बुधवार, 27 जनवरी 2016

हाँ कह के जिंदगी की सबसे बड़ी भूल


हाई दोस्तों, मेरा नाम शीतल हे और मैं २० साल की हूँ, मेरी बेहेन का नाम शालिनी हे और उसकी उम्र २१ हे | मेरे पापा अक्सर बाहर रहते हे काम के सिलसिले में और मेरी मोम एक स्कूल में अध्यापक हे, जिसके कारण हम दोनों बेहेन सारा दिन अकेले रहते हे | ये बात दो साल पुरानी हे जब में १० पास की थी और एक कॉलेज में दाखिला लिया था, मेरी बेहेन भी उसी कॉलेज में थी और वो १२ कर रही थी | उसका एक लड़के के साथ चक्कर चल रहा था जो दिखने में काफी अच्छा था और आमिर घर का था, उसका नाम राकेश था | मेरी चुचो का नाप ३२ हे और मेरी बेहेन का ३४ हे | हम दोनों काफी गोरे हे, कोई भी हमे देखता हे तो हमारे पीछे तो पड ही जाता हे |मेने अपनी बेहेन से एक दिन पूछा की तुम दोनों के बिच में अब तक क्या क्या हुआ हे, तो उसने कहा की जादा कुछ नही बस किस किये हे और उपर उपर से हुआ हे | मेरे कॉलेज जोइन करने के दो महीने बाद राकेश का जनम दिन था और उसने मेरी बेहेन को आने फार्म हाउस में बुलाया था और साथ में मुझे भी, मेरी बेहेन ने मुझसे पूछा और मेने हाँ कर दी, जो की हम दोनों ने अपने जिंदगी की सबसे बड़ी भूल की थी | दिन आया और राकेश हमे लेने के लिए आ गया अपनी कार लेके | हम दोनों कार में बैठ गए और फिर राकेश ने गाडी चालू कर दी और करीब दो घंटो के बाद हम उसके फार्म हाउस पे पहुच गए, उसका घर काफी बड़ा था और खेतों के बिच में था | मेने उसदिन लाला टॉप और काली जींस पहनी हुई थी और मेरी बेहेन ने नीली रंग की सूट पहनी हुई थी |हम दोनों घर के अंदर घुसे और राकेश ने फिर दरवाज़ा लगा दिया और फिर उसने कुण्डी भी लगा दी, हमने उससे पूछा की ये सब क्या हे तो वो बोला जानेमन अब देखते भी जाओ क्या क्या होता हे | कुछ पल के बाद अंदर से कुछ लडको की आवाज़ आई, हम दोनों उस समय काफी दर गए थे, ऐसा लग रहा था जेसे बहुत गड बड होने वाली हे | हम दोनों उस कमरे की तरफ बड़े जिस तरफ से आवाज़ आ रहित ही, और जब हम अंदर देखे तो हमारी जान निकल गयी, अंदर चार लड़के टीवी पे एमएमएस दख रहे थे, वो और किसी का नही मेरी बेहेन का, जिसमे उसने निचे काली रंग की जींस डाली थी और उपर कुछ नही था और राकेश उसको किस करते हुए उसके चुचो को दबा रहा था | ये दख के हमे बहुत रोना आया, पर हम उस समय कुछ कर भी नही सकते थे | राकेश ने मेरी बेहेन की वीडियो बनाई थी और उसे बहुत बड़ा धोका दिया था |राकेश बोला अगर तुम दोनों चाहते हो की ये वीडियो कॉलेज में न फेले तो वोही करो जो हम कहते हे, हम दोनों समज गए की अब आगे क्या होने वाला हे | हम दोनों उनके सामने बहुत रोये पर वो लोग कुछ सुनने के लिए तैयार ही नही थे | उन पांचो ने अपने कपडे उतार दिए और बिकुल नंगे हो गए, सबके लंड एक दम तने हुए थे, हम दोनों को वो दख के भी डर सा लग रहा था | तीन लड़के सोफे पे बैठ गए और दो कुर्सी लेके बैठ गए,  और फिर राकेश बोला की अब बारी बारी से हम सबका लंड चूसो | हम दोनों ने कहा की हम नही करेंगे अगर तुम जान से मार भी दोगे तब भी नही करेंगे, फिर उसमे से एक लड़का बोला की हम जबर दस्ती करे उससे अच्छा होगा की तुम खुद करो | अब हमारे पास कोई चारा भी नही और फिर में एक लड़के के तरफ बड़ी और फिर घुटने के बल बैठ गयी और फिर धीरे धीरे उसके लंड की तरफ अपना मुह बड़ाई | उसने फिर मेरे गाल पे हाथ फेरा और फिर मेरे सर के पीछे हाथ रख के मेरे सर को अपने लंड की तरफ धकेल दी, और फिर मेरे मुह में उसका लंड घुस गया | धीरे धीरे करते करते उसका आधा लंड मेरे मुह में था और फिर उसने मेरे सर को पीछे की तरफ खीचा और फिरसे धकेल दिया | करीब चार पाँच बार ये करने के बाद मुझे समझ में आ गया की मुझे क्या करना हे, उधर दूसरे तरफ मेरी बेहेन राकेश के सामने बैठ चुकी थी और उसका लंड चूस रही थी, मुझे तो अंदर ही अंदर डर लग रहा था पर चूसना पड रहा था