बुधवार, 3 फ़रवरी 2016

मेरी सास बिल्कुल नंगी खड़ी


यह कहानी आज से कोई 3 साल पहले की है। शादीशुदा होने के बाद भी मैं अपनी बीवी से खुश नहीं था क्योंकि वह मेरे साथ सेक्स तो करती पर पूरी तरह से नहीं। मैं उसके साथ ठीक से मज़ा नहीं कर पा रहा था और इसी वजह से हमारे बीच तनाव बना रहता था।
इसी बीच मुझे मेरे ससुराल जाने का मौका मिला। मेरी ससुराल मैं मेरे ससुर और सास ही हैं। हमारे वहाँ पहुँचते ही मेरा स्वागत किया गया।
शाम का खाना खाने के बाद मैं अपने ससुर जी बात करने लगा और मेरी बीवी मेरी सासु माँ के साथ रसोई में काम कर रही थी। फिर हम सभी लोग थोड़ी देर बात करने के बाद सोने चले गए।मेरी बीवी हमेशा की तरह सेक्स में रूचि ना लेते हुए सोने लगी लेकिन मैं भी उसे बिना सेक्स किये कैसे सोने देता। मैं गाउन के ऊपर से ही उसके बोबे दबाने लगा, उसे कुछ होने लगा लेकिन सेक्स मैं रूचि नहीं होने की वजह से उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की।
मैं भी इतनी जल्दी हार नहीं माने वाला था, मैं कोशिश करके उसका गाउन निकाल दिया और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए। अब मैं बिल्कुल नंगा और वह सिर्फ पेंटी में थी। उसने ब्रा नहीं पहनी थी।
मैं धीरे-धीरे उसके बोबे दबाने लगा और बीच-बीच में चूसता भी जा रहा था। पर उसकी तरफ से कोई प्रत्युत्तर नहीं मिल रहा था। यह सब होने के बाद मुझे बहुत गुस्सा आया क्योंकि मेरा लंड कड़क हो चुका था और मैं प्यासा ही था।
हमारी बहस शुरू हो गई। हमारी बहस से शायद मेरी सासु माँ जाग गई थी और वो हमारे कमरे की खिड़की से हमें देख रही थी। उस वक्त भी मैं बिल्कुल नंगा और मेरी बीवी सिर्फ पेंटी में थी। मुझे इस बात का पता कुछ देर बाद चला जब अचानक मेरी नजर खिड़की पर पड़ी। पर मैंने देख कर भी अनदेखा कर दिया जिसकी वजह से वो बहुत देर तक छुप-छुप कर खिड़की से देखती रही और हमारा झगड़ा सुनती रही।
बहुत देर तक बहस करने बाद मैं अपने आप को शांत करने के लिए उठा और मुझे देख मेरी सास अपने कमरे में चली गई जो हमारे कमरे से लगा हुआ ही था। मैं जानता था कि मेरी सास अभी कमरे में गई हैं, मैंने जानबूझ कर बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया सिर्फ थोड़ा सा टिका दिया और मैं मुठ मारने लगा। सासु माँ के कमरे से बाथरूम साफ़ दिखाई देता था। मैंने देखा कि सासु माँ के कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ है। मैंने उधर ना देखते हुए मुठ मारना जारी रखा।
करीब 10 मिनट बाद मैंने अपना माल बाथरूम में छोड़ दिया। बाथरूम साफ़ करने के बाद मैं अपने कमरे में आ गया और नंगा ही सो गया। सुबह जब उठा तो मैंने देखा कि मेरी सास मुझसे बात करने में कुछ हिचकिचा रही हैं और मेरी तरफ ठीक देख भी नहीं रही हैं। मैं रात वाली बात जानते हुए भी अनजान बना रहा।
सुबह के काम और नाश्ता करने के बाद मेरी बीवी मुझसे बाजार जाने के लिए कहने लगी पर मैं रात वाली बात से गुस्सा था इसलिए मैंने उसे मना कर दिया। वो मेरे ससुर जी के साथ बाजार चली गई। चूँकि मेरा ससुराल शहर से थोड़ा दूर था इसलिए मेरे ससुर जी ने अकेले जाने से मना कर दिया और वो मेरी बीवी को लेकर चले गए।
उनके जाने के बाद मैं टीवी देखने लगा और मेरी सास रसोई में काम कर रही थी। कुछ देर बाद मेरी सास मेरे पास आई और बैठ गई पर कुछ बोल ना पाई।
मैं समझ गया कि रात को जो कुछ देखा और सुना इस वजह से बात नहीं कर पा रही हैं। मैं बिना कुछ बोले टीवी देख रहा था।
कुछ देर सोचने के बाद वो बोली- मैंने रात को तुम्हारी बातें सुनी।
यह सुनकर मैंने अनजान होने का नाटक किया और चौंक गया।
वो थोड़ी देर तक कुछ नहीं बोली।
फिर पूछा- यह सब रोज होता है?
