सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

एक गोरी मेंम को चोदा


मेरा नाम ऋषि है मेरा घर दिल्ली में है। मैंने अपनी बी टैक जयपुर से की। मेरे दादा जी की साड़ियों की दुकान है। कभी-कभी मैं वहाँ जाकर गल्ले पर बैठ जाता था। हमारी दुकान पर विदेशी भी बहुत आते हैं।
एक दिन दो विदेशी महिलाएँ हमारी दुकान पर आई, दोनों की उम्र लगभग 30 साल होगी। उन दोनों ने जींस-टॉप पहना था। उनमें से एक ने हमारी दुकान से एक साड़ी पसंद की और ब्लाऊज़ का नाप दिया, साथ में अपने होटल का पता दिया और कहा- ब्लाऊज़ हमारे होटल में दे जाना !
मैंने उनसे कहा- ठीक है ! दो दिन लगेंगे सिलने में ! मैं दो दिन बाद आ जाऊंगा।
जब ब्लाऊज़ सिल गया तो मैं होटल में ब्ल्लूज़ देने पहुँचा, मुझसे मैनेजर ने पूछा- किधर जा रहे हो?
मैंने विनम्रता से जबाब दिया- मैं 16 नम्बर कमरे में मैडम का सामान देने आया हूं, उन्होंने मंगवाया है।
मैनेजर ने मैडम को कॉल करके पूछा- कोई लड़का आया है सामान लेकर ! आपने मंगवाया था क्या?
मैडम ने कहा- हाँ, उसको भेज दो मेरे कमरे में !
मैं कपड़े लेकर कमरे में गया तो मैंने देखा कि वो अंग्रेजन टॉप और ट्राऊज़र में बैठी हुई है। उसने मुझे अन्दर बुलाया और मैंने उसको गुड-आफ़्टरनून कहा।
उसने भी मुझे गुड आफ़्टरनून कहा। उसने मुझे पानी के लिए पूछा। मैंने पानी पिया और पोली बैग उसको दे दिया, उसने पोली बैग में से अपना ब्लाऊज़ निकाला और देखने लगी।
उसने मुझसे कहा- आई डोंट नो हाउ कैन आई वीयर दीज़ क्लोद्स !(मुझे ये कपड़े पहनने नहीं आते)
उसने इससे पहले कभी साड़ी-ब्लाऊज़ नहीं पहनी थी, उसको साडी पहनी नहीं आती थी।
तब मैंने उससे पूछा- वो मैडम कहाँ है जो आपके साथ दुकान पर आई थी?
उसने कहा- उनका कमरा अलग है।
उसने मुझसे पूछा- आप मुझे इसको पहनना सिखा सकते हैं कि इसको पहनते कैसे हैं?
मैंने कहा- क्यों नहीं !
मैंने कहा- पहले आप अपनी साड़ी लेकर आइए जो आपने खरीदी थी।
वह अपनी साड़ी लेकर आई, फिर मैंने कहा- पहले आप ब्लाऊज़ पहनिए और फिर यह पेटिकोट पहनें ! फिर उसके बाद यह साड़ी पहननी है।
उसने कहा- ठीक है !
तभी मुझे अंग्रेजन ने कमरे से बाहर जाने को कहा। थोड़ी देर में ब्लाऊज़-पेटिकोट पहन कर उसने मुझे अन्दर आने को कहा !
उस समय वो क्या माल लग रही थी ! उसकी कमर मुझे साफ़ दिख रही थी। उसका साइज़ 34-26-34 था !
मैंने उससे कहा- आपने ब्लाऊज़ सही नहीं पहना !
उसने मुझे कहा- तुम सही कर दो !
मैं उसके पास गया और अपने हाथ उसके कंधे पर रख दिए और ब्लाऊज़ सही करने लगा। यह मेरा पहली बार था कि मैंने किसी अंग्रेजन को छुआ था। उसको छूते ही मेरा लौड़ा जोर मारने लग गया। मैंने उसका ब्लाऊज़ ठीक किया फिर मैंने उसको साड़ी पहनना सिखाया। साड़ी पहनाते हुए मैं उसको कभी इधर कभी उधर छू रहा था, वह मेरे छूने का बुरा भी नहीं मान रही थी। मेरा खड़ा लंड उसको कभी गांड पर स्पर्श करता कभी उसकी नाभि पर ! उसको भी अब तक महसूस हो चुका था कि मेरा लंड बुरी तरह खड़ा हो चुका है !
अब वो साड़ी पहन चुकी थी ! वो इतनी सेक्सी लग रही थी कि मेरा उसको भोगने का मन कर रहा था, परन्तु वो मुझे लाइन नहीं दे रही थी !
मैं उसको चोदने के सपने ले रहा था, तभी वो अपना बैग खोलने लगी।
मैंने उसे कहा- मैम ! आप क्या खूबसूरत लग रही हो इस साड़ी में !
उसने मुझे थैंक्स कहा और उसने बैग में से एक कैमरा निकाल कर मुझे दिया और कहा- तुम मेरा एक फोटो ले सकते हो ?
मैंने कहा- ठीक है !

