सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

होली के रंग गोरियोंके संग


ये प्रथा भारत में सभी जगह पे है| होली के दिन किसिस के ऊपर भी किसी भी प्रकार की रोक टोक नहीं|
कोए भी किसीके साथ रंग खेल सकता है| ये उत्तर भारत में जोरो शोरो और उत्साह के साथ खेला जाता है|
ये वसंत रुतु के आगमन के साथ ही कामदेव और रति कामक्रीड़ा  करते है | उनके स्वागत के लिए और उनके बाणोंसे
सारा माहोल उत्तेजित जो जाता है|  इसलिए लोग अपने मनकी इच्छा  इसदिन पूरी करते है| मतलब जिसको चाहिए उसके साथ थोड़ी मस्ती कर सकते है| अब ऐसे दिन में दिनेश कुछ नहीं करेगा ऐसा तो हो ही नहीं सकता| उसने पहिलेसे सफ़ेद कपडे पहेनके रखे थे| और अब गोपियांका इंतजार कर रहा था|
कॉलेज के पिछेसे उसने साब व्यवस्था करके राखी थी| क्योंकि उधर ही उसके पिता का होटल था| आज लडकिय उसकी फ्रेंड्स सफ़ेद टी शर्ट नि सलवार कमीज़ पहेनके आये थे| उसने सबको होटल में आने का निमंत्रण दिया पार्टी के लिए| बस कॉलेज ख़तम होते ही वो लोग आ गए| दिनेश ने आते साथ ही सबके ऊपर अत्तर के पानी का वर्षाव किया|  साब तरफ गुलाब की पंखुड़िया बरस रही थी| सब गोपिया अब मस्त भीग गयी थी| उनोहे सीधा दिनेश को ढुंढणा चालू किया और सीधा स्विमिंग पुल के तरफ गए फिर क्या दिनेश ने सबको बरी बरी टंक अन्दर खीचा और शुरू हुआ कम क्रीडा का मजा.
अन्दर 5 लड़के और 5 लडकिय बस एक्दुस्रेको दबाने लगे| किसीका स्तन किसीके मुह में तो किसीका लैंड| फिर क्या सब बहोत जादा उत्तेजित हो गए और समूह सम्भोग करने लगे|  फिर सबने खूब मस्ती की और होली का मजा उठाया|