मैंने सर झुकाकर शरमाने का नाटक किया और बोला- रोज तो नहीं पर अक्सर होता है।
यह सुनकर वो बोली- मेरी बेटी नादान है, अभी छोटी है, धीरे-धीरे समझ जाएगी।
मैं यह सुनकर थोड़ा गुस्से में बोला- कब? जब उमर निकल जाएगी तब?
यह सुनकर वो कुछ नहीं बोली।
फिर मैंने कहा- आपने शादी से पहले समझाया नहीं कि अपने पति को नाराज़ नहीं करना चाहिए।
वो बोली- समझाया तो था पर...........!
इतना बोल कर रुक गई।
मैं थोड़ा और गुस्सा होते हुए कहा- अब मैं क्या करूँ? बीवी साथ देती नहीं है, बाहर जा नहीं सकता, बदनामी का डर है। बस अपना मन मार कर रह जाता हूँ।
वो कुछ नहीं बोली और चुपचाप अपने कमरे में चली गई।
थोड़ी देर बाद अन्दर से आवाज़ आई- मयंक जी !
मैं अन्दर गया तो जो मैंने देखा, देखकर मेरे तो होश उड़ गए। समझ नहीं आ रहा था कि खुश होऊँ या बाहर चला जाऊँ। मैंने देखा कि मेरी सास बिल्कुल नंगी खड़ी हैं।
मैंने पूछा- यह सब क्या है?
वो बोली- मेरी बेटी की सजा मैं भुगतने को तैयार हूँ।
मैं समझ गया कि वो क्या कह रही हैं, अपनी सास को चोदने की मेरी इच्छा तो शादी के समय से थी पर मौका नहीं मिला और फिर है तो सास ही ना।
मेरी सास का फिगर है 36-34-38 थोड़ी मोटी जरुर हैं पर है मस्त। उम्र होगी कोई 48 के करीब। पुराने जमाने में शादी जल्दी हो जाने की वजह से बच्चे भी जल्दी हो जाते थे। मेरी बीवी का जन्म हुआ तब मेरी सास की उम्र होगी करीब 22 साल।
खैर मैं भी सबकुछ भूलकर लगा अपने कपड़े उतारने। मैं यह मौका नहीं खोना चाहता था। वो मेरे लंड को ध्यान से देख रही थी।
मैंने मेरी सास से कहा- जब सजा भुगतने को तैयार हो तो ठीक से ही भुगतो ना !
वो बोली- जैसा तुम कहोगे मैं वैसा ही करुँगी।
मैंने उसे पलंग पर लिटाया और हम 69 की अवस्था में आ गए। पहले तो उसने मेरा लंड चूसने से मना कर दिया पर मेरे जोर देने पर चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाट रहा था।
थोड़ी देर तक यह सब करने बाद मैंने कहा- अब मैं तुम्हें चोदूँगा ! तुम तैयार हो?
वो बोली- हाँ।
मैं उसकी टांगों के बीच बैठ गया और अपना 8 इंच का लंड उसकी चूत में घुसाने लगा। चूँकि वो बहुत सालों के बाद चुदवा रही थी इसलिए उसकी चूत एकदम नई चूत की तरह कसी हो गई थी। मैंने एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसे थोड़ा सा दर्द होने लगा।
मैं थोड़ी देर रुका और उसके बोबे चूसने लगा। फिर मैंने एक और झटका दिया और अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। फिर मैंने धीरे-धीरे चुदाई शरू की। कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगी।
यह देख मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। थोड़ी देर बाद वो झड़ गई पर मैंने अपना काम जारी रखा। करीब 20 मिनट तक चोदने के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। तब तक मेरी सास तीन बार झड़ चुकी थी।
मैंने अपनी सास से कहा- मैं झड़ने वाला हूँ, अपना लंड निकाल लूँ क्या?