वैसा कैमरा मैंने सिर्फ मूवी में ही देखा था, कभी छुआ नहीं था। उसने मुझे कैमरे को प्रयोग करने का तरीका बताया, फिर मैंने उसका फोटो खींचा। उसने मुझे फोटो खींचने के लिए थैंक्स कहा और बाकी की पेमेंट करने लगी क्योंकि वो पूरे पैसे दुकान पर देकर नहीं आई थी।
मैंने उससे कहा- अगर साड़ी पहनने में दिक्कत हो तो मुझे बुला सकती हो। मैं दोबारा आ जाऊंगा !
यह मैंने इसलिए कहा कि वो अब तक मेरी बातों में नहीं फंसी थी !
मैंने उसको अपना नंबर दिया और चला आया। मैं अफ़सोस कर रहा था कि मैं उसके साथ कुछ नहीं कर पाया !
दो दिन बाद उसका मेरे पास कॉल आया। उसने अपना नाम बताया तो मैं समझ गया कि यह वही है।
उसने कहा- आप मेरे होटल आ सकते हो क्या ? मुझे साड़ी पहननी है ! साड़ी कैसे पहनते हैं, यह मैं भूल गई !
मैंने कहा- ठीक है ! मैं थोड़ी देर में आता हूं !
मैं उसके होटल पहुँचा ! इस बार मैं कंडोम भी ले गया था कि शायद जरूरत पड़ जाए ! उसने मुझे इसलिए बुलाया था क्योंकि वो जयपुर साड़ी पहन कर घूमना चाहती थी अपने ग्रुप के साथ ! वह फ़्रांस से आई हुई थी। जब मैं उसके होटल पंहुचा तो मैंने देखा कि वह साड़ी पहनने की कोशिश कर रही थी।
मैंने उसे कहा- ऐसे नहीं पहनते !
मैंने उसकी साड़ी उतार दी ! तभी मैंने देखा कि उसने ब्लाऊज़ भी गलत पहना हुआ है। मैं उसका ब्लाऊज़ ठीक करने लगा और उससे कहा- आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो !
उसने मुझे धन्यवाद ! में उसका ब्लाऊज़ सही करने लग गया ! कभी मैं उसकी बगल में हाथ लगाता और कभी उसकी पीठ पर !
धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसके एक वक्ष पर रख दिया और कहा- यह वाला हिस्सा इधर खिसक गया है इसको बीच में करना पड़ेगा !
उसने मेरी इस हरकत का बुरा नहीं माना। अब तक मेरा खड़ा हो चुका था। मैंने तभी अंग्रेजन को कह दिया- आज आप बहुत सेक्सी लग रही हैं !
उसने मेरी इस बात का भी बुरा नहीं माना और मैं उसके वक्ष पर हाथ मलने लगा और अपने लंड को उसकी गांड से छुआने लगा। उसको मेरा लंड महसूस हो चुका था और वह मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी। धीरे से मैंने एक साथ उसकी पीठ पर रखा और मेरा दूसरा हाथ उसके वक्ष पर था। उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी गांड को मसलने लगा।
और मैंने उसे कहा- आई लाइक यू !
उसने भी मेरे से कह दिया- आई लाइक यू !
फिर मैं उसके स्तन जोर से मसलने लगा और भी मेरा साथ देने लगी !
मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसका ब्लाऊज़ उतार कर ज़मीन पर फेंक दिया ! फिर उसकी ब्रा उतार दी और उसके गोरे गोरे स्तन चूसने लगा ! मैंने कभी इतने गोरे स्तन नहीं देखे थे।
फिर मैंने उसका पेटिकोट उतार दिया। अब सिर्फ पेंटी पहने हुए थी। मैं उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत मसलने लगा। वो बहुत चालू थी- उसने मेरी पैंट की जिप खोली और मेरे लंड को सहलाने लगी। फ़िर उसने मेरी पैंट उतार दी और मैंने उसकी पेंटी ! अब वो पूरी नंगी हो चुकी थी !
मैंने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डाल दी और अपने हाथों से उसके स्तन दबाने लगा और उसे चूमने लगा ! उसने मेरा अंडरवीयर उतारा और मेरे खड़े लंड को देख का हैरान हो गई ! वह 7 इन्च लम्बा और तीन इंच मोटा था। फिर उसने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी।
कभी मैं उसकी चूत में उंगली करता कभी उसके स्तन दबाता ! वो एक बार झड़ चुकी थी ! मैंने अपना लंड उसके मुँह में से निकाला, लंड पर कंडोम चढ़ाया और उसकी टाँगें चौड़ी की और उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया! वो इतनी हसीन लग रही थी कि मैं क्या बताऊँ ! उसकी वो गुलाबी चूत अब चुदने ही वाली थी ! वो विर्जिन नहीं थी ! मैंने अपना लंड उसकी चूत से छूआया और धीरे से धक्का लगाया ! मेरा आधा लंड उसकी चूत में जा चुका था।
वो मुझसे कह रही थी- फक्क मी फक्क मी !
मैंने एक और जोर से धक्का दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था और मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा। वो भी मेरा साथ दे रही थी। मैं उसको बुरी तरह चोद रहा था, वो भी मज़ा ले रही थी। मैंने उसको 15 मिनट तक जम कर चोदा और फिर मेरा झड़ गया ! वो भी अब तक दो बार झड़ चुकी थी !
मैंने लंड उसकी चूत में से निकाला, कंडोम उतारा और लंड पर लगा माल उसको चाटने को बोला ! उसने मेरा लंड मुँह में लेकर साफ़ कर दिया।
मैं उसकी बगल में लेट गया। थोड़ी देर में मेरा लंड फिर खड़ा हो गया, मैंने उसको फिर जम कर चोदा। इस बार मैंने उसको अपने ऊपर बैठाया और वोह ऊपर नीचे होकर मुझे मजे देने लगी। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था ! यह सिलसिला एक बार और चला, फिर मैं अपने घर पर आ गया उसको अकेला होटल में छोड़ कर !
फिर उसका मेरे पास दो दिन बाद फ़ोन आया, उसने मुझसे फिर चुदने को कहा। यह कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा !

