भर लिया | वो अब जोर जोर से सिसकिय भरने लगी और बिस्तर को अपने हाथो से नोचें लगी | मैं उनके एक तरफ के चुच्चे को मुह में भर के काट रहा था तो दूसरे को मसल रहा था | दो तीन मिनट ये किया और फिर मैं निचे की तरफ सरक के आया और उनके नाभि को चूमा और उसमे जीभ डाल के उन्हें मजा देने लग | फिर मैं खड़ा हुआ और उन्हें साडी उतारने को तो उन्हें झट से उतार दी अपनी साडी और फिर से बिस्तर पे लेट गयी | मैं उनके उपर फिरसे चड गया और उन्हें फिरसे चूमने लगा और फिर चुमते चुमते उनके ब्लाउस का हुक खोल दिया सामने से और फिर उनके चुच्चे आजाद हो गए |आगे की कहानी के लिए पढ़िए ” एक आंटी के दो दो पती “

कामसूत्र वीडियो से मिला सेक्स का ज्ञान

कामसूत्र वीडियो से मिला सेक्स का ज्ञान
सब लोग तो ये नही कहते की हम अस्लिन फिल्म देखते हे या फिर कामसूत्र वीडियो देखते हे, ऐसा कोई नही कहता | कुछ लोग कहते हे की आज तक हमने कोई ऐसी अस्लिन फिल्म नही देखी या फिर हमे नही पता की सेक्स केसे करते हे | मैं उन्ही लोगो से पूछता हूँ की अगर बचपन से कामसूत्र वीडियो नही देखी, अस्लिन फिल्म नही देखी, सेक्स केसे करते हे या नही पता तो सुहागरात वाली रात को उनको केसे पता चला की उन्हें उस रात को क्या करना हे या फिर उनके बच्चे केसे पैदा हुए, अगर उन्हें ये सब नही पता था | या फिर ऐसा हो सकता हे की उन सब लोगो कि बीवी ने बताया होगा की ” ऐ जी सुनो न ऐसे करो न “, क्या ये बात सही हे ? पता नही कोनसी बात सही हे, हम तो उन लोगो में से नही हे जो बात छुपाते हे और हमको वेसा होना भी नही चाहिए | सेक्स कोई बुरी बात तो नही हे, अगर सेक्स बुरी बात हे तो आज तक जितने लोग भी माँ या फिर बाप बने हे सबने पाप किया हे, क्युकी बिना सेक्स के तो कोई बच्चा पैदा नही होता ये तो बच्चे बच्चे को पता हे | वो अलग बात होगा की आप में से कोई ” टेस्ट टियूब बेबी ” हो |
अगर आपको सेक्स का ज्ञान कामसूत्र वीडियो से मिला हे तो सही हे, या फिर किसी किताब से मिला हे तो भी सही हे या फिर दोसोत ने बाते हो तो भी सही हे, कही से भी मिला हो बात एक दम सही हे | इसमे छुपाने वाली कोनसी बात आ गयी मुझे तो यही समझ नहीं आता | कही से भी मिला हो ज्ञान छुपाना किसलिए, छुपके क्या आपको क्या कोई मेडल मिलने वाला हे ?