वो बोली- डरने की कोई बात नहीं है, अब मैं माँ नहीं बनूँगी, तुम मेरी चूत में अपना माल भर दो।
यह सुनकर मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और 10-12 झटकों के बाद मैंने अपना सारा माल अपनी सास की चूत में छोड़ दिया।
थोड़ी देर तक वैसे ही रहने के बाद मेरी सास बोली- उठो, कोई आ जायेगा।
मैं उठा और कपड़े पहनकर टीवी देखने दूसरे कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद मेरी सास भी कपड़े पहनकर आ गई और बोली- मेरी बेटी तो बिल्कुल नादान है पर तुम जब चाहो तब उसकी भूल की सजा मुझे दे सकते हो।
यह सुनकर हम दोनों हँसने लगे।

गुरुवार, 28 जनवरी 2016

देसी लड़की को सर्वे के बहाने


किसी देसी लड़की की चूत का स्वाद लिए बहुत दिन हो गए थे। तो उस समय मै और हमारे दोस्त एमबीए की फ़िल्ड विजिट, मतलब कि इमर्जन विजिट में गए हुए थे। यह विजिट एलाहाबाद जिले के एक पहाडी गाव में गरीबी की समस्या पर स्टडी करने के लिए कराई गई थी। हमारे साथ तीन और लड़के और दो लड़किया भी थी। लड़को का नाम था अंकुश, अभि और पिट। मै बेलन भी साथ में था। हम उम्मीद कर रहे थे कि इस बार चोदने के लिए कोई न कोई देसी मस्त माल मिल जाएगी।
और सर्वे करने के बहाने हम जिस गांव में गए, वह बड़ा ही मस्त था। जिधर देखो मोटी गांड मटकाती, बडे चूंचे दिखाती गदराई जवानी वाली छोरिया टहल रही थी। क्या बात है उस गांव में घुसते ही हम चारो दोस्तो के लंड खड़े हो गए। अब बारी थी सर्वे के बहाने चुदाई करने की। हम ऐसे घर की तलाश में थे जिसमें बस एक लड़की या उसकी मां हो। और संयोग से एक ऐसा घर मिल ही गया। हम जिस घर के सामने खड़े थे उसमें से 35 साल की एक आंटी निकली और उसके पीछे 19 साल की उसकी बेटी। मेरे दोस्त अभि की नजरे तो उस आंटी के चूंचो पर ही टिकी थी। खैर हमने बताया कि सरकारी प्लान है थोड़ी आपकी पूछताछ करेंगे और फ़िर आपको फ़ंड मिल जाएगा। वो खुश हो गई
मैने अभिशेक को आंटी से पूछताछ जारी रखने को कहा। आंटी भी फ़रकट थी उसने अपना आंचल गिरा दिया था और जमीन पर ही बैठ अपने चूंचे दिखा रही थी। उसने अपनी साड़ी घुटने तक चढा रखी थी और पैर पसार के बैठी थी जिससे कि उसके चूत के दर्शन कभी भी हो सकते थे। मतलब कि अभि का काम कभी भी बन् सकता था। उसके पति कही बाहर रहते थे। हमने उसकी बेटी मोनिका से उसके पढ़ाई का सर्वे जारी रखा।
अभि ने आंटी को पता नही क्या पूछ लिया वह उससे लिपट गई और रोने लगी, अभि उसे सहारा देकर बेड रूम में ले गया। हम समझ गए साले का काम हो गया। हमने मोनिका को मोबाइल में ब्लू फ़िल्म दिखाना शुरु किया वह गरम होने लगी। उधर आंटी के कमरा बंद हो गया था और अभि ने अपने लंड का कमाल दिखाना शुरु कर दिया था। सिसकारिया और चिल्लाहटे अभि के कमरे से आ रही थी। अंकुश ने मोनिका की चूंचि पकड़ ली वो मुस्कुरा रही थी। पिट ने उसकी सलवार खोल दी और मैने उसे चूमना शुरु कर दिया। उसकी मा उधर चोदवा रही थी, ये बात उसे पता थी इसलिए वह कुछ बोली नही चुदवाने को तैयार हो गई।
