बुधवार, 20 मार्च 2013

फौजी की बीवी मेरे शिंकजे मे

हाई दोस्तों, मेरा नाम शाम हे और मैं वाराणसी से हूँ | आज में जो आपको कहानी बताने वाला हू वो तब की बात हे जब में ११वि में पढता था और उस समय गर्मी की छुट्टी चल रही थी | मेरे घर के सामने एक घर था जिसमे एक परिवार रहता था | उस परिवार में सिर्फ पती पत्नी थे और कोई नही | अंकल को कुछ प्रॉब्लम था जिसके कारण उन्हें बच्चा नही हुआ | अंकल एक फोजी थे और दस दिन के लिए ही घर में रहते थे और फिर तीन महीने के लिए चले जाते थे | आंटी दिखें में उतनी खास नही थी पर अच्छी थी बोले तो उन्हें देख के आपको उनसे बात करने का मन जरुर होगा इतनी ठीक ठाक तो थी वो | रंग उनका सावला था, चुचके भी ठीक ठाक थे और गांड भी | कुल मिला के एक नोर्मल आंटी थी और बात भी अच्छे से करती थी |
मैं और मेरा एक दोस्त अक्सर उनके घर के पीछे वाले मैदान में खेलते थे | मेरा दोस्त बहुत दूर रहता था इसीलिए वो हमेशा लेट आता था और में उसका इंतज़ार करता था उनके घर के पीछे | आंटी मुझे हर दिन देखती थी की मैं अकेला हूँ और फिर जब दोस्त आता हे फिर में खेलता रहता हू |एक दिन क्या हुआ की मैं पीछे दोस्त का इंतज़ार कर रहा था और मुझे प्यास लग गयी | तो मैं सोचा सोचा की क्या करूँ और फिर में उसी आंटी के घर चला गया और घंटी बजाई और आंटी से कहा की पानी चाहिए पीने के लिए | आंटी ने मुझे अंदर बुलाया और फिर पानी पिलाई और बोली तुम बाहर क्यों बैठे रहते हो कल से तुम मेरे घर आके अपने दोस्त का इंतज़ार कर लिया करो | मेने पहले मना किया पर वो बोली कुछ नही होता अपना ही घर समझलो | दूसरे दिन में साइड उनके घर गया और दोस्त का इंतज़ार करने लग गया और आंटी भी मेरे साथ बैठ कर बातें कर रही थी जब तक मेरा दोस्त नही आया | तीन चार दिन इसी तरह बीत गए और एक दिन मैं उन्ही के घर में था और मैं और आंटी टीवी देख रहे थे |
अब आंटी और मैं काफी खुल चुके थे और खुल के बात करते थे, उसदिन क्या हुआ की हम दोनों टीवी देख रहे थे और अचानक किस का सीन आ गया तो आंटी के हाथ में रिमोट था पर आंटी इन बदला नहीं और वहा से उठ के चली गयी किचन में और फिर कुछ देर के बाद आया गयी |मेने आंटी से पूछा की क्या हुआ था, आंटी बोली कुछ नही मेने फिरसे पूछा तो आंटी बोली की ऐसे सीन देखने से मुझे अजीब सा लगता हे और फिर पुरे दिन मेरा दिल बेचें रहता हे | मेने पूछा क्यों ऐसा क्यों होता हे, फिर वो बोली अब तुमसे क्या छुपाना तुमसे वो क्या हे की तुम्हारे अंकल को कुछ प्रॉब्लम हे इसीलिए हमे अब तक कोई बच्चा नही हुआ और तुम्हे शायद पता ही होगा की जब पती अपनी पती से दूर रहता हे बहुत दिनों के लिए तो पत्नी उनके प्यार के लिए तडपती हे |
मेने कहा जी हाँ ये तो पता हे मुझे, सुहागरात के बाद अगर ठीक से प्यार न मिले तो ऐसा ही होता हे, उन्क्ली की कमी तो में पूरा नही कर सकता पर अगर मेरे लिए कुछ काम हो तो मुझे जरुर बता दीजियेगा | फिर मेरे दोस्त आ गया और एम् चला गया और फिर जब में खेल के जाने लगा तो वो बोली की सुनो जरा मैं उनके पास गया और कहा जी अंटी बोलिए वो बोली कल तुम मेरे घर दस बजे आ जाना मुझे कुछ काम हे मैं अकेले नही कर सकती | मेने कहा ठीक हे मैं आ जाऊंगा और फिर में वहा से चला गया |दूसरे दिन में उनके घर दस बजे पहुच गया और आंटी ने मुझे अंदर बैठने को कहा | आंटी बोली देखो तुमसे तो में अब कुछ छुपाती नही हू पर तुम ये सब बातें किसी और को मत बताया करो वरना एक तो में यहाँ अकेली रहती हू और अगर ये सब बाते बाहर फैल गयी तो बदनामी हो जायेगी मेरी | मेने कहा अरे आंटी ये आप क्या बोल रही हो में ये सब नही करता | आंटी फिर बोली की मेरे साथ मेरे कमरे में आओ और फिर में उनके पीछे पीछे चलने लगा और उनके कमरे में पहुच गया | अंदर जाने के बाद आंटी ने मुझे पकड़ के बिस्तर पे बिठाया और फिर मुझे बोली की क्या तुम मुझे प्यार दोगे ? मेने पूछा कैसे ? आंटी बोली तुम दोगे या नही वो बोलो केसे देना हे वो अपने आप हो जायेगा | मेने कहा ठीक हे में दूँगा फिर आंटी ने मुझे गले लगा लिया और फिर आहे भरने लगी कस कस के |
मैं उनको लेके खड़ा हो गया और उन्हें कस के गले लगा लिया और उनके गले पे किस करने लग गया | वो भी मेरा साथ देने लग गयी और मुझे चूमने लगी मेरे चेहरे को पकड़ के |मेने फिर उन्हें बिस्तर पे लेटा दिया और उनके उपर चड गया और उनके होठो को चूसने लगा और और वो भी मेरे होठो को चूसने लगी | दो तीन मिनट होठो को चूसने के बाद मैं उनके गालो को चूमा और फिर चुमते चुमते उनके गले को चूमने लगा और फिर छाती को भी चूमा | उन्होंने उस वक्त साडी पेहेन रखी थी तो मेने उनके पल्लू को छाती के उपर से हटा दिया और उनके ब्लाउस के उपर से ही उनके चुच्चो को मुह में भर लिया | वो अब जोर जोर से सिसकिय भरने लगी और बिस्तर को अपने हाथो से नोचें लगी | मैं उनके एक तरफ के चुच्चे को मुह में भर के काट रहा था तो दूसरे को मसल रहा था | दो तीन मिनट ये किया और फिर मैं निचे की तरफ सरक के आया और उनके नाभि को चूमा और उसमे जीभ डाल के उन्हें मजा देने लग | फिर मैं खड़ा हुआ और उन्हें साडी उतारने को तो उन्हें झट से उतार दी अपनी साडी और फिर से बिस्तर पे लेट गयी | मैं उनके उपर फिरसे चड गया और उन्हें फिरसे चूमने लगा और फिर चुमते चुमते उनके ब्लाउस का हुक खोल दिया सामने से और फिर उनके चुच्चे आजाद हो गए |आगे की कहानी के लिए पढ़िए ” एक आंटी के दो दो पती “
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