प्यार का भुत कहाँ तक ले आया

प्यार का भुत कहाँ तक ले आया
नमस्कार दोस्तों,
आज मैं आपको अपनी बड़ी ही प्रिय और यादगार कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसका दिल कभी आपका भी करता होगा | दोस्तों मैं अपने स्कूल के समय से ही निदुरी की प्यार में पड़ गया था और उसके प्यार में तो मैंने जैसे खान – पीना सब ही छोड़ रखा था | उसके ख्याल मेरे दिमाक पर ऐसे छाये हुए थे की मैं अब तो अपनी पढाई भी ढंग से नहीं कर पाता था और हर वक्त किताबों की शक्ल को देखता हुआ उसी के ख्यालों में खो जाया करता था | वो दिखने में बहुत मासूम थी और मुझे इसी बात का डर था की अगर मैं उसके सामने अपने प्यार का प्रस्ताव रखूं तो वो अपने माँ – बाप को मेरी वाता लगवाने के लिए ना बुला लाये | इसके बावजूद मेरे दोस्तों के हौंसला बढाने पर मैंने उसके सामने अपने प्यार का प्रस्ताव रख दिया |
मुझे यकीन ना हुआ पर हुआ पर वो भी मुझे उतना ही चाहती थी जितना की मैं उसे छटा था और शायद कभी ना कह पाती अगर में ना उसे कहता तो | उस समय के बाद से ही हम एक अच्छे जोड़े साबित हुए |हम इस तरह अपने प्यार के पल को व्यतीत करते हुए अपने कॉलेज के समय तक भी पहुँच गए और उन दिनों अब वो कुछ ज्यादा ही परेशान रहने लगी की उसके माँ – बाप उसकी शादी किसी और के सतह अपनी मन – मर्ज़ी से ही करेंगे | उसकी इस बात ने तो मुझे भी बिलकुल हिलकर रख दिया था जिसपर मैंने उसके साथ पहले ही मंदिर में जाकर शादी करने का फैसला किया जिसपर वो भी राज़ी होने से ना चूकी | हमने अगले दिन एक – दूसरे से मंदिर में जाकर शादी भी कर ली जिसके बाद ही मैंने उससे प्यारा भरी मुस्कान देते हुए कहा की अब हमारी सुहागरात का क्या होगा जिसपे वो शर्माने लगी |
मैंने उसी दिन की रात के लिए अपने दोस्त के एक खाली पड़े मकान में अपनी पहली रात बिताने का फैसला किया और शाम को मैं निदुरी को ले भी आया जहाँ हमने शाम साथ – साथ ही रोम्नाटिक बातें की और आखिर में आई असली मौके की बारी | रात काफी ढल चुकी थी रो अमीन उससे लिपटते हुए उसके गाउन को उतार दिया और उसके पहली बार ही ब्रा को चुमते हुए मैंने उतार दिया फिर उसके उप्पर लेटते हुए उसके चुचों को हलके – हलके से पीने लगा जिसपर निदुरी तो मज़े में चूर होती हुई बस सिसकियाँ भरती जा रही थी | मैंने कुछ देर बाद ही निदुरी की पैंटी को भी उतार उसकी चुत मसलते हुए ऊँगली देनी चालू कर दी जिसपर वो मस्त वाली सिकारियां लेती हुई उलट – पुलट होने लगी और मैं अपने लंड को उसकी चूत में डालकर हौले – हौले धक्के देते हुए लंड को उसकी चुत में अंदर देने लगा |
उसकी सिस्कारियां तेज़ी से अब निकलने लगी मैंने भी अब अपनी लंड की रफ़्तार को उसे चुमते हुए बड़ा दिया था | हम एक दूसरे से लिपटे नीचे के अंगों को हिलाते हुए चुदाई किये जा रहे थे और वो मुझे दर्द के मारे नाख़ून भी गाड रही थी | जैसे ही मेरा वीर्य निकला तो मैंने देखा की उसका काफी खून निकल चूका था जिसे मैंने साफ़ कर ज़ल्दी से उसे चाय पिलाई और फिर उसकी गौद में सर रख कर सो गया | अब बदकिस्मती से हमारे माँ – बाप ने हमारी शादी को ना – मंज़ूर करते हुए मेरी शादी कहीं और करा दी है और मैं आपको बता दूँ की मैं ४ बच्चों का आज बाप हूँ |