हम सबने मोनिका की गांड और चूत की जमकर पिलाई की। और उसे अपना लंड तो पिलाया ही साथ में मूत भी पिला दिया। मेरा दोस्त अंकुश लड़कियो की पानी पीने का बहुत शौकीन है। जब वो झड़ती है तो अंकुर पी लेता है। इसतरह अंकुश ने तीन बार मोनिका का पानी पिया और मस्त हो गया। फ़िर हमने आंटी का दरवाजा खटखटाया। अभि समझ गया था साले कमीने इधर भी मुह मारेंगे
और जैसे ही अभि ने दरवाजा खोला आंटी का नंग़ा गदराया बदन जमीन पर पडा देखा। हम सबने आव देखा ना ताव आंटी की गांड और चूत पेल डाली। सर्वे का काम पूरा हुआ। फ़ंड तो नही रिलीज हुआ लेकिन लंड जरुर रीलीज हो गया। इस तरह देसी लड़की और उसकी चुदासी मस्त मा की हुई भयकर चुदाई तो फ़िर हैप्पी चुदाई!!

बुधवार, 27 जनवरी 2016

बड़े लोगो की बड़ी बड़ी बातें


मै सोसाइटी की एक संभ्रांत औरत हु और समाज के लिए काम करती हु, क्लब जाती हु | वहा जाकर दूसरी बड़ी औरतो के साथ ताश खेलती हु और गप्पे मारती हु | मेकप, शोपिंग, फ़ोन पे बात करना मेरा शौक है | मै थोड़ी से मोटी हु; लेकिन, मंहगी साड़िया मेरे मोटापे को ढक देती है | मेरे पास कार है, ड्राईवर है और जब मेरा मन करता है; मै जा सकती हु | मेरे क्लब के साथी भी सब मेरी तरह ही है | हम रोज़ क्लब जाते है, ताश खेलते है; मस्ती करते है | हम मे से किसी के पति के पास या बच्चो के पास परिवार के लिए समय नहीं है | हम सब की जिन्दगी अकेली है और हम सब साथी ही एक दुसरे के है | रोज़ की तरह हम सब औरते क्लब मे ताश खेल रहे थे |
हम सब मे एक शर्त लगी, ठीक एक महीने मे हमने अपने लिए बॉयफ्रेंड ढूँढना था | हम सब की उम्र ४५-५० के बीच मे थी और बॉय फ्रेंड की उम्र हम सबसे २५ साल छोटी होनी चाहिए थी | मै ४७ साल की थी; तो, मुझे एक २०-२२ साल का लड़का अपने लिए ढूँढना था | मेरे बेटे की उम्र करीब २२ साल थी; तो, मुझे रास्ता नज़र रहा था |मैने कभी अपने बच्चो के साथ दिन या रात नहीं बिताया था और सब अपनी-अपनी जिन्दगी मे व्यस्त थे | काफी समय बाद, मैने ऐलान किया, कि रात का खाना हम सब साथ खायंगे | बड़ा मज़ा आया | मेरे पति के अलावा पूरा परिवार था और सब साथ मे खुश थे | उस दिन मैने अपने बच्चो से काफी बाते की, उनकी दिनचर्या के बारे मे जाना, उनके दोस्तों के बारे जाना | मेरी किस्मत अच्छी थी, मेरे बेटे का बर्थडे आ रहा था | हर बार वो अपने दोस्तों के साथ बाहर जाता था |
