मेरा नाम नीली है और मैने कुछ महीनो पहले ही अपने १८ पुरे किये है | मैने अभी-अभी कॉलेज मे दाखिला लिया है और मै सुबह कॉलेज जाती हु और शाम को कॉलेज से वापस आ जाती हु | मुझे दोनों समय या तो मेरे भाई मुझे कॉलेज छोड़ते है और वापस लाते है या मेरे पापा | मेरी जवानी अभी-अभी फूटनी शुरू शुरू हुई है | मेरे चुचे अभी पुरे तो नहीं पके है; लेकिन मेरे चूचो की गोलाई मस्त है और गुलाबी निप्पल ने खड़ा होना शुरू कर दिया है | मेरा रंग एक दम गोरा है और मेरे चूत पर छोटे-छोटे ही बाल आने शुरू हुए है | मुझे सेक्स का कोई ज्यादा ज्ञान तो नहीं था; लेकिन, मेरे भाई के एक दोस्त सुमित की वजह से मुझे सम्भोग और कामक्रीड़ा के बारे मे सबकुछ पता चल गया | जब तक, मै सुमित से नहीं मिली थी; तब तक मुझे चूत, गांड, चुचे, निप्पल, लंड, सम्भोग, कामक्रीड़ा के बारे मे कुछ भी नहीं मालूम था | कभी-कभी जब मै अकेले होती थी, तो सारे कपडे उतारकर अपने शरीर को शीशे मे निहारा करती थी और अपने चूचो को दबाकर देखती थी और अपनी चूत पर ऊँगली लगाकर देखती थी |मेरे भाई के दोस्त सुमित के उम्र २३ साल थी और वो दिखने मे बड़ा अच्छा था | वो भाई के कॉलेज मे बोक्सिंग चैम्पियन था और उसका शरीर बहुत ही गठीला और बलिष्ठ था | जब भी वो घर आते थे, तो मै उनके के आकर्षण मे बंधी हुई, उनसे बात करने पहुच जाती थी | उनकी मैथ भी काफी अच्छी थी और मेरी मैथ बहुत ख़राब थी | उसने मैथ के सवाल पूछने के बहाने ही, मै पास चली जाती थी | मेरे माँ-पापा भी उनको काफी पसंद करते थे; इसलिए मुझे उनसे बात करने की कोई रोक-टोक नहीं थी | मै भी बहुत शरारती थी और जब भी मै उनसे पढ़ती थी; कभी उनका हाथ पकड़ लेती थी, कभी उनकी पेंट पर हाथ मार देती थी और अगर अकेले होती थी, तो उनके गालो पर चुम्मा जड़ देती थी | वो मुझे कुछ भी नहीं बोल पाते थे, बस मुस्कुरा के रह जाते थे | एक दिन जब वो मुझे पढ़ाने आये, तो घर मे कोई नहीं था, मै अकेले थी और ३-४ घंटे तक किसी के वापस आने की भी उम्मीद नहीं थी | जब वो घर मे घुसे, तो मै उनके लिए पानी ले आयी और उन्होंने मुझे पानी पीते-पीते पूछा, कि आज घर मे कोई नहीं है क्या? मैने खुश होते हुए कहा; नहीं, आज घर पूरा खाली है | वो शायद मेरे इशारा समझ गये थे |उन्होंने मुझे अपने पास बैठा लिया और मेरी जांघो पर अपना हाथ फेरने लगे | उनका एक हाथ मेरी जांघ पर था और दुसरे हाथ मेरे गालो को स्पर्श कर रहा था और मेरी गर्दन और बालो के पीछे जा रहा था | मुझे तो बस इसी पल का इंतज़ार था और मैने उनका हाथ पकड़कर चूमना शुरू कर दिया | उस दिन मैने सलवार कुरता पहना था | उनके हाथ ने मेरी जांघ से ऊपर बढ़ना शुरू कर दिया और वो मेरी सलवार के ऊपर से ही मेरी चूत को दबाने लगे | उनका मरदाना स्पर्श बड़ा ही मजेदार था और मेरा शरीर इतने से ही मस्ती मे हिलना शुरू हो गया | सुमित को जब लगा, कि मै मस्त होनी शुरू हो चुकी हु, तो उन्होंने मेरे चेहरा अपने हाथो मे पकड़ा और अपने होठो को मेरे होठो पर रख दिया | उनके होठो के छुते ही मेरे शरीर मे करंट दौड़ गया | मेरी साँसे गरम और तेज होने लगी | मेरे सारा शरीर कांपने लगा | उन्होंने मुझे पलंग पर लिटा दिया और मेरे होठो को चूसने