शनिवार, 23 जनवरी 2016

भाभी की किचन से बिस्तर तक का सफर


हाई दोस्तों, आप लोगो ने इस कहानी की पहली वाली भाग जरुर पढ़ी होगी, अगर नही पढ़ी हे तो ” भाभी की किचन तक का सफर ” नाम की जो कहानी हे उसे जरुर पढले |मैं फिर उठ के उनके कमरे में गया और देखना लगा की क्या हुआ हे तो देखा की पीछे से केबल निकला हुआ था मेने उसे लगा दिया और फिर टीवी चालू की तो सब साफ़ आ रहा था | भाभी ने मुझे थैंक्स कहा और फिर बोली की रुको में तुम्हारे लिए कुछ बना के लाती हूँ, मेने मना किया तो वो नही मानी और फिर भी अंदर चली गयी | मैं बैठ के टीवी देखने लगा और कुछ दस मिनट बाद जोर की आवाज़ आई किचन से, मैं भाग के गया तो देखा की भाभी निचे गिरी हुई थी,भाभी, ये कैसे हुआ आप निचे कैसे गर गयी ?कुछ नही पानी गिरा हुआ था तो पैर पड गया उसपे | मेने उन्हें फिर उठा के बेड पे लेटा दिया, उन्हें बाहर से तो कोई चोट नही आई थी पर मुझे लग रहा था की अंदर से बहुत छोटे लगी थी | मेने कहा की एम् डॉक्टर को बुला लेटा हू पर वो मना कर रही थी और बोल रही थी की जरुरत नही हे अपने आप ठीक हो जाउंगी | उनके कमर ओए टांग में काफी छोटे आई थी, मेने फिर कहा की में बाम लगा देता हू तो उसके लिए भी मना कर रही थी पर में जबरदस्ती बाम लेके बैठ गया और फिर उनकी टांग खीच के उनके टांग पे मलने लगा | उनकी टांग एक दम चिकनी थी और एक दम गोरी थी मैं उनके टांग पे मलने लगा तो वो बोली की थोडा और उपर करो | भाभी उस समय उलटी लेटी हुई थी, उनके बोलने से मेने उनकी नाइटी थोड़ी उपर कर दी और उनके जांघ पर बाम मसलने लगा | क्या सेक्सी जांघ थी उनकी हल्का हल्का गर्म गर्म मुझे महसूस हो रहा था | मुझे लग रहा था की मेरे रगड़ने से वो गर्म हो रही थी और वो बहुत ही हल्की हल्की सिसकिय भर रही थी | धीरे धीरे मेरा हाथ उनके गांड तक पहुच चूका था पर वो कुछ बोल नही रही थी फिर वो बोली की मेरे कमर पे भी हो रहा हे तो मैं बोला की आपकी नाइटी बिच में आ रही हे तो वो बोली उपर करदो उसे |मेने फिर उनकी नाइटी उपर कर दी उर उनकी गांड तो साफ़ साफ़ दिख रही थी मुझे और उसके साथ साथ मुझे उनकी पीठ भी दिख रही थी | मैं बाम उनके पुरे पीठ पे मलने लगा तो उनके मुह से थोड़े देर के बाद अजीब सी आवाज़ आने लग गयी स्सस्सस्स ऊ हम्म्म्म करने लगी थी | घर उस समय बहुत गर्म गर्म लग रहा था बोले तो माहोल काफी गर्म हो चूका था उस समय | मैं उनके गर्दन से लेके उनके गांड तक बाम रगड़ने लगा और बिच बिच एम् उनकी गांड को भी दबा देता पर वो कुछ नही बोलती मुझे | वो भी काफी गर्म हो चुकी थी पर मुझसे अब और रहा नही जा रहा था इसीलिए मेने उनकी पेंटी को पकड़ के उतार दिया और वो कुछ नही बोली मुझे | उनकी गांड एक दम झकास लग रही थी मुझे मन तो कर रहा था की खा जाऊ उनकी गांड को | मैं उनकी गांड को अब दबाने लग और वो अब मेरी मेहनत के मजे ले रही थी | मेने उनकी गांड खोली और अपना मुह रख दिया और वो स्सस्सस कर के उठी | मेने फिर अपनी गांड के छेद में ऊँगली रख दी और ऊँगली को अंदर धकेलने लग गया, एमने फिर अपनी ऊँगली में बाम लगा के उनके गांड एक छेद में धकेल दिया और उछाल पड़ी पर में ऊँगली को अंदर बाहर करने लग गया उन्हें दर्द हो रहा था पर मुझे बहुत मजा आ रहा था |कुछ देर के बाद मेने उन्हें सीधा लेटा दिया और उनके होठो को अपने होठो से चूसने लग गया और वो भी मेरा साथ देने लग गयी थी | फिर उसके बाद मेने उनकी पूरी नाइटी उतार दी और उनके ब्रा के उपर से ही उनके चुचो को मसलने लग गया | वो काफी मज़ा लुट रही थी फिर मेने उनके पुरे जिस्म को चूमा और फिर उनकी ब्रा और पेंटी दोनों उतार दी | वो बिना कपड़ो के एक दम परी लग रही थी, उन्हें उस हाल में देख के में पागल सा होने लगा फिर मेने उन्हें किस करना चालू