मै सोसाइटी की एक संभ्रांत औरत हु और समाज के लिए काम करती हु, क्लब जाती हु | वहा जाकर दूसरी बड़ी औरतो के साथ ताश खेलती हु और गप्पे मारती हु | मेकप, शोपिंग, फ़ोन पे बात करना मेरा शौक है | मै थोड़ी से मोटी हु; लेकिन, मंहगी साड़िया मेरे मोटापे को ढक देती है | मेरे पास कार है, ड्राईवर है और जब मेरा मन करता है; मै जा सकती हु | मेरे क्लब के साथी भी सब मेरी तरह ही है | हम रोज़ क्लब जाते है, ताश खेलते है; मस्ती करते है | हम मे से किसी के पति के पास या बच्चो के पास परिवार के लिए समय नहीं है | हम सब की जिन्दगी अकेली है और हम सब साथी ही एक दुसरे के है | रोज़ की तरह हम सब औरते क्लब मे ताश खेल रहे थे |
हम सब मे एक शर्त लगी, ठीक एक महीने मे हमने अपने लिए बॉयफ्रेंड ढूँढना था | हम सब की उम्र ४५-५० के बीच मे थी और बॉय फ्रेंड की उम्र हम सबसे २५ साल छोटी होनी चाहिए थी | मै ४७ साल की थी; तो, मुझे एक २०-२२ साल का लड़का अपने लिए ढूँढना था | मेरे बेटे की उम्र करीब २२ साल थी; तो, मुझे रास्ता नज़र रहा था |मैने कभी अपने बच्चो के साथ दिन या रात नहीं बिताया था और सब अपनी-अपनी जिन्दगी मे व्यस्त थे | काफी समय बाद, मैने ऐलान किया, कि रात का खाना हम सब साथ खायंगे | बड़ा मज़ा आया | मेरे पति के अलावा पूरा परिवार था और सब साथ मे खुश थे | उस दिन मैने अपने बच्चो से काफी बाते की, उनकी दिनचर्या के बारे मे जाना, उनके दोस्तों के बारे जाना | मेरी किस्मत अच्छी थी, मेरे बेटे का बर्थडे आ रहा था | हर बार वो अपने दोस्तों के साथ बाहर जाता था |
इस बार, मैने उसकी पार्टी घर मे करने का निश्चय किया | इसमें मेरा ही फायदा था | मै अपने लिए एक अच्छा लड़का ढूंढ़ सकती थी | मैने अपने बेटे के सारे दोस्तों को बुलाया और बहुत शानदार पार्टी दी | सब कुछ बहुत ही शानदार था | लेकिन, मेरी नज़र मेरे काम के लड़के पे थी | मुझे पहली बार बता चला; कि मेरा बेटा कितना बिगड़ा हुआ था | उसके दोस्तों मे लड़के और लड्किया दोनों थे और सब बिगड़े हुए थे | लेकिन, उनसब मे एक बहुत शांत लड़का था और वो सबसे कटा-कटा था | लड़का दिखने मे कोई हैण्डसम तो नहीं था; लेकिन, अच्छा था और जल्दी पट सकता था और बिना किसी दिक्कत के | पार्टी के अगले दिन, मैने उससे उसके दोस्तों के बारे मे पूछा और उस लड़के के बारे मे भी | उसका नाम रमेश था और वो किसी अमीर परिवार का नहीं था; लेकिन, पढने मे अव्वल था और काफी क्षेत्रों मे सबसे आगे रहता था | उसने किसी बाहर के कॉलेज का इम्तिहान दिया था और उसमे पास हो गया था | लेकिन, उसका लोन नहीं हो रहा था |
मैने अपने बेटे से उसे बुलाने के लिए कहा | वो आया और मैने उससे सारी बात पूछी और १० मिनट मे उसका सारा काम करवा दिया | उसके पैसे मेरे घर आ गये और उसने मेरा धन्यवाद कहा | मैने उसको एक लम्बी से मुस्कराहट दी और एक सीडी दी | मैने वो उसे देखने के लिए बोला और अगले दिन एक पते पर आने के लिए बोला | और सारी बात केवल मेरे और उसके बीच मे ही रखने के लिए कहा | मैने उसे अपना फ़ोन नंबर दिया और कहा, अगर तुम्हे ये सीडी पसंद आये, तो मुझे कॉल करने के लिए बोला | वो सीडी मैने अपनी बनाई थी | जिसमे मै पूरी नंगी होकर कामुक अंदाज़ मे अपने को चोदने के लिए बुला रही थी | मुझे पूरी उम्मीद थी; कि, रमेश मुझे कॉल करेगा | रमेश ने मुझे तय समय पे तो कॉल नहीं किया; लेकिन, जब मै सुबह उठी , तो उसका कॉल था | मैने उसको समस किया और पते पर पहुच गयी | रमेश भी आ गया और मैने उसे उंदर बुला लिया | ये मेरा फार्महाउस था और यहाँ कोई आताजाता नहीं था |
मै ही कभी कभार आ जाती थी |रमेश आकर बैठ गया और कुछ नहीं बोला | मैने ही बातचीत शुरू की और पूछ सीडी कैसी लगी | रमेश ने कहा, अच्छी | मैने फिर पूछा, सीडी या मै | रमेश ने सिर्फ मुस्कुरा दिया | मेरा अब यकीन हो गया था; कि मछली जाल मे फस गयी थी | फिर, मै उसे पूल पर ले गयी | मुझे पता था कि वो एक बहुत अच्छा तैराक है और मै भी एक बहुत अच्छी तैराक थी | हम दोनों ने अपने कपडे उतारे और पुरे नंगे हो गये और पानी मे कूद पड़े | पहले हम दोनों ने काफी देर तैराकी की और फिर रमेश ने मुझे पूल के साइड से लगा दिया और नीचे जाकर मेरी चूत को अपने हाथ से खोल दिया और अपना लंड डालकर चोदने लगा | मुझे मज़ा आ रहा था | बहुत ताकत थी, रमेश मे | उसने मुझे जी भर के चोदा और मुझे भी बहुत समय बाद एक बड़े लंड से अच्छी चुदाई नसीब हुई थी | हम दोनों अब कमरे मे आ गये और एक साथ सो गये और जब मेरी आँख खुली; तो, रमेश सोया हुआ था मैने सबको फ़ोन किया और अगले दिन एक क्लब के दोस्तों की पार्टी की | मुझे पक्का यकीन था; कि मै ही जीती हु | अगले दिन की कहानी अगली बार…
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