बुधवार, 27 जनवरी 2016

उधार के बदले बीवी का जिस्म


दोस्तों, मेरा नाम वीणा है और मै एक गावं मे रहती हु | हम लोगो के गावं मे दबंग लोगो का काफी कोहराम है और वो लोगो अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझते | मेरे पति एक किसान है | हम लोगो के यहाँ पर लड़की की शादी ६-७ साल की उम्र मे ही कर दी जाती है, लेकिन लड़की १८ साल की होने बाद ही उसके घर से विदा होती है | मेरी शादी भी, जब मै १० साल की थी, तभी हो गयी थी | लेकिन, मैने अपने पति को पहली बार जब वो मुझे लेने आये थे तभी देखा था | तब मेरी उम्र २१ साल की थी और मेरे पति २३ साल के | हम दोनों के माँ-बाप ने, समाज से डर कर हमारी शादी तो बचपन मे करवा दी थी, लेकिन मेरी माँ ने मुझे २१ साल से पहले विदा करने से मना कर दिया था | मेरे पति के घर वाले भी राजी थे और मेरे गोना, मेरी माँ की मर्ज़ी से हुआ | अपने जवानी के दिनों मे बला की खुबसूरत थी और लोगो का दिल मेरे लिए धड़कता और मुझे देखते ही, उनके लंड उनकी धोतियो मे से फुंकारने लगते थे |जब मै विदा होकर, अपने पति के गावं आयी तो उनके गावं के लोगो का भी वही हाल होने लगा और लोगो किसी ना किसी बहाने से मेरे पति को मिलने घर आते और मेरे शरीर का रसपान करते | मेरे ससुराल मे, केवल मेरे पति ही कमाते थे और मेरे सास-ससुर काफी बीमार रहते थे | कुछ समय बाद, मेरे सास-ससुर काफी बीमार हो गये और उनको शहर मे इलाज़ करवाने की जरुरत थी | उस समय, खेती का समय नहीं था और हमे अपने पैसों की काफी जरुरत थी | मेरे पति ने, साहूकार से कुछ समय के लिए पैसा उधार ले लिया और साहूकार ने भी, हमारी मज़बूरी का फायदा उठाया | उसने मेरे पति को समय और ब्याज के फेर ऐसा फसाया, कि वो कभी भी उधार ना उतार सके और ऐसा ही हुआ, मेरे पति समय पर उधार नहीं उतार पाए और साहूकार पुलिस को लेकर हमारे घर पर आ धमका और हमें घर खाली की धमकी देने लगा | हम लोग घर नहीं छोड़ सकते थे; मैने और मेरे पति ने साहूकार की मिन्नतें करनी शुरू कर दी | साहूकार के चेहरे पर मुस्कान आ गये और उसने पुलिस को विदा कर दिया और मेरे पति के साथ घर के अन्दर आ गया |उसने, फिर मेरे पति से सारी बातें की और बोला, एक शर्त पर मै तुम्हारा सारा क़र्ज़ माफ़ कर सकता, अगर तुम मुझे अपनी बीवी के साथ संभोग करने दो और मुझे मेरे जिस्म की प्यास बुझाने दो | मेरे पति के चेहरे के भाव बदल गये और उनको गुस्सा आ गया | उन्होंने खड़े होकर, साहूकार की गर्दन पकड़ ली और उसको मरना शुरू कर दिया | मैने बड़ी मुश्किल से बीच-बचाव करके साहूकार को छुड़ाया और उसको जाने को बोला | मैने अपने पति को काफी समझाने की काफी कोशिश की, कि कुछ ही घंटो की बात है और मै उनको परेशान  नहीं देख सकती  | लेकिन, मेरे पति नहीं माने | फिर, एक दिन मैने ही निर्णय लिया और खुद ही साहूकार के पास चली गयी | मैने साहूकार से बात की और उससे  वायदा किया, कि मै एक बार उसे अपना शरीर से खेलने दूंगी; लकिन उसको पहले मेरे पति का सारा क़र्ज़ माफ़ करना होगा और मुझे पहले ये बात लिखित मे देनी होगी | मेरे पति पढ़े-लिखे नही थे, लेकिन मै कुछ क्लास पढ़ी थी और मुझे सारे पेपर पढने आते थे | मैने साहूकार से क़र्ज़ माफ़ी के पेपर लिए और उसको ४ दिन बाद आने का वायदा किया | मैने सारे पेपर लेजाकर अपने पति को दे दिये और बोला, कि साहूकार का सारा क़र्ज़ अदा हो गया |मैने पति ने जब मुझे पूछा, तो मैने उनको कहाँ कि मेरी माँ के पास मेरे कुछ जेवर पढ़े थे, जो मैने ही उनके पास अपने बुरे समय के