किया वो अब सातवे आसमन पे पहुच चुकी थी और बोली राज फक में हार्ड और फिर उन्होंने मुझे निचे बिस्तर पे लेटा दिया और मेरे कपडे निकालने लग गयी | मैं भी अब उनके मजे ले रहा था फिर वो मेरी चड्डी के उपर से ही मेरा लंड दबाने लग गयी थी और मेरी गोटी से खेल रही थी | फिर उन्होंने मेरी पूरी जिस्म पे किस करना चालू कर दिया और निचे निचे जाती गयी | उसके बाद उन्होंने मेरे चड्डी को अपने मुह से उतरा और मेरे लंड को अपने मुह में भर ली और फिर चूसने लग गयी |उनके लंड चूसने से मुझे लग रहा था की जेसे में हवा में उड़ रहा हूँ और फिर वो मेरी गोटी को भी मु में भर के चूसने लग गयी | दस मिनट तक उन्होंने मेरे लंड और मेरी गोटी को चूसा और छठा फिर उसके बाद मैं उनके चुचो को मसलने लग गया और एक निप्पल को अपने मुह में रख कर पीने लगा, मुझे तो मज़ा आ ही रहा था साथ ही साथ उन्हें भी काफी मज़ा आ रहा था | उनके निप्पल को चूसते चूसते में अपना एक हाथ उनके चुत पे भी रखा और रगड़ने लग गया फिर मैं अपनी जीभ उसकी चुत में डाल के चाट रहा था और वो अब काफी गर्म हो चुकी थी और अपने हाथ से मेरे सर को दबा के अपनी चुत में डाल रही थी और बोल रही थी की और जोर से चाटो और जोर से चाटो | मैं उनकी चुत को जितना कस के चाट सकता था चाट रहा था और कुछ देर के बाद वो मेरे मुह में ही झड गयी | मैं उठा और उनके टांगो को अपने दोनों बाजु में खीच के उनकी चुत पे लंड सटा दिया और कस के धक्का दिया और अपना पूरा लंड अंदर घुसेड दिया वो एक पल के लिया चीख उठी और फिर मैं धीरे धीरे से होते होते अपनी रफ़्तार एक दम बड़ा दी और करीब बीस मिनट तक उनक पेला और ऊऊऊऊ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ई किये जा रही थी और अपने चुचो को मसल रही थी |बीस मिनट के बाद में उनकी चुत में झड चूका था और वो अब तक तीन बार झड चुकी थी | मेने अपना लंड उनकी चुत से निकला और उनके मुह में दे दिया और वो मेरे लंड को चाट चाट के साफ़ कर दी | उसके बाद मेने उन्हें उल्टा किया और अपने लंड में बाम लगा के उनकी गांड में लंड सेट किया और कस के पेल दिया, उनकी गांड बहुत टाईट थी | जितने बार अंदर धक्का दे रहा था लंड उछाल के बाजू में आ जा रहा था दस मिनट के कड़ी मेहनत के बाद मेने अंदर पेल दिया और लंड आधा की अंदर गया था | लंड के अंदर जाती ही वो चीख उठी, घर बड़ा था इसीलिए आवाज़ बाहर तक नही गयी और वो रोने लगी और बोली लंड निकालो मुझे गांड नही मरवाना मैं मर रही हूँ निकालो अपने लंड को | पर में उनकी एक न सुनी और लंड को अंदर बाहर करता रहा, धीरे धीरे उनकी गांड ने मेरे पुरे लंड को अंदर ले लिया और फिर मैं उनकी गांड को जम के पेल रहा था | अब उन्हें भी मज़ा आने लगा था और में चुदाई में चार चाँद लगाने के लिए उनके उपर लेट गया और गांड पेलता रहा और एक हाथ से उनके निप्पल को रगड़ने लगा | अब वो कस कस के कराहने लगी थी और फिर में अपने दूसरे हाथ से उनकी चुत को भी रगड़ने लगा, वो अब भरपूर मज़ा ले रही थी चुदाई की और फिर इतनी खुशी वो सह नही पाई और एक दम से झड गयी मेरे हाथ पे और उनकी चुत से निकला हुआ पानी बिस्तर पे भी गिर गया |पूरी चुदाई के बाद हम बीस मिनट आराम किये और फिर हम बाथरूम चले गए और दोनों साथ में नहाये और बाथरूम में मेने उनके मुह को भी पेला और फिर नहा के बाहर आ गए | भाभी इन फिर खाना बनाया और फिर हम साथ मिल के खाए और कहते हुए बोली राज तुम बड़े कमाल के हो, जितना साफ़ तुम्हारा केबल आता हे उतनी ही साफी से तुम मेरी चुत की प्यास भी बुझाई | तुम सच में कमल के लड़के हो, तुम मेरी जिंदगी में आये मुझे बहुत अच्छा लगा | उसदिन के बाद भैया जब भी बाहर जाते, मैं उनकी जगह ले लेता था |
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