बदन की सोंधी महक मस्त


बदन की सोंधी महक, सुनने मे कुछ अजीब सा लगा रहा है; ये अजीब आपके लिए हो सकता है, लेकिन जो लोग बड़े वाले ठरकी होते है और सेक्स-संभोग जिन्दगी होती है वो इस बदन की खुशबु के दीवाने होते है और ये खुशबु उनको कहीं से भी खीच लाती है | आज मै आपको, अपने बारे मे ही, ऐसा कुछ बताने वाला हु | मेरा नाम समीर है और अब मै करीब ३२ साल का हु और मेरी शादी भी हो चुकी है और मेरे २ बच्चे भी है | लेकिन, ये सब जब हुआ, तब मै १९ साल का था और शादी तो होने का कोई सवाल ही नहीं होता | मैने स्कूल पास कर लिया था और कॉलेज मे नया-नया दाखिला लिया था और वहा पर मुझे कुछ नए दोस्त मिले थे और उन्होंने मुझे सेक्स के बारे मे काफी कुछ बताया था | मेरी रेगिंग भी सेक्स के साथ ही हुई थी | मुझे एक लड़की के साथ नंगा, एक अँधेरे कमरे मे बंद कर दिया गया था और मैने उस लड़की को छुआ तक नहीं | ये सब उस लड़की को इतना पसंद आया, कि उसका और मेरा प्यार हो गया और कॉलेज के चार साल, मैने उसको जमकर चोदा |उस लड़की का नाम सीमा था | सीमा और मै दोनों ही कॉलेज के खेलो मे भाग लेते थे और अक्सर बाहर आते जाते रहते थे और हम दोनों के माँ-बाप को ये मालूम था | एक बार, हम दोनों ने ही उसका फायदा उठाने का सोचा और मैने शहर के बाहर एक रेसोर्ट मे कमरा बुक करवा लिया और हम दोनों ही एक वीकेंड पर वाह चले गये ; सीमा ने बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी और मेरा सारे रास्ते बुरा हाल था और मैने सोच लिया था, कि रूम मे घुसते ही, सीमा को बहुत ही कामुक और बुरी तरह से चुदुंगा | हम दोनों रूम ले लिया और सीमा को रूम मे पहले घुसने दिया | सीमा के बाद, मै रूम मे घुसा और एकदम जोर से दरवाजा बंद कर दिया और सीमा को पीछे से पकड़कर गोद मे उठा लिया | सीमा जोर से चिल्ला उठी और हंसकर अपने को छुटाने लगी | मैने उसको और भी कसकर पकड़ लिया और पलंग पर पटक दिया | आज हम दोनों पहली बार सेक्स कर रहे थे, लेकिन हमने साथ मे ब्लूफिल्म काफी देखी थी और मैने सीमा को कई बार किस किया था और उसके चूचो को भी कई बार दबाया था और उसकी चूत मे भी काफी बार ऊँगली की थी और सीमा ने भी कई बार, मेरा लंड पकड़ा था और मेरा हस्त्मथुन किया था |सीमा को भी मस्ती आनी शुरू हो गयी और वो मुस्कुराती हुई पलंग पर बैठ गयी और अपनी टाँगे खोलकर अपनी ऊँगली से मुझे बड़े ही कामुक अंदाज़ मे बुलाने लगी | मैने भी मुस्कुराते हुए, अपने सारे कपडे खोलने शुरू कर दिये और एक ही बार मे पूरा नंगा हो गया | मेरा काला लंड पूरा बड़ा हो चुका था और सीमा की आँखों के सामने बड़े-बड़े झटके मार रहा था | मैने सीधे ही सीमा के ऊपर कूदी मार दी और सीमा के होठो पर अपने होठ रख दिये | हम दोनों के होठ बहुत ही गरम थे और हम दोनों की सांसे तेज-तेज चलने लगी | सीमा ने अपने हाथो मे मेरा लंड ले लिया और उसको पूरी तरह से दबा दिया और मैने सीमा के कपडे खोलने शुरू कर दिये और उसके चूचो को पूरी तरह से नंगा कर दिया | उसके बड़े चुचे और उनपर गुलाबी निप्पल देखकर मेरे मुह मे पानी आ गया और मैने अपना मुह सीमा के निप्पल पर लगा दिया और उसको मस्ती मे चूसने लगा और सीमा मस्ती मे मचलने लगी aaaahhhhhhh……………….ऊऊऊऊऊऊऊ……………….ऊऊऊऊउ…………..एस…………और वो मस्ती मे मेरा लंड और जोर से दबा रही थी……..आआआआआआआअ……………ऊऊऊऊ…..धीरे सीमा ……….मर गया………तोड़ेगी क्या? सीमा और मै, दोनों एक दुसरे से चिपके हुए थे और हम दोनों के शरीर गरम थे और मैने सीमा के बचे-कुचे भी कपडे उतार दिये और उसकी गुलाबी चूत देखकर मेरे लंड ने जोर से झटके मारने शुरू कर दिये |मैने आव-ना-देखा-ताव और अपने लंड सीमा की गुलाबी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और सीमा की गांड मस्ती मे चलने लगी और वो कामुक आवाजो के साथ मस्ती मे कसमसाने लगी आआआआआआ……………ऊऊऊऊऊओ…………..एस………सेक्सी समीर………..जानेमन………….आजा…साले…..और मुझे अपने नाखुने से नोचने लगी | मुझे से भी अब रुका नहीं जा रहा था और मेरा लंड अपना पानी छोड़ने को बेताब था और मैने एक ही झटके मे अपना लंड सीमा की चूत मे गुसा दिया | सीमा दर्द के मारे चिल्ला उठी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म्म्म ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ………………….ऊऊऊओ……….मर गयी……….बहत ही गरम है | इतना बड़ा लंड, मेरी चूत की वाट लग गयी और उसने अपनी गांड ऊपर की तरफ चलनी शुरू कर दी | उसने मेरे शरीर को कसकर पकड़ लिया और अपनी गांड को जोर से धक्का मारने लगी  | हम दोनों के शरीर थप-थप की तेज आवाज़ के साथ टकराने लगे और हम दोनों के मुह से ही आवाज़े निकलने लगी आआआआआअ….ऊऊ..बस…और नहीं………आया……………आआआआअ………….ऊऊऊऊओ……..ऊऊऊऊऊउ……..मर गये…….वाह…..और कुछ ही देर मे हम दोनों की गांड तेज-तेज हिलने लगी और सीमा ने अपना पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया |उसके पानी से, उसकी चूत एक दम चिकनी हो गयी और मेरा लंड अंदर फिसलने लगा, लेकिन मैने धक्के मारने जारी रखे और कुछ ही मिनट मे अपना पानी पूरा का पूरा सीमा की चूत मे निकाल दिया | सीमा वीर्य गरम होने के कारण तड़प उठी और तेजी से अपनी चूत मेरे लंड से निकालने लगी; लेकिन, मैने सीमा को कसकर पकड़ा हुआ था और मैने अपने वीर्य की बूंद- बूंद सीमा की चूत मे टपका दी | हम दोनों ही मस्ती मे थक चुके थे और नंगे ही सो गये | मैने सीमा को उस रात कई बार चोदा और ऐसा लगा, कि कोई काम काफी समय से छूट रहा था, वो पूरा हो गया | उसके बाद तो, सीमा और मै जहा भी जाते, साथ जाते और हर रात हमारी कामक्रीड़ा की रात होती |

बुधवार, 27 जनवरी 2016

पहली बार में इतना मज़ा

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प्यार किया किसी और से प्यार दिया किसी और ने