लिए रखवाए थे | उनको बेचकर मैने साहूकार का सारा क़र्ज़ उतार दिया | पति और मेरे सास-ससुर सब खुश थे और उस रात सब ने, बिना किसी परेशानी के खाना खाया और मेरे पति ने मुझे जमकर चोदा | चार दिन बाद, मेरे पति को मेरे सास-ससुर को शहर लेकर जाना था | वो सुबह-सुबह शहर चले गये थे और मै घर का सारा काम निपटा कर साहूकार की दूकान पर चली गयी | लाला ने इधर-उधर देखा और मुझे अपने घर मे बुला लिया | और खुद घुसते ही दरवाजा बंद कर लिया |लाला बड़ा ही बैचेन आदमी था और उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और अपने हाथ मेरे चूचो पर रख दिये और उनको दबाने लगा | लाला था तो बुड्ढा, लेकिन उसके हाथो मे जान थी | लाला ने अपना शरीर मेरे शरीर से चिपका लिया और मस्ती मे मेरे शरीर को चूसने लगा | उसका लंड एक दम सध चुका था और उसकी धोती से खड़ा लंड बाहर आने लगा था और उसका खड़ा लंड मेरी गांड की लकीर पर लग रहा था | लाला मस्ती मे आ चुका था और उपना शरीर मेरे शरीर से रगड़ने लगा और उसका लंड मेरी गांड से रगड़ खा रहा था | मै सिर्फ मज़बूरी मे, लाला के पास आयी थी, लेकिन लाला के लंड रगड़ मुझे भी बैचेन करने लगी | लाला ने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मेरा पल्लू गिरा दिया और मेरे चूचो पर अपने होठ रख दिये | उसके होठो की गर्माहट को अपने शरीर पर महसूस करके, मै तड़प उठी और मेरे मुह से इसस…निकल गयी | लाला समझ गया, कि मुझे भी मज़ा आने लगा है और मै गरम हो चुकी हु | लाला का लंड लगातार फड़क रहा था और बुड़ापे की वजह से वो ज्यादा झेल नहीं पा रहा था और उसने मेरी पूरी साड़ी खीच ली और मेरे ब्लाउज और पेटीकोट को खोलकर मुझे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी सारे कपडे उतार फेके | लाला, मेरा गोरा और कामुक जिस्म देखकर पागल हो गया था और मेरी चूत के पास छोटे बालो ने उसको दीवाना कर दिया | लाला अपने घुटनों पर बैठ गया पर अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा | लाला की जीभ बड़ी मस्ती मे चल रही थी और मेरे शरीर की गर्मी मुझे पागल बना रही थी और मेरा शरीर मस्ती मे मचलने लगा | समय काफी होने लगा और माहौल भी काफी गरम हो गया था | मैने, लाला को बोला; लाला आग तो लगा दी, बुझा भी सकते हो या नहीं | लाला ने मुझे गोदाम मे रखी हुई बोरियो पर धक्का मार दिया और मै गिर पड़ी |लाला ने मेरे ऊपर गिर पड़ा और उसने मेरे पैरो को खोल दिया और अपना लंड हाथ से हिलाते हुए, मेरी चूत पर रगड़ने लगा और एक ही धक्के के साथ, उसने अपना लंड मेरी चूत मे घुसा दिया | साला लाला, दो ही धक्को मे देर हो गया और उसका वीर्य सारी जमीन पर फैल गया और लाला बराबर मे जमीन पर गिर गया | मेरी आग अभी बाकी थी, मै उठी और लाला के मुह पर अपनी चूत लगा दी और उसके बालो को खीचकर उसकी जीभ से अपने को चुदवाने लगी | मैने लाला के मुह पर थूक दिया और बोली, क्यों साले? सारी मर्दानी ख़त्म हो गयी | अगर चोदने की औकात नहीं थी, तो आग मे हाथ क्यों डाला | कुछ देर मे, मैने भी अपना पानी लाला के मुह पर छोड़ दिया और लाला के घर के स्नानघर मे चली गयी | कुछ देर, वहा बैठने के बाद मैने अपने आप को साफ़ किया और कपडे पहन कर बाहर आ गयी | लाला भी कपडे पहनकर अपनी दूकान पर जा चुका था और मै पीछे के रास्ते से घर चली गयी | घर पहुचकर, मै नहाने चली गयी और कुछ देर के लिए सो गयी | अब सब कुछ ठीक हो गया था और लाला को भी मेरे साथ सभोग करके अक्कल आ गयी थी और उसने फिर कभी मेरे सामने नज़रे उठाकर नहीं देखा |