अपने लंड से चाची का बिस्तर गर्म किया

अपने लंड से चाची का बिस्तर गर्म किया
आज मैं आपको अपनी चाची की अपने तगड़े लंड से मजेदार चुदाई के बारे में बड़े अछे मुड में बता रहा हूँ क्यूंकि यही मेरी जिंदगी की सच्चाई भी है | मेरी चाही उन दिनों मेरे ही घर पर रहने को आई थी क्यूंकि मेरे चहका किसी काम के सिलसिले में विदेश को गए हुए थे और गहर पर मेरी माँ की अक्सर तबियत खराब रहा करती थी | मेरी उन दिनों तीसरे वर्षीय कॉलेज किक छुट्टियाँ चल रहीं थी और दिन मेरे पापा भी काम के सिलसिले में बहार ही रहा करते थे | मैं अब चाची के साथ ही अपना पूरा समय बात करते हुए बिता दिया करता था और हम दोनों अछे खासे घुल मिल भो जो चुके थे | चाची मुझसे सभी बातें दिल खोलकर बता दिया करती थी और मैं टुक – टुक कर सुनता ही रहा करता था |
मेरी चाची दिखने में एकदम गोरी थी और उनके नरम हाथ जब भी मेरे सर को सहलाया करते थे तो ऐसा लगता था जैसे की मेरी बीवी मालिश कर रही है | अब चाची के लिए मेरे अंदर हवस की भावना पनपने लगी थी और कभी कभार मैं उन्हें छूता गर्मी ले लेता था | जब मैं एक दिन चाची के साथ बात हुआ था तो चची मुझसे बतियाते हुए मुझे इतनी भा गयी की मेरी नज़र उनके होंठों पर ही लगी हुई थी | चाची भी पहचान गयी की मेरे शैतानी दिमाक में क्या चल रहा और बड़े ही नटखट अंदाज़ में अपने होंठों को मिस्मिसाने लगी | मैं एक दम चहकी को अपनी बाहों में लेकर उनके होंठों को चूसने लगा और उन्होंने भी गर्माहट लेटे हुए लम्भी सांस ले ली थी |
मैं अब चाची के चुचों को थामते हुए से दबाने लगा जिसपर चाची ने कहा,  काश तेरे चाचा ने मेरी भावना को समझा होता. . !!! पर तु हैं न मेरे राजा बेटे . . .!! मेरे अंदर अब चुदाई का भुत सवार हो रहा था और मैं चाची से लिपटे हुए उनके होंठों को चूस रहा था और वो भी मुझे पूरा सहयोग कर रह थी | कुछ देर में मैंने भी अब चाची  को बिस्तर पर लिटा लिया हुए उनके कपड़ों को खोलने लगा और पलभर में नंगी कर उनके उप्पर चड गया और उनके चुचों को दबाते हुए चूचकों के साथ खेलते हुए उन्हें पिने लगा | अब तकमेरा लंड भी लंड चुदाई के लिए तडपा जा रहा था और मैंने भी समय न गंवाते हुए उनकी चुत को भी मसलते हुए लंड को रगड़ते आगे – पीछे करना शुरू कर दिया |
चाची  भी मज़े में मेरे लंड को लिए जा रही थी अंदर चुत में लिए जा रही थी जिसपर मैंने अब लैंड को पूरी तेज रफ़्तार में चाची की चुत में छोडना चालू कर दिया था | कुछ देर में मैं नीचे लेट गया और मैंने चाची को अपने लंड पर बेअठने को कहा, जहां मैंने नीचे से अपने लंड को उनकी चुत में दिए जा रहा था और चची मेरे लंड के उप्पर आह्ह्ह अहहह मेरे राजा बेटा. . .!! कहकर उछल रही थी | चची की बेतहाशा निकलती सिस्कारियों के सामने मैं ज्यादा देर न टिक सका और जल्द ही अपनी अंतिम सीमा पर पहुँचते हुए झड गया | अब मेरी चाची और मेरे बीच शारीरिक सम्बन्ध जुड चुके थे और खेने के लिए चाची के का पति मेरा चाचा होगा पर सुहागरात भतीजा यानी मैं बनाता था |