हाई दोस्तों, मेरी कक्षा में एक लड़की पढ़ती थी जिसका नाम निशु था, वो मुझसे दूर दूर ह रहती थी | उसके एक दोस्त थी जिसका नाम शेताल था | मैं शीतल को बहुत पसंद करता था पर वो मुझसे जादा बात नही करती थी | धीरे धीरे कर के मेरी और निशु की बात होने लग गयी | और उसके बाद शीतल से भी बात करने लग गयी | मुझे लगता था की शीतल भी मुझे पसंद करती हे पर बोलती नही हे | एक दिन क्या हुआ की मेने मजाक में शीतल को कहा की तुम अगर बाल ऐसे बनोगी तो जादा अच्छी लगोगी, और दूसरे दिन वो वेसे ही बाल बना के आ गयी | आने के बाद उसने मुझे दिखाया तो मेने कहा ऐसे नहीं ऐसे, तो दूसरे दिन वो फिर बदल के आ गयी और मुझसे पूछी | कुछ दिनों तक मेने उसके साथ ऐसे ही किया और मन में खुश हो गया की शीतल मुझसे प्यार करती हे | पर निशु ने मुझे बताया की वो सिर्फ तुझे अपना दोस्त मानती हे और कुछ नही, उसकी बात सुन के मेरे दिल पे पहाड टूट पड़ा और में उदास हो गया | मेने निशु को बोला की पहले क्यों नही बताई तू, वो बोली शीतल के बारे में सोचने से फुर्सत मिलेगा तब न बताउंगी | तू तो पुरे दिन उसी के बारे में ही सोचता रहता हे | मैं उदास हो के कक्षा के बाहर बैठा रहा और एक क्लास में नही गया, निचु को जब पता चला तो वो मुझे मानाने आ गयी और फिर मुझे बहुत माने और फिर मना के कक्षा में ले गयी |दूसरे दिन उसने मुझे अपने ही स्कूल के सबसे आखिरी फ्लोर में बुलाया और वहा मुझसे बात करने लगी और बोली की आज क्या कर रहा हे तू घरमे ? मेने कहा कुक नही वोही हर रोज की तरह खा पी के सो जाऊंगा और फिर खेलने चला जाऊंगा | वो बोली की एक काम कर आज मेरे घरपे आना, मुझे कुछ काम हे | वो क्या हे की मैं दस दिन के लिए अकेली हूँ तो तो घर में बहुत काम हे जो में अकेले नही कर सकती | मैं बोला थक हे टेंशन मत ले मैं आ जाऊँगा | उस वक्त तक मेरे मन में कुछ उलटे विचार नही थे | मैं दोपहर के खाने के बाद उसके घर पहुच गया, उसने दरवाज़ा खोला और उसे दख में झटका खा गया | क्या लगती थी वो उन कपड़ो में, स्कूल के कपड़ो में तो उतना खास नही लगती थी पर घरपे तो कुछ अलग ही बात थी उसकी | उसने गुलाबी रंग का टॉप डाला था और निचे उसने हाफ पेंट पहनी हुई थी | इसमे उसकी कमर का सही अंदाज़ा हो रहा था और उसकी टाँगे तो एक दम गोरी गोरी जिसमे एक बाल भी नही थे शायद, एक दम कमाल की लग रही थी वो | उसने मुझे अंदर बुलाया और पानी पिलाई और फिर मुझे बतेहने को कहा | मैं बैठ गया और फिर हम दोनों यहाँ वहा की बातें करने लगे |  वो मुझे अपनी घर की एल्बम दिखाने लग गयी, मेरा मन तो नही था पर देखना पड रहा था, उसे पता चल गया की मेरा मन नही हे देखना का, सो मई कही घर चला न जून इसीलिए उसने एल्बम एक तरफ रख दिया और मुझसे चिपक के बैठ गयी और मेरे आँखों में झाकने लग गयी, और बोली और सुना कुछ ? मैं बोला और क्या सुनना हे तुझे ये बता ? वो कुछ नही बोली बस मुझे दखती जा रही थी, उसकी आँखों में अजीब सा कुछ लग रहा था जेसे उसे कुछ चहिये और मन ही मन मुझसे मान रही हे ऐसा लग रहा था मुझे उसकी आँखों में देख के |मेने उसके होठो को झटके में चुप लिया, वो फिर भी मुझे देखती गयी और कुछ नही बोली | थोड़े देर के बाद मुझसे लिपट गयी और बोलने लगी समीर में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, तुम मेरे हो और मेरे और किसी के नही हो | तुम अबसे सिर्फ मेरे हो और किसी के नही हो सकते तुम | मेने भी कह दिया हाँ निशु मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ और तुम भी मेरी हो | अब वो मुझे दखने लग गयी और फिर मुझे चूमने लगी, मैं भी उसे चूमने लगा और उसे कस के गले लगा लिया | वो अब मेरे पीठ पे हाथ फेरने लग गयी और मुझसे एक दम लिपट गयी | अब हम दोनों एक दूसरे को चूमे जा रहे थे | वो मुझे उपर के कमरे में ले जाने लगी, पर में सोचा उपर जाके क्या करना हे सो मी उसे मना कर दिया और फिर मेने उसे उसके बिस्तर पे बिठा दिया और उसे फिरसे चूमने लगा, वो भी मेरा भर पुर साथ दे रही थी | हम दोनों करीब दस मिनट तक किस किये और फिर मेने उसे बिस्तर पे लेटा दिया और उसके उपर चड गया में और फिर उसे चूमने लगा, मैं उसके गालो को फिर उसके होठो को चूसने लगा | उसके होठो को चूसने में काफी