शुक्रवार, 8 जनवरी 2016

होटल कर्मचारी के साथ ता ता-थैया

http://pic2arab.blogspot.in/

मेरा नाम सुकेश है और एक निजी कंपनी मे कार्यरत्त हु | मेरा काम जगह-जगह घूमना और कंपनी के साथ जुड़े हुए लोगो की समस्या का निवारण करना है | महीने मे, मै करीब २० दिन होटलों मे गुजारता हु | दिन तो काम मे कट जाता, लेकिन साली रात नहीं कटती | वैसे भी मुझे होटलों के बिस्तर पर कम ही नींद आती है, तो मै काफी देर तक उल्लुओ की तरह जागता रहता हु और टीवी देखता हु या लैपटॉप पर चैटिंग करता रहता हु या ब्लूफिल्म देखता रहता हु और २-३ बार मुठ मारकर अपनी बैचेनी को शांत करता हु | इन सब चीजों से मुझे थोड़ी से थकान हो जाती है, तो मुझे नींद भी अच्छी आ जाती है |  इस बार मै एक छोटे से गावं मे गया हुआ था, वहा से मुझे रात को ही लौटना था, क्योकि वहा रात को रुकने का कोई खास इंतजाम नहीं था, लेकिन उस दिन मुझे काम मे ही इतनी देर हो गयी, कि रात को निकलना नामुनकिन था | मुझे मेरे एक जानने वाले ने एक होटल मे कमरा दिलवा दिया | वो वहा का एक खास होटल था और सबसे अच्छा भी | उसने बोला, सर आप यहाँ रुको तो सही, आप बार-बार यहीं रुकने लगोगे | मुझे लगा, वहा कि सर्विस काफी अच्छी होगी |उस होटल की खास बात थी, कि वो होटल औरतो द्वारा चलाया जाता था | वहा पर , फ्रंटडेस्क  से लेकर रूम सर्विस तक सब लड्किया थी | और सब लड़कियों की उम्र करीब २३ से २५ साल के आसपास होगी | मुझे लगा, कि शायद मै किसी गलत जगह पर आ गया हु | फिर, जब मैने वहा पर काफी लोगो को देखकर तो मुझे कुछ सही सा लगा | फिर, मैने एक डीलक्स रूम लिया और चाय के लिए बोलकर रूम मे चला गया | एक खुबसूरत सी लड़की मेरे सामान के साथ मेरे रूम मे आ गयी और सब चीज़े चेक कर करके जाने लगी | मैने उस लड़की को १०० का नोट दे दिया | उसने मुझे एक प्यारी से मुस्कराहट दी और बोली आप को किसी भी चीज़ की जरुरत हो, फ़ोन करके बोलियेगा, सुरीली को भेज दो; मै आ जाउंगी | उस समय मुझे कुछ अजीब सा नहीं लगा | उसके जाने के बाद मै बाथरूम घुसा, तो मै दंग रह गया | बाथरूम मे नंगी लड़कियों के तस्वीरे लगी थी और उन तस्वीरो मे एक सुरीली की भी तस्वीर थी | क्या मस्त लड़की थी? मुझे पहली बार पोट्टी करने मे बड़ा मज़ा आया | मैने सारी नंगी लड़कियों को देखते हुए कमोड पर बैठकर मुठ मारा और फिर रूम मे आ गया |तब तक सुरीली मेरे लिए चाय लेकर आ चुकी थी | सुरीली की मुस्कराहट पर मेरा दिल आ गया था और मै उसे चोदना चाहता था, लेकिन उससे इस बारे मे बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थी | मुझे थोडा सा परेशान देखकर उसने पूछा, आपको कमरा पसंद आ गया? मैने हा मे अपना सर हिला दिया | फिर, उसने दो-तीन सूचनापत्र निकाले और मुझे दे दिये | उसने खाने के और हर तरह की सर्विस के पैसे लिखे थी | सुरीली बोली, इस होटल मे हर रूम एक लड़की के पास होता है, किसी भी चीज़ के जरुरत हो, तो मुझे बुला लेना और अगर, आपको बाथरूम मे और कोई लड़की पसंद आयी हो तो कॉल करके बुला लेना | ये सब सुन के मुझे थोडा सा ठीक लगा और मुझमे थोड़ी से हिम्मत आयी | मैने सुरीली को पूछा, नहीं मुझे तुम ही पसंद हो, क्या-क्या कर सकती हो? सुरीली हंसकर बोली, सब कुछ जो आप चाहे | कल सुबह तक मै आपका रूम मेरे पास है और आपको खुश करना मेरा काम है |मैने सुरीली को कुछ वाइन लाने के लिए बोला और खाना भी | उसके बाद के लिए भी उसने आर्डर माँगा | मैने उसको चोदने की इच्छा जताई | वो मुस्कुराई और मेरे कान मे १००० बोलकर चली गयी | थोड़ी ही देर मे सुरीली