मुझे | हम दोनों ने बारी बारी सबका लंड चूस के उनका पानी निकाल दिया था, सबका लंड ८” के जितना तो था ही, बस आखिरी वाले का सबसे छोटा था, सबका चूसने के बाद जब में उसका चूसने लगी तो उसका लंड मुझे खिलोने जेसा लग रहा था, पर उसका भी चूस के निकाल दिया |अब सबका होने के बाद हमने उनके सामने हाथ जोड़ा की हमे छोड़ दो, पर वो लोग मान ही नही रहे थे | उनमे से एक लड़का बोला ” यार ये बताओ इन दोनों को सबसे पहले कोन चोदेगा ” सबने अपना अपना हाथ उपर कर लिया, क्युकी सबको पता था की हमारी चुत कुंवारी हे और अब तक हमारी चुत में ऊँगली नही गयी | अब सबके बिच एम् झगडा होने लगा की कोन हमे चोदेगा पहले, फिर उसमे से एक ने कहा की पर्ची उदा के दखते हे, वो लोगो ने फिर पर्ची बनाई और एक लड़के का मेरे उपर आया, और मेरी बेहेन के लिए वो लोग तैयार थे की मेरी बेहेन को राकेश ही पहले करेगा क्युकी वो उसके गल फ्रंड थी | हम दोनों की हालत एक दम खराब हो रही थी, मेरे लिए जिसका का नो. आया वो मुझे अपने पास बुलाया और फिर अपने गोद में बिठा लिया और मेरी पीठ पे हाथ फेरने लगा | राकेश ने मेरी बेहेन को बिच में खड़े होने को कहा और फिर उसे अपनी सलवार उतारने को कहा, मेरी बेहेन ने अपनी आँखे बंद कर ली और फिर सलवार उतारने लग गयी, सलवार खोलने के बाद उसने उसे निचे गिरा दिया उसका कुरता उसके जांघों तक आ रहे थे | उसके पैर एक दम चिकने और गोरे लग रहे थे, फिर उन्होंने उसे अपना कुरता उतारने के लिए भी कहा और फिर वो कुर्ते को उपर करके उसे उतरने लगी | दीदी ने सफ़ेद रंग की पेंटी पहनी हुई थी और दीदी की फूली हुई चुत पेंटी से साफ़ साफ़ नजर आ रही थी | पेंटी के उपर से दीदी के चुत के बाल भी दिख रहे थे, दीदी ने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुई थी जिसके आर पार दीदी के चुचे दिख रहे थे | एक लड़के ने मुझे दीदी के पास खड़े होके कपडे उतरने को कहा और फिर मेने भी अपने कपड़े उतार दिए और अब में काली रंग की ब्रा और पेंटी में थी |अब दो लड़के आये हम दोनों के पीछे खड़े हो गए, एक ने दीदी की ब्रा उतार दी और एक ने मेरी पेंटी निचे कर दी, जिसने मेरी पेंटी निचे की वो मेरी गांड को चूमने लगा था | बाकी तीन सोफे पे बैठ के शो दख रहे थे, दोनों हमारे जिस्म के साथ खेल रहे थे और बाकी तीन दख रहे थे मजे में | कुछ देर बाद राकेश अपना लंड मेरी बेहेन के चुत में डाल दिया, दीदी की चीख सुन के मेरी जान निकल गयी, दीदी चिल्ला रही थी की अपना लंड निकाल दो मुझे बहुत दर्द हो रहा हे, आभी छोड़ दो फिर कभी कर लेना आभी निकाल दो थोडा तो रहम करो मुज्पे, पर किसी ने एक न सुनी उसकी और ठडे देर के बाद उस लड़के ने मुझे कुतिया बनाया और मेरी चुत में अपना लंड रगड़ने लगा, मुझे तो मज़ा आ रहा था पर मज़े के बिच में मेरे उपर पहाड टूट पड़ा, उसने जेसे ही लंड अंदर डाला मेरी आँखों से पानी आ गए और में चीख पड़ी, मुझे ऐसा लगा जेसे किसी ने मेरी चुत में चाकू डाल दिया हो, में रोने लग गयी और उसे बोली की मुझे छोड़ दो पर कोई नही सुन रहा था | दोनों लगे हुए थे चोदने में हम दोनों को | दोनों को हमारी चीख से कोई मतलब नही था, करीब दस मिनट बाद राकेश झड गया फिर दूसरा वाला भी झड गया |पुरे ज़मीं पे खून ही खून था और उनके लंड पे भी खून लगा हुआ था | हम दोनों एक दम मरे हुए की तरह ज़मीं पे पड़े थे | उन दोनों ने हमे उठा और फिर बाथरूम लेके गए और हमारे जिस्म को साफ़ किया और फिर बेडरूम में ला के लेटा दिया | मेने सबसे कहा की अब हमे जाने दो अब हम और चुदने के लायक नही हे बहुत दर्द हो रहा हे प्लिज्ज़ हम दोनों को जाने दो, जब हम ठीक हो जायेंगे तब खुद आ जायेंगे हम दोनों, बस अब के लिए जाने दो | बहुत रोने धोने के बाद वो लोग मान गए और फिर राकेश हमे गाडी में बिठा के ले के घर तक छोड़ दिया |
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