परदेश की परायी चूत से बदल डाली बीबी

परदेश की परायी चूत से बदल डाली बीबी
हेलो दोस्तों मैं एक अधेड़ हूं और मेरा नाम संजय है। शादी के दस साल के बाद हम पति पत्नी सेक्स में नयापन चाहते थे। और इसके लिये हमने विदेश ट्रिप पर जा कर कुछ नया करने के बारे में सोचा। इस बार हम मारीशस ट्रिप पर गये थे। समुद्र के किनारे मैं और मेरी पत्नी दोनो ही अधनंगे थे। उसकी जानी पहचानी चूंचियां नयी ब्रा में भी मुझे कुछ खास आकर्षित नहीं कर पा रहीं थीं और मैं उसकी भरी हुई चिकनी जांघों पर अपनी निगाह फ़िसलाते हुए लहर लेते समंदर की अथाह जल राशि को देख अपने अंदर हिलोरे मार रही अनजान सी चाहत को समझने की कोशिश कर रहा था। सामने अचानक मुझे एक कैरेबियाई जोड़ा दिखा। बेखौफ़ वो एक दूसरे को रगड़ते चूमते चाटते और अंदरुनी अंगों को सहलाते हुए मेरा ध्यान बरबस उस काली आबनूसी रंग की मोटे होटो वाली खुरदरे गांड के उपर लाल छोटी चड्ढी पहने थी। उसकी पैंटी की डोरी उसकी गांड की गोलाईयों के बीच एक धागे की तरह लटकी हुई थी और उसकी गांड के छेद और चूत की फ़ांकों के बीचो बीच जाती हुई उनको ढंकने में असफ़ल थी और इस कारण मेरी निगाह बरबस उस डोरी के उपर टिकी थी। लेकिन आग एक तरफ़ ही नही थी।
मैंने देखा पुष्पा, मेरी बीबी उस हब्शी के बड़े लंड के उभार को देख रही थी और उसकी एक झलक पाने को बेताब थी। चुदाई का एकरस तरीका और एक ही ट्रैक उसे अब अफ़्रीकन सफ़ारी जैसे लंड की सवारी करने को बेबस कर रहा था। मैं भी उस हब्शी कन्या के अनोखे हुस्न औ शबाब का दीवाना हुआ जा रहा था और अपनी पत्नी के आंखों में लाल होते डोरे को देख कर समझ गया था कि वो भी कुछ अनोखा चाहती है। मुझे एक बात सूझी क्यों न हम चूत की अदला बदली कर लें, और थोड़ी ही देर में वो दोनो कपल हमारे पास आते दिखाई दिये। टूटी फ़ूटी इंगलिश में उस काले मर्द ने कहा डू यू वान्ट टू स्वैप योर वाइफ़ विद मी। मतलब कि क्या तुम अपनी पत्नी थोड़ी देर के लिये मुझसे बदलोगे। पराये विदेश में कौन पहचानने वाला, मैंने पुष्पा को देखा तो उसने अपनी लाल लाल निगाहें नीचे करली, मैने तुरत उसकी आबनूसी महिला दोस्त का हाथ पकड़ा और उस हब्शी ने मेरी बीबी को खिलौने की तरह उठा लिया अपने गोद में।
हम दोनो ही कोकोनट ट्रीज के तरफ़ एक दूसरे की बीबियों को लेकर चले। पेड़ के नीचे मेरी बीबी को उसका सहारा देकर हल्का झुकाकर जो चोदना शुरु किया उस कालू ने वो बिल्कुल उस रात की तरह चिचिया रही थी जैसे कि सुहागरात को। मैंने बदले की भावना से उसकी बीबी के पूरे हलक में अपना इंडियन लंड पेल दिया। वो गे गे कर रही थी लेकिन कोई चारा नहीं था मुझे पता था उसे मजा आ रहा था। हब्शी का लंड मेरी बीबी के चूत में आधा जाते जाते वो जमीन पर गिर पड़ी थी लेकिन वह रुका नहीं उसे गिरा गिरा चोदता रहा। थोड़ी देर में मैं उसकी बीबी की खुरदरी गांड मार रहा था। अपना मूठ उसकी गांड में छोड़कर मैंने जल्दी से अपनी बीबी की सुध ली। वो जमीन पर पड़ी कराह रही थी और उसकी गांड से वीर्य बहकर चूत में घुस रहा था। बेहोशी की हालत में भी वो फ़क माय ऐस्स फ़क माय ऐस्स चिल्ला रही थी। उसे मैं सहारा देकर होटल ले गया। और फ़िर लगातार एक हफ़्ते हमने अपनी सारी कल्पनाओं के सेक्स बदल बदल के एक दूसरे की पत्नियों के साथ किये

मूसल जैसा लंड है तेरा ओखल जैसी गांड [भाग-2]