मेरा खाना लेकर आ गयी और उसने एक बहुत ही सेक्सी सी ड्रेस पहनली थी | उसने रूम मे आकर एक ब्लूफिल्म चला दी | और हम दोनों बे वाइन लेने शुरू कर दी | हम दोनों के जाम से जाम टकरा रहे थे और ब्लूफिल्म की तेज आवाज़ से मेरा लंड जोर-जोर से झटके मार रहा था | मै गरम होने लगा था और मेरी बैचेनी के भाव मेरे चेहरे पर दिखने शुरू हो गये थे | सुरीली ने शायद मेरे उन भावो को पढ़ लिया और वो मेरे मेरे पास आकर बैठ गयी और मेरे हाथ से ग्लास लेकर मेज पर रख दिया और मेरे जिप खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथो से उसका हस्त्मथुन करने लगी | उसके हाथो का स्पर्श बड़ा मजेदार था | फिर, उसने मुझे थोडा सा नीचे लिटा दिया और मेरे होठो को चूसने लगी | वो मेरे होठ, गर्दन और चेहरे को चूम रही थी, लेकिन उसका हाथ लगातार मेरे लंड का मुठ मार रहा था |मुझे बर्दाश होना बंद हो गया था और मैने बोला, सुरीली मै पानी छोड़ने वाला हु, अपनी चूत के तो दर्शन करवा दे | वो खड़ी हो गयी और एक-एक कपडे उतारकर नंगी हो गयी | उसका शरीर बड़ा ही कामुक और मदमस्त था | उसके चुचे छोटे और कसे हुए थे और उनपर गुलाबी निप्पल बड़े मस्त लगा रहे थे | मैने भी, जल्दी से अपने सारे कपडे उतार फेंके और सुरीली को अपने साथ बिस्तर पर खीच लिया | मेरे हाथ किसी प्यासे और ठरकी आदमी की तरह उसे चूचो और गुलाबी निप्पल को रगड़ और मसल रहे थे और मै उसके होठो को चूसकर अपने होठो की प्यास बुझा रहा था | सुरीली भी किसी कमसिन कली की तरह पड़ी हुई मचल रही थी और कसमसा रही थी | मुझे उसकी ये अदा बड़ी पसंद आ रही थी | उसका शरीर एक दम चिकना था और मेरे हाथ उसके शरीर पर ऐसे फिसल रहे थी, मानो, मैने अपने हाथ किसी मक्कन की टिक्की पर रख दिये हो | फिर, मेरे हाथ उसकी चूत तक पहुच गये और मैने अपनी ऊँगली उसकी चूत की लकीर पर रखकर थोडा सा दबा दिया | मेरी ऊँगली उसकी चूत मे एक दम घुसा गयी, जैसे ऊँगली मक्कन की टिक्की मे गुस जाती है |मेरा लंड अपना पानी छोड़ने को बेताब हो रहा था, और मै किसी भी हालत मे, सुरीली से पहले अपना पानी नहीं छोड़ना चाहता था | मैने अपने आप को फर्श पर बैठाया और सुरीली की टांगो थोडा सा नीचे खीचा और खोल दिया | उसकी छोटी से गुलाबी चूत मेरी आँखों के सामने थी और मेरे जीभ लालची कुते की तरह अपनी लार टपका रही थी | मैने आव ना देखा ताव, अपना मुह सुरीली की चूत मे अपना मुह घुसा दिया और अपनी जीभ से उसको चूसने और चूमने लगा | मेरी जीभ उसकी चूत की घंटी को मज़े से चूस रही थी और मेरी जीभ उसकी चूत की अन्दर की दीवारों को गुदगुद्दा रही थी | सुरीली के साथ शायद ये सब कुछ ही मर्दों ने किया था और वो अपने शरीर को मस्ती मे चलाने लगी और उसकी गांड तेज-तेज हिलाने लगी | वो मेरे लिए एक इशारा था, कि सुरीली भी अब अपना वीर्य छोड़ने वाली है और मै एकदम खड़ा हो गया और मैने सुरीली की चूत को अपने पास खीचा और झट से अपना लंड सुरीली की चूत मे घुसा दिया | मेरा लंड और सुरीली की चूत दोनों ही बहुत गीले थे और मेरा लंड प्यार से सुरीली के चूत मे घुसकर समा गया | मैने अपना पहला झटका बहुत जोर से मारा और पहले ही झटके मे सुरीली और मैने, दोनों ने अपना-अपना पानी छोड़ दिया | सुरीली का शरीर शिथिल पड़ गया और मेरा लंड भी सुकड़कर मूंगफली की तरह हो गया | हम दोनों उठे और बाथटब मे जाकर पसर गये | घंटो तक हम एक दुसरे के ऊपर लेते रहे और बाद मे बिस्तर पर आकर सो गये |सुबह मैने सुरीली को मोटी से टिप दी और अपना टूर ६-७ का लिया और रोज़ रात को एक नयी लडकी के साथ मज़ा लिया |