लगे | उन्होंने अपने हाथ मेरी सलवार के अन्दर डाल दिये और मेरे शरीर को प्यार से स्पर्श करने लगे | मेरे शरीर ये सब नहीं झेल पा रहा था और मै मस्ती मे कसमसा रही थी |वो लगातार मेरे होठो को चुसे जा रहे थे, तभी मुझे लगा कि मेरी चूत मे से कुछ निकल रहा और मेरी पेंटी गीली हो गयी | सुमित कोई जल्दी मे नहीं थे, जब उन्होंने मेरी गीली पेंटी देखी; तो उन्होंने मेरे गीली सलवार पर ऊँगली लगाकर मेरे रस को अपनी ऊँगली मे ले लिया और उसको चाट लिया और बोले, बड़ा टेस्टी है, तेरा रस ! फिर, मैने उनको बोला, सुमित बहुत तेज खुजली हो रही है, बस अब डाल दो | सुमित ने पहले अपने को नंगा किया और मेरे सामने उनका बड़ा और मोटा काला लंड झूल गया, किसी राक्षश की तरह झटके मार रहा था | मुझे उससे देखकर अब डर लगने लगा था | मैने अपनी चूत को शीशे मे देखा था, बिलकुल छोटी सी थी | उन्होंने मेरी चूत को देखा और थोडा सा मुस्कुराये और फिर मेरी गांड को थोडा सा उठकर उसके नीचे एक तकिया घुसा दिया | ऐसा करने से मेरी चूत थोड़ी सी ऊपर हो गयी और फिर, उन्होंने मेरी चूत को अपने थूक से पूरा का पूरा गीला कर लिया | मेरा चेहरा थोडा सा डरा हुआ था, उन्होंने मेरा डर दूर करने के लिए अपने लंड को मेरी चूत से रगड़ना शुरू कर दिया | मुझे इस रगड़ने मे मज़ा आ रहा था, सुमित रगड़ने के साथ-साथ अपने लंड को थोडा-थोडा दबाते जा रहे थे | मेरी आँखे बंद हो गयी थी और सुमित ने मौका देखकर एक जोरदार धक्का मार दिया |उस धक्के के साथ ही सुमित का लंड कुछ इंच मेरे अन्दर घुस गया | मेरी दर्द के मारे चीख निकल गयी; मुझे ऐसा लगा, कि कोई डंडा डालकर मेरी चूत को खोलने की कोशिश कर रहा है | मेरी चीख की परवाह किये बिना, सुमित ने एक बार और जोर से धक्का मारा और इस बार, काफी हद तक उनका लंड मेरी चूत मे घुस गया | फिर, सुमित ने लंड को मेरी चूत मे ऐसे पड़े रहने दिया | मेरी चूत सूजकर लाल होने लगी थी और मेरा दर्द के मारे बुरा हाल था | मेरी अपने शरीर मे कुछ फसा सा महसूस हो रहा था | कुछ देर बाद, जब मुझे दर्द कम होने लगा, तो सुमित ने अपना लंड धीरे-धीरे चलाना शुरू किया | उनके अब धक्को मे मुझे भी मज़ा आने लगा और मेरी गांड भी अपने-आप चलनी शुरू हो गयी | कुछ मिनटों बाद मुझे ऐसा लगने लगा, कि मेरे शरीर से कुछ एक दम बाहर आने वाला है और एक ही झटके के साथ एक सफ़ेद रस की पिचकारी सुमित के शरीर पर फूट पड़ी | सुमित अभी भी धक्के पर धक्के मारे जा रहे थे, अचानक से उनके धक्को की रफ़्तार बड़ गयी और उसका शरीर और तेज चलने लगा |उन्होंने एक दम अपना लंड हाथ से बाहर खीच लिया और उनके लंड से भी एक सफ़ेद रस की पिचकारी मेरे पेट पर गिर पड़ी, बहुत गरम था वो रस | सुमित ने मुझे उसका नाम ‘वीर्य’ बताया और बोला, कि अगर ये मैने तुम्हारे अन्दर छोड़ दिया, तो तुम मेरे बच्चे की माँ बनजाउगी | लेकिन, मुझे नहीं पता था, कि उस दिन सुमित जो बोलेंगे, वो सच हो जायेगा | मेरे माँ-पापा ने मेरी शादी सुमित से तय कर दी | उसके बाद तो उन्होंने शादी से पहले मुझे काफी बार चोदा और आज तक हर रात एक नयी चूत की तरह चोदते है |
बुधवार, 20 मार्च 2013
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