गुरुवार, 21 मार्च 2013

लेस्बियन भाभी और उसकी सहेली दोनो की चूत चुदाई

आशीष की बीबी पूजा बड़ी रंगीली थी और उसकी चूत मारने के सपने मैं देखा करता था। उसके चूंचे साड़ी के उपर से झलकते थे और उसकी गांड दूर से ही मटकती थी। उसके कमर की लचक देख मै अक्सर ही उसके चुदाई के बारे में सोचता रहता था। आशीष को इस बारे में खबर नही थी। एक दिन मैंने उसके घर जाने के बारे में सोचा। मै गया और वहा का नजारा देख दंग रह गया। पूजा अपनी सहेली राधा के उपर चढी हुई थी और उसके चूंचे चूस रही थी। राधा उसके चूंचे नोच रही थी। मैं दरवाजे की आड़ में खड़ा होकर ये सीन देख रहा था। मुझे राधा और पूजा की चूत दिखने का इंतजार था। तभी पूजा ने राधा की चड़ढी निकाल दी। राधा की बालो वाली मस्तानी चूत मेरे सामने थी। पूजा ने उसकी चूत खोल के उसकी दीवालो पर अपनी उंगलिया रगड़नी शुरु कर दीं। राधा सिसकारिआ मारने लगी थी। तभी पूजा ने अपनी चड्ढी भी उतार फ़ेकी और एक हाथ से अपनी चूत सहलाना शुरु कर दिया और अपना मुह राधा की फुद्दी में लगाए रखा। दोनो गरम थीं और तभी मैने महसूस किया कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है। मेरा ट्राउजर तन गया था और मेरा लंड उत्तेजना के मारे ऐंठ रहा था। इस हालत में मै कितना इंतजार करता, तुरत अंदर घुस गया और पूजा के पिछ्वाडे को जाके सहलाने लगा। दोनो भौचक्की रह गईं और पूजा गिड़गिड़ाने लगी मेरे पति को मत बताना कि मैं लेस्बियन हूं। मैने कहा कि अपने खेल में मुझे भी शामिल कर लो मैं किसी से कुछ नही कहने वाला। पूजा खुश हो गई। मैने अपना लंड राधा के मुह मे दे दिया और उसके मुह के हरेक कोने में अपना लंड ठेलने लगा और वह चट्खारे लेकर चूसने लगी।
मैने अपनी दो उंगलिया पूजा के भोसड़े में डाल दी और एक उंगली साथ साथ उसकी गांड में करने लगा। वह लगातार उत्तेजित होती जा रही थी। उसकी गांड बड़ी टाईट थी। वह गाली देने लगी चोद साले चोद मेरी गांड मार मुझे अच्छा लगेगा और मुझे चोद हिजड़े। मैने गुस्से मे आकर उसे बकरी बना दिया और उसकी गांड में लंड डाल दिया। उसकी चिकनी हो चुकी गांड में मेरा लंड बिना किसी दिक्कत के घुस गई। मैने पूरा लंड डाल दिया और तेज धक्के लगाने लगा तो वह और तेज और तेज करने लगी। राधा ने मेरे लँड के नीचे आके उसकी फुद्दी और मेरे अंडकोष चूसना जारी रखा। मुझे इस खेल मे मजा आ रहा था। मैने राधा को चोदना जारी रखा। इस बार मैने राधा के उपर पूजा को लिटा दिया। दोनो की चूत और गांड एक सीध में थी राधा की फुद्दी के उपर पूजा की गांड और फ़िर पूजा का भोसड़ा। अब मैने अपना लंड कभी पूजा की चूत में तो कभी राधा की गांड मे फ़िर कभी राध की चूत में तो कभी पूजा की गांड मे पेलना जारी रखा। इस तरह से मेरे पास एक के उपर एक दो भोसड़े और दो गांड थि मतलब कि चार छेद और दोनो के मुह अलग थे। मैने इन छ: के छह छेदो को चोदा और अपना वीर्य थोड़ा थोड़ा सबमे गिरा दिया। यह खेल जारी रहा और आज भी चूत मारने का सिलसिला चलता रहता है।
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