मज़ा आ रहा था, कमाल के होठ थे उसके एक दम नरम नरम मज़ा आ गया था | वो मेरे मुह में अपना जीभ डाल देती और फिर हम दोनों एक दूसरे के होठो को चूसते रहते | मैं कुछ देर के बाद उसके छाती पे हाथ ले आया और फिर उसके चुचो को दबाने लग गया, उसके चुचे मुझे काफी बड़े बड़े लग रहे थे और बहुत नरम भी थे एक दम उसके होठो की तरह | मैं उठा और अपने कपडे उतार लिया और उसे भी बोला, पहले तो वो मना की पर फिर मान गयी जब मेने बोला तुम मुझसे प्यार नही करती क्या ? अब हम दोनों नंगे थे |उसकी चुत पे हल्के फुल्के बाल थे, पर चुत दिखाई दे रही थी | वो मेरा लंड दख के बोली, ये क्या हे इतना बड़ा सा ? वो बोली की उसने छोटे बच्चो का देखा हे पर वो तो उन्ग्लिस इ भी छोटे होते हे, ये तो हाथ जितना बड़ा हे | मेने बोला की वो बच्चे हे, मैं बड़ा हूँ इसीलिए मेरा ये भी बड़ा हे, और ये सिर्फ तुम्हारे लिए हे, आओ इसे प्यार करो | वो धीरे धीरे हाथ बढ़ाते हुए उसने मेरा लंड पकड़ा और फिर उसे हिलाने लग गयी, बिच बिच में मसल भी देती | कुछ देर के बाद, वो लेट गयी और में उसके चुचो को चूसने लग गया, उसके निप्पल एक दम गुलाभी रंग के थे और मुझे चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था | वो सिसकिय भरने लग गयी थी, और मेरे सर पे हाथ फेरे जा रही थी | में उसके चुचो को बारी बारी से चूसता और मसलता रहता, वो मेरे कभी पीठ पे हाथ फेरती तो कभी मेरे सर पे, इसी तरह करीब बीस मिनट गुजर गए और फिर में उसकी चुत की तरफ आ गया | उसकी चुत पे तो पहले मेने ऊँगली फेरा और वो मचलने लग गयी, मुझे उसका मचलना दख के काफी मज़ा आया, सो मेने अपनी जीभ रख दी उसकी चुत पे और फिर दीरे धीरे उसकी चुत पे जीभ फेरने लग गया | अब उसकी जिस्म की गर्माहट मुझे साफ़ साफ़ महसूस हो रहा था, वो अब सिसकिय पे सिसकिय भरी जा रही थी और अपने सर को बिस्तर पर रगद रही थी, उसे दख के मुझे बहुत अच्छा लग रहा था | वो मेरे बालो पे हाथ फेरे जा रही थी और मै उसकी चुत पे कस कस के जीभ रगड रहा था, वो एक दम से पागल होए जा रही थी और मै उसकी चुत की पंखडियो को अपने होठो से काट रहा था और मस्ती किये जा रहा था | मैं उसकी चुत की पंखडियो को अपने होठो मै दबा के उसे बार बार खीच रहा था, उसकी चुत से लगातार पाने निकले जा रहा था | मुझे उसकी चुत की खुशबु पागल सा बना रही थी, क्या खुशबु थी उसकी चुत की मज़ा आ गया उस वक़्त मुझे |अब वो मेरे सामने गिदगिदाने लग गयी की कुछ करो, मुझसे रहा नही जा रहा | अजीब सा हो रहा हें यहाँ पे क्कुह करो जल्दी, मैं अब जादा देर न करते हुए उसकी चुत पे लंड रखा और धक्का दिया, उसकी चुत एक दम कसी कुंवारी चुत थी | घुसाड़ने मै बहुत म्हणत लगा और उसे दर्द भी बहुत हुआ | वो तो फुट फुट के रोने लग गयी उस वक़्त | मेने उसके होतो पे अपना होठ रख दिया और निचे आराम आराम से काम चालू रखा | वो काफी देर तक तदपि दर्द के कारण पर कुछ देर के बाद शांत हो गयी | तब भी मेने निचे का काम चालू रखा और फिर धीरे से उसके होठो के उपर से आपने होठ को हटा लिया और उसके चूचो को चूसने लग गया | अब उसे काफी मज़ा आ रहा था जो उसके चेहरे से साफ़ झलक रहा था |  वो अब अपनी बालो को सम्भाल रही थी और उफ़ ह्म्म्मम्म्म्म उ उ उ उ  य्स्सस्स्स्स ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह किये जा रही थी | उसके साथ साथ मुझे भी काफी मज़ा आ रहा था | इतना मज़ा न मुझे आजतक कभी मिला और न ही उसको | हम दोनों तो जेसे स्वर्ग मै उड़ रहे थे इतना मज़ा हम दोनों को आज तक कभी नही मिला जो उस वक़्त हम दोनों ने मिलके हासिल किया | वो मुझे कस के पकड़ ली और अपने तरफ खीचने लगी और कहने लगी जोर जोर से करो जो भी कर रहे हो | वो अब कस कस के कराहने लग गयी और उफ्फफ्फ्फ़ ह्म्म्मम्म किये जा रही थी |कुछ देर के इस मस्त चुदाई के बाद वो बोली की मेरा पानी निकलने वला हें और उस वक़्त तक मेरा भी निकलने वाला ही था | वो बोली की मै आ रही हूँ उफ्फ्फ म्मम्मम्म ऐईईईई और बोलते बलते वो झड़ गयी और उसने मेरे हाथो को ढीला छोड़ दिया और उसी पल मै भी उसी की चुत मै झड़ गया | हम दोनों एक दुसरे से चिपक के सो गये और जब उठे तब हम दोनों ने एक दुसरे को चूमा और फिर मै उसके घर से चला गया |