इस बार, मैने उसकी पार्टी घर मे करने का निश्चय किया | इसमें मेरा ही फायदा था | मै अपने लिए एक अच्छा लड़का ढूंढ़ सकती थी | मैने अपने बेटे के सारे दोस्तों को बुलाया और बहुत शानदार पार्टी दी | सब कुछ बहुत ही शानदार था | लेकिन, मेरी नज़र मेरे काम के लड़के पे थी | मुझे पहली बार बता चला; कि मेरा बेटा कितना बिगड़ा हुआ था | उसके दोस्तों मे लड़के और लड्किया दोनों थे और सब बिगड़े हुए थे | लेकिन, उनसब मे एक बहुत शांत लड़का था और वो सबसे कटा-कटा था | लड़का दिखने मे कोई हैण्डसम तो नहीं था; लेकिन, अच्छा था और जल्दी पट सकता था और बिना किसी दिक्कत के | पार्टी के अगले दिन, मैने उससे उसके दोस्तों के बारे मे पूछा और उस लड़के के बारे मे भी | उसका नाम रमेश था और वो किसी अमीर परिवार का नहीं था; लेकिन, पढने मे अव्वल था और काफी क्षेत्रों मे सबसे आगे रहता था | उसने किसी बाहर के कॉलेज का इम्तिहान दिया था और उसमे पास हो गया था | लेकिन, उसका लोन नहीं हो रहा था |
मैने अपने बेटे से उसे बुलाने के लिए कहा | वो आया और मैने उससे सारी बात पूछी और १० मिनट मे उसका सारा काम करवा दिया | उसके पैसे मेरे घर आ गये और उसने मेरा धन्यवाद कहा | मैने उसको एक लम्बी से मुस्कराहट दी और एक सीडी दी | मैने वो उसे देखने के लिए बोला और अगले दिन एक पते पर आने के लिए बोला | और सारी बात केवल मेरे और उसके बीच मे ही रखने के लिए कहा | मैने उसे अपना फ़ोन नंबर दिया और कहा, अगर तुम्हे ये सीडी पसंद आये, तो मुझे कॉल करने के लिए बोला | वो सीडी मैने अपनी बनाई थी | जिसमे मै पूरी नंगी होकर कामुक अंदाज़ मे अपने को चोदने के लिए बुला रही थी | मुझे पूरी उम्मीद थी; कि, रमेश मुझे कॉल करेगा | रमेश ने मुझे तय समय पे तो कॉल नहीं किया; लेकिन, जब मै सुबह उठी , तो उसका कॉल था | मैने उसको समस किया और पते पर पहुच गयी | रमेश भी आ गया और मैने उसे उंदर बुला लिया | ये मेरा फार्महाउस था और यहाँ कोई आताजाता नहीं था |
मै ही कभी कभार आ जाती थी |रमेश आकर बैठ गया और कुछ नहीं बोला | मैने ही बातचीत शुरू की और पूछ सीडी कैसी लगी | रमेश ने कहा, अच्छी | मैने फिर पूछा, सीडी या मै | रमेश ने सिर्फ मुस्कुरा दिया | मेरा अब यकीन हो गया था; कि मछली जाल मे फस गयी थी | फिर, मै उसे पूल पर ले गयी | मुझे पता था कि वो एक बहुत अच्छा तैराक है और मै भी एक बहुत अच्छी तैराक थी | हम दोनों ने अपने कपडे उतारे और पुरे नंगे हो गये और पानी मे कूद पड़े | पहले हम दोनों ने काफी देर तैराकी की और फिर रमेश ने मुझे पूल के साइड से लगा दिया और नीचे जाकर मेरी चूत को अपने हाथ से खोल दिया और अपना लंड डालकर चोदने लगा | मुझे मज़ा आ रहा था | बहुत ताकत थी, रमेश मे | उसने मुझे जी भर के चोदा और मुझे भी बहुत समय बाद एक बड़े लंड से अच्छी चुदाई नसीब हुई थी | हम दोनों अब कमरे मे आ गये और एक साथ सो गये और जब मेरी आँख खुली; तो, रमेश सोया हुआ था मैने सबको फ़ोन किया और अगले दिन एक क्लब के दोस्तों की पार्टी की | मुझे पक्का यकीन था; कि मै ही जीती हु | अगले दिन की कहानी अगली बार…

रात की मस्ती सुबह सर चढ़के बोले