मंगलवार, 9 अप्रैल 2013

मुफ्त की मिली जगमगाती चुत

मुफ्त की मिली जगमगाती चुत
हाई दोस्तों, मैं अब अपना परिचय भी क्या दूँ , बस समझ लीजिए प्यार से लोग मुझे चुत का पुजारी कहते हैं | मैं अकसर अपनी कई प्रेमिकयों के साथ तो चुदाई कर चूका हूँ पर एक दिन अपने ही रिश्तेदार की छोकरी की चुत की झील भी देख ली जिसकी कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ | मैं अपनी पढाई पूरी कर नयी नौकरी की तलाश में नए शेहर के लिए रवाना हुआ और वहाँ अपने पुराने रिश्ते में लगने वाले भईया के यहाँ रुका हुआ था | उनकी एक बहन भी थी जिसका नाम पिंकी था | उनकी बेहेन उम्र में तो मेरे ही आस – पास की ही थी और बड़ी ही खूब सूरत भी लग रहीं थी | जब मैंने उसे पहली बार देखा तो उसने छोटा सा कच्छा पहना हुआ जिसके नीचे से उसकी नंगी सपाट दिख रही थी |पहले कुछ दिनों मैं भईया के साथ उनकी कंपनी के नौकरी के तलाश में पूरा दिन घर से बाहर रहता और आखिर में जब मेरी नौकरी पक्की हुई तो भईया अपने काम के सिलसिले में बाहर चले गए पर उनकी माँ के कहने पर मैं दो दिन के लिए वहाँ और रुक गया | बस वो दिन ही काफ़ी थे पिंकी के साथ सुहागरात मनाने के लिए | उस दिन पिंकी के अपने कॉलेज से आने के बाद हमारी इधर उधर के विषय के उप्पर बातें शुरू हो गयी | बातें करते – करते पता चला की पिंकी बहुत खुले विचारों की है उसने मुझे अपने बारें में लग भाग सब कुछ बता दिया | उसने अपने पुराने प्रेमियों के संबंधों के बारें में भी बताया और मुझसे पूछने पर मैं बाबा ब्रह्मचारी की तरह ना भर दी |उस रात हम टी.वी  देखते – देखते सो गए पर अचानक रात के दो बजे मुझे आए कामुक सपनो के कारण मेरी आँख खुल गई | मैंने देखा की मेरी चड्डी भी गली हो चुकी थी | इससे पहले मैं फिर सोता तो देखा की हलकी – हलकी चान्दिनी रौशनी में मेरे सामने एक हलक सा टॉप पहने और छोटा सा कच्छा पहने पिंकी सो रही थी | मैं देखते – देखते गरम होने लगा और मेरा लंड खड़ा हो गया धीरे – धीरे जाने कब मेरे हाथ उसे सहलाने लगे और मैं पहले उसके टॉप के उप्पर उसके स्तनों के चूता और फिर अपना हाथ अंदर देने लगा | मेरी आँखें नशीली हो चुकी इतने में मेरा हाथ उसकी काछे के उप्पर सही चुत के उप्पर जोर देने लगा इतने में चोंती हुई पिंकी उठ गयी और मुझे सवाल कर बैठी | मैं कुछ ना कह सका और अचानक मेरी गांड में ना जाने कहाँ से दम आया और मैंने उसके गालों पर हाथ फेर डाला जिसपर वो बस मुझे देख ही रही थी तभी मैंने उसकी गर्दन को चूमने लगा और अपने एक हाथ से उसके स्तनों को भींचने लगा |मेरे इतने भारी प्रहार के सामने पिंकी ने हार मानते हुए मुझे सहयोग करते हुए चूमने लगी और मेर पैंट की ज़िप खोल मेरे लंड को निकाल कर मसलने लगी | मैं जोश में आया तो उसे वहीँ लिटाकर उसके कपड़े खोल खुद भी नंगा हो गया और उसके चुचक को चूसने लगा जिसपर वो धीमे से “आहाह्ह हाह्ह्ह्ह” करके सिस्कारियां भरने लगी | कुछ १५ मिनट बाद मेरे हाथ सह्कुशल उसकी पैंटी के पास पहुँचते हुए उसे उतार कर उसकी चुत को पर पहुँच गए और धीरे – धीरे मेरी उँगलियों ने प्रवेश करते हुए अपनी संख्या ४ तक बड़ा ली | तभी मैंने अपने नागराज को जगा और उसके उप्पर लेटकर अपने हाथों उसकी चुत का रास्ता दिखलाया | कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को उसकी चुत में देते हुए धक्का मारने लगा और अपनी गति अपरम्पार कर दी |हम अब खूब जोश में थे मैंने उसकी गांड पर थपड मारते हुए अपने लंड को उसकी योनी में नचाता रहा और वो भी मस्तमौला होकर अपनी प्रवेश द्वार को चिर्वाने लगी | हमारी गति बहुत तेज हो चुकी थी जिस्समे मेरा लंड किसी मटके में चमच के घूमने की तरह खनक रहा था | अंतिम चरम पर हम एक साथ ही झड गए और मेरा सारा वीर्य उसको चुचों पर छिडका हुआ था | मैंने वहीँ के कपड़े से अपने आपको पूछता हुआ उसकी बाहों में चैन से लेट गया | अचानक मेरी आँख खुली तो सुबह की चारा बज रहे थे और हम नंगे ही एक दूसरे के उप्पर पड़े हुए थे | मैंने जल्दी से उसे जगके अपने कपड़े पहने और सुबह होने से पहले अलग सो गए | उसी शाम को मैं अपने शेहर भी रवाना हो गया और जाते वक्त उसने मुझे प्यारी सी चुम्मी भी दे | इस बहाने मुझे हमेशा के लिए नौकरी और एक चुत भी मुफ्त में मिल गयी |