बुधवार, 13 जनवरी 2016

अंजान लड़के से मेरी चूत चुद गई

अंजान लड़के से मेरी चूत चुद गई
मेरा नाम कविता कपूर है, मैं 22 साल की हूँ, लॉ की स्टूडेंट हूँ। पढ़ाई में होशियार हूँ, अच्छे घर की हूँ, बात पिछले महीने की है, मैंने और मेरी रूम मेट जिया दोनों जालंधर में पी जी रहती थी, सुबह से लेकर रात तक हम दोनों साथ रहती, क्योंकि एक ही क्लास में पढ़ती थी, शाम को एक ही रूम में रहती थी, तो दोनों में बहुत ही अच्छी दोस्ती थी, अब भी है।

करीब दो साल पहले मेरा एक बॉय फ्रेंड था, जिसके साथ मैंने 4-5 बार सेक्स भी किया था, मगर जब मैं डिग्री करने जालंधर आ गई, तो उससे दूर होने के वजह से सिर्फ फोन पे ही दोस्ती रह गई।
मगर जिया का हमारी ही यूनिवर्सिटी के एक लड़के से चक्कर चल पड़ा और दोनों अपनी लव लाईफ एंजॉय कर रहे थे।

जिया अपने यार के साथ जाकर 5-6 बार सेक्स भी कर चुकी थी, जब भी करके आती आकर मुझे बताती कि क्या क्या किया और कैसे कैसे किया, मेरा भी बड़ा मन करता, मगर मेरा तो कोई बॉय फ्रेंड ही नहीं था, और एक के होते दूसरे किसी से यारी लगाने का दिल सा नहीं किया।

खैर ऐसे ही वक़्त निकलता गया।
एक दिन यूनिवर्सिटी से वापिस आई तो शाम का खाना खाकर हम वैसे ही अपने अपने बेड पे लेटी हुई थी, जिया अपने बॉय फ्रेंड से बात कर रही थी, मैं अपने से।
करीब साढ़े नौ बजे तक हम अपने अपने फोन पे बिज़ी रही।

जब फोन पे बात खत्म हुई तो जिया मेरे पास आई और बैठ कर हम दोनों अपने अपने यारों की बात करने लगी। मेरे बॉय फ्रेंड ने भी मुझसे बहुत से सेक्सी सेक्सी बातें की थी, जिस वजह से मेरा मन भी बहुत मचल रहा था।

ऐसे ही बात करते करते जिया ने पूछा- सुन कव, सेक्स करेगी।
मैंने थोड़ा हैरान होते हुये पूछा- सेक्स, और अब?
'हाँ, अब मेरा बॉय फ्रेंड आ रहा है, चुपके से दीवार फांद कर अंदर आएगा।' जिया बोली।
'मगर वो तो तेरा यार है, मैं उससे क्यों करूँ?' मैंने कहा।
'तो तेरे लिए अलग से यार मंगा लूँ, बोल, जस से कह दूँगी, अपने किसी दोस्त को ले आएगा!' जिया ने कहा।

मैंने कहा- अरे तू पागल हो गई है क्या, ऐसे कैसे किसी से भी सेक्स कर लूँगी मैं?
'देख यार जस यहाँ आएगा, मुझसे तेरे सामने मेरे ही बेड पे सेक्स करेगा, देख कर तेरा भी मन मचलेगा, तो क्यों न दोनों सहेलियाँ, एक साथ एंजॉय करें, मैं उधर तू इधर!' जिया ने प्रोपोज़ल रखी।

मैं कुछ सोचने लगी तो जिया फिर बोली- देख दिल तो तेरा भी कर रहा है, अगर लड़का पसंद न आया, तो मत करना अगर पसंद आ गया तो कर लेना, किसको पता चलने वाला है और हमारे सिवा और कौन देख रहा है, क्यों क्या बोलती है?'
जिया ने कहा तो मैंने भी अनमने से हा कर दी- ठीक है, अगर लड़का ठीक ठाक हुआ तो देख लेंगे।

जिया ने अपने बॉय फ्रेंड को फोन पे सब बता दिया।
करीब आधे घंटे बाद, दरवाजे पे दस्तक हुई, जिया ने उठ कर दरवाजा खोला, मैं अपने ही बिस्तर पे बैठी रही, दो लड़के अंदर आए, एक जिया का बॉयफ्रेंड था, जिसे अंदर आते ही जिया ने गले लगा लिया और उस लड़के ने भी जिया के होंठों पे ज़ोर से किस किया।

दूसरा लड़का भी अंदर आया, उसके हाथ कुछ था।
करीब 6 फीट लंबा, गोरा चिट्टा, देखने में भी सुंदर था और स्पोर्ट्समैन लग रहा था।
दोनों के टी शर्ट और बरमूडा ही पहने हुये थे।

जिया और उसका बॉय फ्रेंड तो जिया के बेड पे ही बैठ गए, और दूसरा लड़का कुर्सी पे बैठ गया।

थोड़ी देर जिया और उसका यार आपस में बातें करते रहे, वो लड़का चुपचाप कुर्सी पे बैठा रहा और मैं अपने बेड पे बैठी अपनी फोन पे लगी रही, चाहे मैं कुछ भी नहीं कर रही थी फोन पे, पर मेरा दिल बहुत तेज़ी से धड़क रहा था।

तभी जिया ने मुझे आवाज़ लगाई- अरे कव, वहाँ बैठी क्या कर रही है, इधर आ!
मैं थोड़ा कशमकश में उलझी उठ कर जिया के बेड के पास गई और एक साइड पे बैठ गई, तो जिया ने मेरा इंटरों अपने यार जस और उसके दोस्त दिलजीत से करवाया।

दोनों ने मेरे साथ हाथ मिलाया, जस का हाथ तो ठीक था, मगर दिलजीत का हाथ बहुत सख्त और मजबूत था, उससे हाथ मिलाते हुये मेरे दिल के तार झनझना उठे।
हाथ मिलाने के बाद उस लड़के ने मुझे एक गिफ्ट सा दिया- यह आपके लिए!
मैंने थैंक्स कह कर ले लिया और खोल कर देखा उसमे मेरी ही पसंद के चोकलेट्स थे, शायद जिया ने मेरी पसंद बता दी होगी।

हम दोनों में अभी कोई बात नहीं हुई थी, मगर जिया और जस का प्रोग्राम बन चुका था सो जस बोला- देखो भाई हम यहाँ बातें करने नहीं आए हैं, इस लिए हमारा बेड खाली करो, हमें एंजॉय करने दो और अगर आपने भी एंजॉय करना है तो अपने बेड पे जाओ।

मैं दिल की तरफ देखा तो वो कुर्सी छोड़ के उठ खड़ा हुआ, मैं भी उठी और अपने बेड पे जाकर बैठ गई।
मगर अब बात क्या शुरू करें और कौन शुरू करे।
जस और जिया ने चादर ओढ़ ली और दोनों ने चादर के अंदर खुसर मुसर शुरू कर दी।

