शुक्रवार, 8 जनवरी 2016

होटल कर्मचारी के साथ ता ता-थैया

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मेरा नाम सुकेश है और एक निजी कंपनी मे कार्यरत्त हु | मेरा काम जगह-जगह घूमना और कंपनी के साथ जुड़े हुए लोगो की समस्या का निवारण करना है | महीने मे, मै करीब २० दिन होटलों मे गुजारता हु | दिन तो काम मे कट जाता, लेकिन साली रात नहीं कटती | वैसे भी मुझे होटलों के बिस्तर पर कम ही नींद आती है, तो मै काफी देर तक उल्लुओ की तरह जागता रहता हु और टीवी देखता हु या लैपटॉप पर चैटिंग करता रहता हु या ब्लूफिल्म देखता रहता हु और २-३ बार मुठ मारकर अपनी बैचेनी को शांत करता हु | इन सब चीजों से मुझे थोड़ी से थकान हो जाती है, तो मुझे नींद भी अच्छी आ जाती है |  इस बार मै एक छोटे से गावं मे गया हुआ था, वहा से मुझे रात को ही लौटना था, क्योकि वहा रात को रुकने का कोई खास इंतजाम नहीं था, लेकिन उस दिन मुझे काम मे ही इतनी देर हो गयी, कि रात को निकलना नामुनकिन था | मुझे मेरे एक जानने वाले ने एक होटल मे कमरा दिलवा दिया | वो वहा का एक खास होटल था और सबसे अच्छा भी | उसने बोला, सर आप यहाँ रुको तो सही, आप बार-बार यहीं रुकने लगोगे | मुझे लगा, वहा कि सर्विस काफी अच्छी होगी |उस होटल की खास बात थी, कि वो होटल औरतो द्वारा चलाया जाता था | वहा पर , फ्रंटडेस्क  से लेकर रूम सर्विस तक सब लड्किया थी | और सब लड़कियों की उम्र करीब २३ से २५ साल के आसपास होगी | मुझे लगा, कि शायद मै किसी गलत जगह पर आ गया हु | फिर, जब मैने वहा पर काफी लोगो को देखकर तो मुझे कुछ सही सा लगा | फिर, मैने एक डीलक्स रूम लिया और चाय के लिए बोलकर रूम मे चला गया | एक खुबसूरत सी लड़की मेरे सामान के साथ मेरे रूम मे आ गयी और सब चीज़े चेक कर करके जाने लगी | मैने उस लड़की को १०० का नोट दे दिया | उसने मुझे एक प्यारी से मुस्कराहट दी और बोली आप को किसी भी चीज़ की जरुरत हो, फ़ोन करके बोलियेगा, सुरीली को भेज दो; मै आ जाउंगी | उस समय मुझे कुछ अजीब सा नहीं लगा | उसके जाने के बाद मै बाथरूम घुसा, तो मै दंग रह गया | बाथरूम मे नंगी लड़कियों के तस्वीरे लगी थी और उन तस्वीरो मे एक सुरीली की भी तस्वीर थी | क्या मस्त लड़की थी? मुझे पहली बार पोट्टी करने मे बड़ा मज़ा आया | मैने सारी नंगी लड़कियों को देखते हुए कमोड पर बैठकर मुठ मारा और फिर रूम मे आ गया |तब तक सुरीली मेरे लिए चाय लेकर आ चुकी थी | सुरीली की मुस्कराहट पर मेरा दिल आ गया था और मै उसे चोदना चाहता था, लेकिन उससे इस बारे मे बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थी | मुझे थोडा सा परेशान देखकर उसने पूछा, आपको कमरा पसंद आ गया? मैने हा मे अपना सर हिला दिया | फिर, उसने दो-तीन सूचनापत्र निकाले और मुझे दे दिये | उसने खाने के और हर तरह की सर्विस के पैसे लिखे थी | सुरीली बोली, इस होटल मे हर रूम एक लड़की के पास होता है, किसी भी चीज़ के जरुरत हो, तो मुझे बुला लेना और अगर, आपको बाथरूम मे और कोई लड़की पसंद आयी हो तो कॉल करके बुला लेना | ये सब सुन के मुझे थोडा सा ठीक लगा और मुझमे थोड़ी से हिम्मत आयी | मैने सुरीली को पूछा, नहीं मुझे तुम ही पसंद हो, क्या-क्या कर सकती हो? सुरीली हंसकर बोली, सब कुछ जो आप चाहे | कल सुबह तक मै आपका रूम मेरे पास है और आपको खुश करना मेरा काम है |मैने सुरीली को कुछ वाइन लाने के लिए बोला और खाना भी | उसके बाद के लिए भी उसने आर्डर माँगा | मैने उसको चोदने की इच्छा जताई | वो मुस्कुराई और मेरे कान मे १००० बोलकर चली गयी | थोड़ी ही देर मे सुरीली मेरा खाना लेकर