मूसल जैसा लंड है तेरा ओखल जैसी गांड [भाग-2]
कहानी के पहले भाग में मैने बताया कि कैसे मूसल जैसे लंड वाले राज ने अपनी सुहागरात को अपने कजिन साले नंदा को अंदर बुला कर अपना लौड़ा खड़ा करने को पहले गांड मरवाया। चूंकि नंदा दुल्हन का कजिन भाई था और मेट्रो कल्चर का था, उसे अपनी चचेरी बहन को चोदने में कोई भी दिक्कत नहीं थी, उसने राज से कहा जीजा मुझे भी देना और पलंग के नीचे छुप गया। दुल्हन मारे शरम के अपनी आंखें बन्द कर चुकी थी। राज ने  उसकी टांगे खींच चूत नंगी कर दी। बिना रोयें वाली लाल लाल चूत देख कर वह एकदम मस्ता गया। उसका लौड़ा भांगड़ा कर रहा था और मन मोर की तरह नाच रहा था। उसने एक काम किया, दुल्हन शरमा रही थी इसलिये उसने उसके आंखों पर दुपट्टा बांध दिया अब खेल बिल्कुल सेफ था, उसने नंदा को बाहर निकाला और कहा अब  लूटते हैं मजा तेरी बहन का, तू पीछे से मेरी गांड मारता रह जिससे कि मेरा लंड खड़ा रहे और मैं अपने मूसल लंड से इसकी चूत का भोसड़ा बना दूं। और राज ने उसके पैर फैला कर अपना मोटा लंड उसके छोटे फुद्दी की पत्तियो पर रगड़ा, लंड अभी पूरी पोजिशन में नहीं था, उसने नंदा को अपनी गांड मारने का आदेश दिया। नंदा ने अपने जीजा के पीछे खड़े होकर लंड घुसाया और धिरे धीरे अंदर ठेला, अब सुरसुराहट के साथ राज का लौड़ा खड़ा हुआ,अपनी गांड में लौड़े के अहसास के साथ और जैसे ही उसने अपना सुपाड़ा दुल्हन के छेद पर रखा, पीछे से नंदा ने जोरदार धक्का दिया उसकी गांड में। फक और टाईट मूसल लंड सीधा दुल्हन की चूत छेदता हुआ अंदर था। खून हर हर बहने लगा। नंदा का पूरा सात इंच का लंड राज की गांड में था और राज का पूरा आठ इंच का लंड सीधा दुल्हन की चूत में फंस चुका था, उसने अपना स्पीड बढाया धक्के देने शुरु किये और पीछे से नंदा ने धक्के मारने जारी रखे।
राज का मूसल लंड एक दम राक स्टार बना हुआ था। उसे मजा आ रहा था, कि नंदा ने कहा जीजू जल्दी निपटो मुझे इस कजिन को चोदने दो, साली आज तक मुझे छूने नहीं दिया था। राज ने जल्दी से अपना लौड़ा बाहर खींचा और नंदा को लाईन पर लगने दिया। अपनी कजिन की इस चूत चोदने की फैंटेसी से वह जवान हुआ था पर आज जब यह मिली तो जीजू ने उसको फाड़ कर भोसड़ा बना दिया था। उसने मन मसोस कर जैसे ही लंड अंदर डाला, राज ने पीछे से अपने साले की गांड में अपना लौड़ा डाल ही तो दिया, वह चिल्लाया आह जीजा ये क्या यह तो धोका है, राज ने कहा जब अपनी बहन की चूत साले जीजा के सामने मारोगे तो गांड तो देनी ही पड़ेगी। नंदा की गांड पकड़ के राज अपने मूसल लंड से ज्यों धक्के मारता त्यों वो धक्के नंदा का लंड दुल्हन की चूत में लगा देता। वाह साला और बहन एक साथ चुद रहे थे। धकाधक चोदते हुए दोनों ने खूब मजा लूटा और फिर पूरी रात मस्ती की। दुल्हन को अंदाजा था दो लंडों का पर वो कुछ बोल नहीं सकती थी। आज भी अपने साले को और दुल्हन के कजिन भाई नंदा को राज ने वहीं रोक रखा है और अपने मूसल लंड को खड़ा करने के लिये उससे गांड मरवाता है और फिर दोनों मिल कर दुल्हन को चोदते हैं।

वैधानिक चेतावनी

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