फिर दिल (दिलजीत) ही बोला- आपके पास फोन कौन सा है?
मैंने उसे अपना फोन दिखाया।
'ओह गुड!' वो बोला- कौन से गाने फीड हैं इसमें?
मैं उसे अपने फोन पे डाऊनलोड किए हुये गाने दिखने लगी।
'और फिल्में भी हैं क्या?' दिल ने पूछा।
मैंने कहा- नहीं फिल्मे नहीं हैं।
'वटसऐप पे वीडियोज़ तो आती होंगी?' उसने पूछा।
'हाँ आती हैं।' मैंने कहा।

'कौन कौन सी?' उसने फिर पूछा।
मैंने उसे व्हाट्टसप की वीडियोज़ दिखने लगी।
'ये तो बच्चों वाली वीडियोज़ है, कोई बड़ों वाली वीडियो नहीं है क्या?' उसने शरारती अंदाज़ में पूछा।
मैं समझ तो गई मगर सिर्फ न में सर हिला दिया।

'मेरे पास हैं, देखना पसंद करोगी' उसने पूछा।
मतलब साफ था कि वो मुझे सेक्सी वीडियोज़ दिखा कर गरम करना चाह रहा था, जबकि गरम तो मैं पहले से ही थी, बस शर्म का लिहाफ ओढ़े लेटी थी।

मैंने कुछ नहीं कहा, मगर फिर भी उसने ने अपने मोबाइल पे एक सेक्सी वीडियो खोल कर मुझे देखने को दी। मैंने उसका मोबाइल अपने हाथ में पकड़ा और वीडियो देखने लगी, जबकि मन में मैं सोच रही थी 'यार ये क्या दिखा रहा है, तू सीधा ही आकर पकड़ ले मुझे
मैंने कौन सा ना करनी है!
वीडियो में क्या था, एक अंग्रेज़ लड़की को एक अंग्रेज़ लड़का चोद रहा था।

जब 2 एक मिनट की वीडियो मैं देख चुकी तो दिल ने पूछा- कव, क्या मैं भी तुम्हारे साथ आ कर बैठ के ये वीडियो देख सकता हूँ। मतलब साफ था वो मेरे बेड पे बैठना चाहता था, मैंने उसके लिए जगह छोड़ी और बेड पे साइड में होकर बैठ गई।
वो भी मेरे बिल्कुल पास आकर साथ में सट कर बैठ गया।

कोई बढ़िया सा पर्फ्यूम लगा कर आया था, उसका मोबाइल मेरे ही हाथ में था, वो मोबाइल पे अलग अलग वीडियो चला कर दिखा रहा था, कभी कोई कभी कोई, इसी दौरान उसने अपना हाथ मेरे पीछे से घूमा कर मेरे कंधे के पास रख लिया।

एक तरह से मैं उसकी आगोश में आ गई थी, अब जब दोनों मोबाइल पर एक के बाद एक ब्लू फिल्में देख रहे थे, तो मेरा भी ज़्यादा नखरे करने का कोई मतलब नहीं बनता था, मैंने भी उसे इशारा देने के लिए उसके कंधे पर ही अपना सर टिका लिया, सर टिकाते ही उसने मुझे अपनी दोनों बाहों में ऐसे घेर लिया जैसे मैं न जाने कब से उसकी गर्ल फ्रेंड हूँ, खैर मुझे भी इस बात का कोई बुरा नहीं लगा।

जब 2-3 वीडियोज़ हमने देख ली तो दिल ने पूछा- कव, क्या मैं तुम्हें किस कर सकता हूँ?
मैं कुछ न बोली, तो उसने खुद ही मेरी ठोड़ी पकड़ी और मेरा चेहरा ऊपर को उठाया और मेरे होंठों पे एक हल्का सा चुम्बन लिया, मैंने कोई विरोध नहीं किया और उसे आराम से चूम लेने दिया।

मगर उसने एक चुंबन लेकर ही बस नहीं की, एक के बाद दो,तीन बार मेरे होंठों को चूमा और उसके बाद मेरे होंठों को अपने होंठों में ही लेकर चूसने लगा।
मुझे भी बहुत अच्छा लगा, मैं उसी की तरफ घूम गई और उसे अपनी बाहों में भर लिया, वो भी नीचे को सरक गया और मुझे सीधा लेटा कर ऑल्मोस्ट मेरे ऊपर ही चढ़ गया।

मेरे होंठ चूमते चूमते उसने मेरे बूब पे हाथ रखा और बड़े आराम से धीरे धीरे दबाया, पहले एक और फिर दूसरा।
मैं उसे किसिंग में सहयोग देती रही, मज़ा तो मुझे भी आ रहा था, चाहे ये बहुत अजीब लग रहा था कि जिस इंसान को मैं 15 मिनट पहले जानते भी नहीं थी, वो इस वक़्त मेरे बदन से खेल रहा था।

मेरी तरफ से सहयोग देख कर उसने मेरी टी शर्ट के अंदर हाथ डाला पहले मेरी पीठ को सहलाया और फिर हाथ आगे बढ़ा के मेरे बूब्स पे ले आया।
रात को सोते वक़्त मैं ब्रा पेंटी कभी नहीं पहनती सो नीचे से तो नंगी ही थी।

दोनों बूब्स को दबा दबा के मसलने के बाद वो बिल्कुल मेरे ऊपर आ गया, अपने पाँव से उसने मेरे दोनों पाँव अलग किए, अपनी टाँगों से मेरी दोनों टाँगें खोली और खुद को मेरे बीच में एडजस्ट कर लिया।
उसके कड़क लंड को मैं अपनी चूत पे लगा हुआ महसूस कर रही थी।