आ गयी और उसने एक बहुत ही सेक्सी सी ड्रेस पहनली थी | उसने रूम मे आकर एक ब्लूफिल्म चला दी | और हम दोनों बे वाइन लेने शुरू कर दी | हम दोनों के जाम से जाम टकरा रहे थे और ब्लूफिल्म की तेज आवाज़ से मेरा लंड जोर-जोर से झटके मार रहा था | मै गरम होने लगा था और मेरी बैचेनी के भाव मेरे चेहरे पर दिखने शुरू हो गये थे | सुरीली ने शायद मेरे उन भावो को पढ़ लिया और वो मेरे मेरे पास आकर बैठ गयी और मेरे हाथ से ग्लास लेकर मेज पर रख दिया और मेरे जिप खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथो से उसका हस्त्मथुन करने लगी | उसके हाथो का स्पर्श बड़ा मजेदार था | फिर, उसने मुझे थोडा सा नीचे लिटा दिया और मेरे होठो को चूसने लगी | वो मेरे होठ, गर्दन और चेहरे को चूम रही थी, लेकिन उसका हाथ लगातार मेरे लंड का मुठ मार रहा था |मुझे बर्दाश होना बंद हो गया था और मैने बोला, सुरीली मै पानी छोड़ने वाला हु, अपनी चूत के तो दर्शन करवा दे | वो खड़ी हो गयी और एक-एक कपडे उतारकर नंगी हो गयी | उसका शरीर बड़ा ही कामुक और मदमस्त था | उसके चुचे छोटे और कसे हुए थे और उनपर गुलाबी निप्पल बड़े मस्त लगा रहे थे | मैने भी, जल्दी से अपने सारे कपडे उतार फेंके और सुरीली को अपने साथ बिस्तर पर खीच लिया | मेरे हाथ किसी प्यासे और ठरकी आदमी की तरह उसे चूचो और गुलाबी निप्पल को रगड़ और मसल रहे थे और मै उसके होठो को चूसकर अपने होठो की प्यास बुझा रहा था | सुरीली भी किसी कमसिन कली की तरह पड़ी हुई मचल रही थी और कसमसा रही थी | मुझे उसकी ये अदा बड़ी पसंद आ रही थी | उसका शरीर एक दम चिकना था और मेरे हाथ उसके शरीर पर ऐसे फिसल रहे थी, मानो, मैने अपने हाथ किसी मक्कन की टिक्की पर रख दिये हो | फिर, मेरे हाथ उसकी चूत तक पहुच गये और मैने अपनी ऊँगली उसकी चूत की लकीर पर रखकर थोडा सा दबा दिया | मेरी ऊँगली उसकी चूत मे एक दम घुसा गयी, जैसे ऊँगली मक्कन की टिक्की मे गुस जाती है |मेरा लंड अपना पानी छोड़ने को बेताब हो रहा था, और मै किसी भी हालत मे, सुरीली से पहले अपना पानी नहीं छोड़ना चाहता था | मैने अपने आप को फर्श पर बैठाया और सुरीली की टांगो थोडा सा नीचे खीचा और खोल दिया | उसकी छोटी से गुलाबी चूत मेरी आँखों के सामने थी और मेरे जीभ लालची कुते की तरह अपनी लार टपका रही थी | मैने आव ना देखा ताव, अपना मुह सुरीली की चूत मे अपना मुह घुसा दिया और अपनी जीभ से उसको चूसने और चूमने लगा | मेरी जीभ उसकी चूत की घंटी को मज़े से चूस रही थी और मेरी जीभ उसकी चूत की अन्दर की दीवारों को गुदगुद्दा रही थी | सुरीली के साथ शायद ये सब कुछ ही मर्दों ने किया था और वो अपने शरीर को मस्ती मे चलाने लगी और उसकी गांड तेज-तेज हिलाने लगी | वो मेरे लिए एक इशारा था, कि सुरीली भी अब अपना वीर्य छोड़ने वाली है और मै एकदम खड़ा हो गया और मैने सुरीली की चूत को अपने पास खीचा और झट से अपना लंड सुरीली की चूत मे घुसा दिया | मेरा लंड और सुरीली की चूत दोनों ही बहुत गीले थे और मेरा लंड प्यार से सुरीली के चूत मे घुसकर समा गया | मैने अपना पहला झटका बहुत जोर से मारा और पहले ही झटके मे सुरीली और मैने, दोनों ने अपना-अपना पानी छोड़ दिया | सुरीली का शरीर शिथिल पड़ गया और मेरा लंड भी सुकड़कर मूंगफली की तरह हो गया | हम दोनों उठे और बाथटब मे जाकर पसर गये | घंटो तक हम एक दुसरे के ऊपर लेते रहे और बाद मे बिस्तर पर आकर सो गये |सुबह मैने सुरीली को मोटी से टिप दी और अपना टूर ६-७ का लिया और रोज़ रात को एक नयी लडकी के साथ मज़ा लिया |
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