मंगलवार, 9 अप्रैल 2013

देहाती गांडूल कथा बेटे ने बाप की गांड मारी शादी के लिये

ये कहानी देहातों में बहुत प्रचलित है जब एक लड़के ने जिसकी शादी करने का बहुत मन था, अपने बाप की गांड मार ली। तो चलिये सुनाते हैं ये कहानी आपको। मूलचंद पहाड़ों पर रहता था, पहाड़ियों पर सेक्सी लड़कियां आसानी से चूत दे देती हैं। मूलचंद का लंड प्रचंड मूसललंड था। उसे चोदने में जन्नत का मजा आता था, वह कईयों गरेड़ियों और भेड़ चराने वाली लड़कियों की चूत मार चुका था। उसके लंड का आतंक इतना ज्यादा था कि एक बार उसने एक दो बच्चों की मां को खलियान में चोदा तो वह तीन दिनों तक लंगड़ाती रही पर उसका फायेदा यह हुआ कि अगले दिन ही उसकी बेटी भी अपनी चूत की सेवाएं देने पहुंच गयी, आरती ने पूछा ये बता मूल चंद तूने मेरी मां के साथ क्या किया, तो मूल चंद ने बताया कि तू जिस चोदनी से बाहर निकली है उसी छेद में तेरी मां ने मेरा मोटा लंड लेने की जुर्रत की तो मैने उसकी फाड़ दी। आरती दीवानी हो गयी उसके लंड की और मूलचन्द ने मां के बाद बेटी की चूत और गांड मार कर वहीं खलियान में ही मां बेटी चुदाई स्मारक बना दिया। इस तरह मूल की प्रसिद्धि बढती रही, हर जवान होने वाली लड़की मूलचंद की सेवाएं लेती और अपने पति या प्रेमी से चुदते समय हर महिला लड़की, आंटी मूलचंद द्वारा चोदे जाने और चूसे जाने का खवाब देखती।
कहानी में ट्विस्ट तो तब आया जब मूलचंद की शादी के रिश्ते आने लगे। उसका बाप उसे अब भी नालायक और नाबालिग समझता था हालांकि वह उन्नीस साल का हो चुका था, देखने में  मासूम लगता था पर था परले दरजे का चोदू और पेलक्क्ड़ इंसान। तो उस रात जब लड़की वाले रिश्ता लेकर आये तो उन लोगों ने मूलचंद को देख कर पसंद कर लिया। समस्या तो खड़ी कर दी  उसके बाप ने जो बोला साले को अभी गांड धोने का सउर नहीं है इसकी शादी कहां से कर दूं। मूलचंद इस बात से बहुत खिन्न हुआ, सोचा कितनी गांड मार चुका मैं और इनको लगता है मुझे गांड धोने का सउर नहीं आज मैं इनको मजा चखाके रहूंगा। इन देहातों में आने वाले रिश्तेदारों को खाना खिला कर रात को गेस्टरुम मतलब कि दालान में सुलाते हैं। इस लिये रात को जब सारे रिश्तेदार सो गये तो खाट कम होने की वजह से मूलचंद और उसके बाप को एक ही साथ एक ही चारपाई पर सोना पड़ा। मूलचंद को अपनी शादी की बहुत चाह थी और उसका बाप उसे अभी जवान नहीं मानता था हालांकि वह वयस्क हो चुका था एक साल पहले ही। उसने बहुत सोचा और आखिर में एक उपाय निकाला। वो ये कि जब मैं अपने बाप को यकीन दिला दूंगा कि मैं जवान हो गया हूं तो ये मेरी शादी कर देगा। उसने अपने बाप के पीछे से लुंगी उठा कर उसके पिछवाड़े को नंगा कर दिया। अपना लंड सहला कर खड़ा किया और सुपाड़े को मसल मसल कर लोहा कर दिया। अब उसने ढेरो मात्रा में लार लेकर अपने सुपाड़े पर मला और अपने बाप की गाड पर लगा दिया। लौड़ा ठेहुका कर गाड के छेद पर रख कर धकाधक मारनी शूरु कर दी। उसका बाप अतिथियों के बीच चिल्ला भी नहीं पाया। उसे यकीन हो गया था अपने बेटे के जवान होने का। अगली सुबह उसकी शादी फिक्स कर दी  उसके बाप ने। तो दोस्तों यह थी कहानी मूलचंद की जिसने अपने बाप की गांड मार कर उसे अपने जवान होने का सर्टिफिकेट दिया।
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