मेरी टी शर्ट उठा कर उसने मेरे दोनों स्तन बाहर निकाल लिए।
'वाउ, ब्यूटीहुल…' उसने कहा, फिर मेरे दोनों बूब्स को अपने हाथों में पकड़ कर दबाया और फिर बारी बारी से उन्हें चूसा।
न सिर्फ निप्पलों को चूसा बल्कि सारे के सारे बूब को अपनी जीभ से ऐसे चाटा जैसे उन पर शहद लगा हो।

बूब्स चाटने के बाद वो पे आ गया।
पेट और कमर के आस पास उसने खूब चूमा।
लगता था कि बेड कबड्डी का भी अच्छा खिलाड़ी था, हर दांव पेच से अच्छी तरह वाकिफ, कि लड़की को कैसे तड़पाते हैं।

फिर मेरी लोअर उतारने लगा तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया।
'क्या हुआ?' उसने पूछा।
'अभी नहीं!' मैंने कहा।

वो रुक गया, पर उसने अपनी टी शर्ट बरमूडा उतार दिया, नीचे से उसने फ्रेंची पहनी थी, छोटी सी चड्डी उसका लंड संभालने के लिए नाकाफी थी, इसीलिए उसका तना हुआ आधा लंड तो ऊपर से ही चड्डी से बाहर निकला पड़ा था।

मैंने देखा तो हंस पड़ी-अगर इससे बाहर ही रखना है तो पहनने का क्या फायदा?' मैंने कहा तो उसने चड्डी भी उतार के फेंक दी।

6 फुट का जवान, और 7 इंच के करीब उसका लंबा मोटा और काला लंड पूरी तरह से अकड़ा हुआ ऊपर को मुँह उठाए।
आस पास कोई बाल नहीं, शायद आजकल में ही शेव की हो।
हाँ सीने और पेट पर बाल थे, उसे नंगा देखा तो मैं देखती रह गई।
उसने आगे बढ़ कर मेरा लोअर उतारा, इस बार मैंने कोई विरोध नहीं किया। लोअर के नीचे तो मैं नंगी ही थी, मेरी गोरी चिकनी वीट से बाल रहित की साफ चूत को देखा तो बोला- वाह, कितनी प्यारी, कितनी मासूम सी पुस्सी है तुम्हारी, जी करता है खा जाऊँ इसे!

मैं कुछ नहीं बोली, उसने मेरी टाँगें खोली और नीचे आ कर अपना मुँह मेरी चूत से लगा दिया।
जब उसने अपनी खुरदुरी सी जीभ मेरी चूत के अंदर फेरी तो मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए, मैं कसमसा उठी, कभी इस तरफ को पलटी मारूँ कभी उस तरफ को मगर उसने अपना मुँह मेरी चूत से नहीं हटाया।

आखिर मैं भी कब तक तड़पती मैंने भी हाथ बढ़ा कर उसका लंड पकड़ लिया।
उसने मेरी चूत छोड़ी, मेरी दोनों टाँगे खींच कर मुझे नीचे को खिसकाया और मेरी बगल में उल्टा हो कर लेट गया उसने फिर से मेरी टाँगे खोल कर अपना मुँह मेरी चूत से लगा दिया और मेरी चूत चाटने लगा, तो मैंने भी उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।

थोड़ी देर ऐसे ही चाटने के बाद उसने मुझे अपनी बाहों के ज़ोर से घूमा कर ऊपर कर लिया।
अब वो मेरे नीचे था और मैं ऊपर !
मेरी चूत से लेकर गाँड तक वो सब कुछ चाट गया।
ज़िंदगी में पहली बार किसी ने गान्ड को चाटा था, एक सिरे से दूसरे सिरे तक वो अपनी जीभ से चाट रहा था।

मैंने भी उसका लंड और आँड वगैरह सब कुछ अपनी मुँह में लेकर चूस गई।
सच में साले ने बहुत मज़ा दिया।

दूसरे बेड पे क्या हो रहा था, हमें कुछ पता नहीं, न ही हमने उधर देखा, हम तो अपने ही मज़े में खोये थे।
जब चूसा चासी काफी हो गई, तो दिल ने पूछा- अब आगे बढ़ें?

मैं भी हाँ कह दी। उसने मुझे बेड बीचों बीच लेटाया और खुद भी मेरे ऊपर आ गया।
मैंने खुद अपनी टाँगे खोल कर उसके लंड का स्वागत किया।
मेरे ऊपर लेट कर उसने अपनी बाहें मेरे नीचे से निकाल कर मुझे अपनी आगोश में कैद कर लिया, फिर मेरे होंठों को चूसते हुये उसने अपना लंड मेरी चूत पे रगड़ना चालू किया।
सच में लंड की रगड़ से मेरी चूत में बहुत मज़ा आ रहा था और ऐसे ही रगड़ते रगड़ते अचानक उसने अपना लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया।

चूत तो पहले सी गीली थी, सो एक बार में ही उसके लंड का टोपा अंदर घुस गया, मैं थोड़ा सा हिली- क्या हुआ, ठीक है?
दिल ने पूछा।

मैंने कहा- हाँ ठीक है।
तो दिल ने मेरी आँखों में देखते हुये बाकी का लंड भी मेरी चूत में घुसा दिया।
जब उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया तो उसने बड़े ही आहिस्ता से अपना लंड आगे पीछे चलाना शुरू किया।
सेक्स तो मैंने अपने बॉय फ्रेंड से भी किया था, वो भी बहुत अच्छा था, मगर इसके सेक्स करने का अंदाज़ कुछ जुदा था, हर स्ट्रोक के साथ जैसे वो मेरे चेहरे के भाव पढ़ने की कोशिश करता कि कहीं मुझे कोई तकलीफ तो नहीं हो रही, वैसे भी उसने अपनी स्पीड स्लो ही रखी मगर निरंतरता बरकरार थी।

मोटा होने की वजह से उसका लंड मेरी चूत की सभी दीवारों से रगड़ के चल रहा था और मेरी चूत के कोने कोने की खुजली शांत हो रही थी।
करीब 5 मिनट उसने बड़े आराम से किया, मगर अब मेरा होने की कगार पर था, सो मैंने कहा-अब धीरे धीरे नहीं, ज़ोर ज़ोर से करो, एकदम तेज़!
मैंने तो कह दिया, मगर उसके बाद उसने जो अपनी ताकत जो जोश दिखाया मेरे तो होश ही उड़ गए, मेरे तो जिस्म के अंजर पंजर हिल गए।
क्या ज़ोर था साले में!

