गुरुवार, 21 मार्च 2013

लेस्बियन प्यार का नजारा [पार्ट ४]

….गायत्री बोहोत जादा उत्तेजित हो गयी थी, उससे और बर्दास्त नहि हो रहा था I उसकी जवानी की रश निकलने का वक्त आ चुका था, वोह जोर जोरसे अपनी गांड को चित्रा की मुह के तरफ हिलाने लगी और कुछी पाल्मे उसका जवानी की रश चित्रा की मुह मे आकार गिरने लगा I अब गायत्री संत हो गयी और चित्रा अपनी नंगा शारीर लेकर खड़ी हो गयी और अपना चूत गायत्री की मुह के पास ले गयी Iगायत्री पहली बार किसीकी चूत चाटने चली थी I
चित्रा धीरेसे अपनी गुलाबी चूत गायत्रीकी मुह के पास लेगयी और गायत्रीने अपना जुबान धीरे से निकालकर चित्राकी चूत की और बड़ाई और धीरे धीरे चाटना शुरू कर दी I और गायत्री जेसे ही चित्रा का चूत चाटना शुरू की, चित्रा का सहारा शारीर जेसे कांपने लगा Iगायत्री को भी चित्रा की चूत की स्वाद अच्छा लगने लगा था और इसलिए वो उसकी चूत चाटने के साथ साथ चूसने भी लगी I चित्रा पहले से ही उत्तेजित थी अब उसकी अन्दर से आवाज़ भी निकलना शुरू हुया आह…अह…I
चित्रा का एसा आवाज़ निकलते ही गायत्री मदहोश हो गयी और चित्रा की चूत चाटते चाटते अपनी जुबान उसकी चूत के अन्दर डालने लगी Iचित्रा को उस वक्त एक लैंड की ज़रूरत थी, लेकिन उसके पास कोई लैंड नहि था इसलिए उसने गायत्री की जुबान को लैंड के तराह इस्तिमाल करने लगी और गायत्री की जुबान के ऊपर दबाव डालने लगी उसकी चूत के अन्दर जाने के लिये Iउसकी चूत से जवानी की जुश निकलना शुरू हो चूका था और वोह जूस गायत्री के मुके ऊपर से होकर स्तन तक जा पोहोचा था I
चित्रा अपनी चूत गायत्री की मुह के लगभग अन्दर डाल चुकी थी I गायत्री का पूरा मुह भीग गया था चित्रा का चूत का जूस से Iचित्रा का पागलपन बड़ता ही जा रहा था, वोह अचानक से चीखते हुये अपने चुतको एसे गायत्री के मुह मे डालदी जेसे की वो लगभग गायत्री के मुह मे बेठ ही चुकी थी I इधर गायत्री भी अपनी पूरा जुबान चित्रा के चूत के अन्दर डाल चुकी थी I आखरी मे चित्रा की पूरी होरमोन निकलने के बाद वोह थोरासा सान्त हुई I
अब चित्रा गायत्री की ऊपर से उतारकर उसके बाजु मे आकार सो गयी I दोनों एक दुशरे को कास के पकड़ ली और किस करने लगी I अब उन दोनोंको कोई शर्म नहि था और वो दोनों एक दुशरे के साथ खेल रहे थे I चित्रा गायत्री की नीति उतार ली, गायत्री अन्दर कुछ भी नहि पहनी थी इसलिए पूरा नंगी हो गयी Iचित्रा थोरासा निचे उतार के उसकी दूद से खलेने लगी I वोह उसकी दोनों दूद दबाने लगी, उसकी चूची चूसने लगी, इधर गायत्री भी जवानी और सेक्स के खयालो मे खोइसी थी I
वो भी चित्रा को प्यार करते करते उसकी मुह पकरके अपने सिनमे डालदी Iचित्रा तब भी उसकी चुचिओ के साथ खेलने मे ब्यस्त थी I गायत्री तो पूरा नंगी थी लेकिन चित्रा तब भी अपनी नीति पहनी ही थी I चित्रा इस तराह उसकी चुचिओ के साथ खेलने के वाजे से गायत्री फिरसे उत्तेजित हो गयी और चित्रा की नीति उतरने की कोसिस करने लगी Iगायत्री के इस कोसिस देखते ही चित्रा खुद बा खुद अपनी नाइटी उतार के फेक दी, और खुद भी पूरा का पूरा नंगी हो गयी I और फिर दोनों एक दुशरे की बहो मे शमा गयी I दोनों एकदम से नंगी…. जिस्म मे एक धागा तक नहि था I
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