मेने पहली बार चोदा अनुष्का को [पार्ट २]

मेने पहली बार चोदा अनुष्का को [पार्ट २]
उसने मुझे खिंचके बिश्तार मे लेटा दिया I उसने मुझे कहा उसका चुचिया चूसने के लिये, मे चूसने लगा और मेरा हाथ धीरे धीरे उसके छुट के तरफ बड़ने लगा I उसके छुट मे छोटा छोटा बाल था, मे उसके साथ खेलने लगा और इतने मे उशने मेरा लैंड पाकर लिया I
उसके हाथ लगते ही मेरा लैंड दुगना हो गया, खून की पहली बार किसी लड़की ने मेरा लैंड अपने हाथो से पकड़ा था Iवोह मश्ती मे चीखने लगी और अपने दोनों हाथोसे मेरे सर पकड़के अपने निचे चुत के ओर लेजाने लगी I मे समझ गया वो क्या चाहती है, मे अपना मुह खुद बा खुद उसके छुट के तरफ ले गया I
उशकी चूत की खुसबू मेरे नाक मे आने लगी, उस वक़्त मे होश मे नहि था और नहि मुझे कुछ समझ आ रहा था I मे अपने दोनों ऊँगली से उसके चूत के छेद को बड़हया और फिर चाटने लगा I इसमें उशने मेरा सर और जोर से पकड़ ली और मेरे मु उसके चूत के ओर ढकेलने लगी I
कुछिदेर मे उसकी जवानी की रश बहार ई, उसका स्वाद नमकीन था Iअब ओर उससे रहा ना गया उसने कहा मेरे लैंड उसके चूत मे डालने को और उसने अपने पौ फेला दिया ताके मे उसे आसानी से चोद सकू I मे बोहोत ही बेकाबू था क्यूँ की मे अपने जिंदगी मे पहलीबार चोदने चला था I मे अपने लैंड उसके चूत पे डालने की कोसिस करने लगा I
उसकी चूत पहले से ही गीली थी, इसलिए मुझे बोहोत जादा कष्ट उठाना नहि पड़ा और उसकी चूत के अन्दर मेरा लैंड चले गया I उसके चूत के अन्दर एक हल्का गर्माहट जेसे था और उसके चूत के अन्दर के हिस्साने मेरे लैंड को जोरसे दबा रक्खा था Iमेने उसे चोदना शुरू किया और वोह मुझे और भी जोर जोरसे चोदने के लिये बोलने लगी I
उसका बीर्ज बहार आने की तयारी मे था और उसके चूत मेरे लैंड को और भी जादा जाकर रही थी I वोह अनुभब लिख के बताना बोहोत ही मुश्किल है, मे और भी जोर जोर से उसे चोदने लगा और मेरा बीर्ज उसके चूतके अन्दर ही गिर गया Iउसे चोदना पूरा होने की बाद हम दोनों एक दुसरे को पकड़ के शोये हुवे थे और वो मेरे गालो मे पप्पी ले रही थी I
वोह बोहोत खुस थी और उसके चेहरे मे फिरसे रौनक लोट आया था, और मे भी खुस था खून की मेने उसे मदत की उसकी शारीर की प्यास मिटाने मे I कुछदेर बाद मे उसके ऊपर से उतरा और हम दोनों अपने अपने कपड़े पेहेनके जेसे ही दरवाजे के तरफ देखा तो चोक गये I मौसी दरवाजे के ऊपर ही कड़ी थी I

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