अगले एक मिनट में ही मेरा तो पानी छुट गया, मैं नीचे तड़प रही हूँ, स्खलित हो रही हूँ, क्या हो रही हूँ, फिर उसने इस बात की परवाह नहीं की।
जो चोदा जो चोदा, बस पूछो ही मत! कभी मेरे बूब्स पे काट खाता, कभी मुँह में जीभ डालता, कभी गालों को मुँह में लेकर चूसता, बस समझो कि खा गया मेरे को।

और अगले 15 मिनट उसने मेरे साथ ऐसे ही ज़बरदस्त चुदाई की।
उसकी एक चुदाई में मैं 2 बार डिस्चार्ज हो गई।
चूत तो ऐसे हो गई थी जैसे किसी ने सैंड पेपर लेकर रगड़ दी हो, अंदर तक छिली पड़ी थी।

जब उसका डिस्चार्ज होने वाला था, तब उसने कहा, 'कव मेरा होने वाला है, कहा करूँ?
'कहाँ मतलब, बाहर करो, प्रेग्नेंट नहीं होना मुझे!' मैंने कहा।
'मुँह में लोगी?' उसने पूछा।

मुझे तो डर लगा कि यह मेरा मुँह फाड़ देगा, मैंने कहा- नहीं बस बाहर कर दो।

उसके बाद के जो आखरी धक्के उसने मारे, वो तो ऐसे थे, जैसे वो अपना लंड मेरी चूत में डाल कर मेरे मुँह से बाहर निकाल देना चाहता हो, मेरी तो आँखों से भी पानी आ गया।
और फिर उसने चोदते चोदते एकदम से अपना लंड बाहर निकाला और उसके लंड से वीर्य की पिचकारियाँ निकल पड़ी, मेरा पेट, छाती, मुँह सब गंदा कर दिया उसने।
कितना माल छुड़वाया उसने।
मैं तो सारी की सारी गंदी हो गई।

और वो भी जब निढाल हुआ तो बेड से ही नीचे गिर गया और वहीं पे लेट गया।
उसे नीचे गिरा देख कर जस और जिया भी उठ कर हमारे पास आ गए।

वो दोनों भी बिल्कुल नंगे थे, मुझे उनके पास आने पे शर्म आई मगर मैं इस हालत में ही नहीं थी कि उठ कर अपने कपड़े पहनती, या खुद को ढकती।

'वाह, दिल क्या शानदार चुदाई की तूने तो!' जिया बोली।
दिल ने नीचे लेटे लेटे कहा- तुमको करवानी है क्या?
जिया तो चुप रही, शायद उसके दिल में हाँ थी, मगर उसका बॉय फ्रेंड बोल पड़ा- हाँ हाँ, मुझसे भी कह रही थी कि दिल ने कव की माँ चोद दी, अब ऐसा कर तू इसकी भी माँ चोद दे।

जिया ने उसके एक हल्का सा घूंसा मारा प्यार में, दिल नीचे लेटे लेटे बोला- थोड़ा रुक जा, सांस लेने दे, फिर देखना, इसके सारे खानदान को न चोद डालूँ तो कहना।
जिया ने मुझसे पूछा- कव तू ठीक है?
मैंने साइड पे पड़ी चादर उठाई और उसे ओढ़ कर करवट लेकर लेट गई- हाँ मैं ठीक हूँ, थक गई हूँ, अब सोना चाहती हूँ।

उसके बाद लेटे लेटे मुझे कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला।
अगले दिन सुबह 10 बजे के करीब आँख खुली, देखा तो जिया अपने बेड पे बिल्कुल नंगी लेटी सो रही थी।
मैंने उठ कर अपने कपड़े पहने और जिया को भी जगाया।

चाय पीते पीते जिया ने बताया- रात साढ़े 3 बजे दोनों गए, तुम तो सो गई, तुम्हारे बाद, पहले दिल ने और फिर जस ने एक बार और मेरे साथ सेक्स किया। सच में दिलजीत में तो जान ही बहुत है, जस भी ठीक है, मगर दिलजीत के सामने वो कुछ नहीं, मैंने साफ साफ जस से कह दिया, अगली बार आए तो अकेला नहीं आए, दिलजीत को साथ लाये।

मैंने उसे टोका- अरे नहीं, मुझे नहीं करना और!
चाहे मेरा दिल चाह रहा था कि दिलजीत ज़रूर आए।
तो जिया बोली- अरी बहनचोद तेरे लिए नहीं, मैं तो अपने लिए कह रही हूँ।
'अच्छा तो मेरे बॉय फ्रेंड पे अब तेरी नीयत खराब हो गई कमीनी?' मैंने हंस कर कहा।
तो जिया बोली- अरे काहे के बॉय फ़्रेंड्स, उनको भी पता है, हमने देनी है, हमें भी पता है उन सालों ने लेनी है, तो ये तो लेन देन है, कोई पक्का वादा नहीं, जब तक है चूत में दम, एंजॉय करेंगे हम।

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