दोस्तों, मेरा नाम सुम्मी है और मेरी उम्र २५ साल है और मै एक कॉल सेण्टर मे काम करती हु | मै एक छोटे से गावं की रहने वाली हु | मै अपनी पढाई और नौकरी के चक्कर मे शहर मे आ गयी थी, लेकिन मेरे माँ-बाप अभी भी वही गावं मे रहते है | वो शहर आते नहीं है और मै गावं जाती नहीं हु | पढाई के बाद, मुझे शहर मे ही नौकरी मिल गयी और मैने कॉल सेण्टर ज्वाइन कर लिया था | पहले कॉलेज और अब कॉल सेण्टर के माहौल ने मुझे बहुत बिगाड़ दिया | मै अपने आप को एक तरह से कॉल गर्ल समझने लगी | मुझे रोज़ रात को एक लंड की जरुरत पढने लगी | मुझे लंड की आदत लग चुकी थी और मै बिना लंड के नहीं रह सकती थी | मै रोज़ डिस्को मे जाती थी, ताकि मुझे एक मस्त और मोटा लंड मिल सके | अगर कोई मुझे चोदने के पैसे दे देता था, वो सोने पे सुहागा हो जाता था | आज मै आप को बताती हु, कि मुझे रोज़ लंड लेने की आदत कैसे लगी |दोस्तों, तब मै कॉलेज मे पढ़ती थी | मै तभी गावं से आयी थी, तो मुझे शहर के बारे मे ज्यादा जानकारी नहीं थी | मेरे माँ-बापू ने मुझे शहर मे बाहर नहीं रहने दिया, बल्कि, मुझे कॉलेज के हॉस्टल मे दाखिला दिलवा दिया | लेकिन, उस समय ना तो उनको और ना ही मुझे पता था, कि हॉस्टल मे मेरी जिन्दगी बिलकुल बदल जाएगी और मुझे उन्ही चीजों की आदत लग जाएगी, जिनसे मेरे माँ-बापू मुझे बचाना चाहते थे | शुरू-शुरू मे मुझे शहर के लोगो के साथ हिलने-मिलने मे काफी दिक्कत हुई; लेकिन, मेरी रूममेट ने मुझे सब सिखलाया | वो एक आमिर माँ-बाप की बिगड़ी हुई औलाद थी और जिद करके हॉस्टल मे आयी थी; क्योकि, जब वो घर पर थी, तो उसके माँ-बाप पर उसपर तमाम पाबंदिया लगा रखी थी | वो लड़-झगड़कर हॉस्टल आयी थी | मुझे तो वो लड़की कभी समझ ही नहीं आती थी, सारा दिन नशा करती रहती थी और रात को किसी लड़के साथ डिस्को मे चली जाती और देर रात लौट कर आती | तब तक मै सो चुकी होती थी | लेकिन, मुझे अक्सर लड़के और मेरे रूममेट के हंसने की और खुसर-पुसर आवाज़े आती थी |एक दिन मैने देखा, तो मेरी दोस्त और एक लड़का नंगे बिस्तर पर लेते थे और वो लड़का, मेरी रूम मेट के शरीर को चूम रहा था और चूस रहा था | और उन दोनों के शरीर हिल रहे थे | मुझे समझ नहीं आया, कि वो दोनों क्या कर रहे थे? मै उनको देख ही रही थी, कि मुझे लगा कि मेरी सुसु वाली जगह गीली हो गयी और वहा कुछ चिपचिपा हो गया है | अचानक से, वो दोनों हिलते-हिलते रुक गये और उस लड़के ने अपनी सुसु मेरी दोस्त की सुसु वाली जगह से बाहर निकाली और फिर, वो कपडे पहनकर चले गया | उसके जाने के बाद, मै उठी और दोस्त से सब के बारे मे पूछा; तो हंसने लगी और बोली कल सुबह बात करुँगी | मेरी दोस्त, सुबह देर से उठती थी; उस दिन भी वो देर से उठी और मैने उस दिन उसको चाय बनाकर पिलाई और रात के बारे मे पूछा | वो हंस पड़ी और बोली, आज रात तेरे साथ करवाती हु, तुझे सब पता चल जायेगा | लेकिन, उससे पहले तुझे पटाखा बनाना पड़ेगा | वो मुझे ब्यूटीपार्लर ले गयी और मेरा मेकअप करवाया और मेरे बाल बनवाए | फिर, हमने कुछ मस्त कपड़ो की खरीदारी की | शाम होते-होते, मै बिलकुल बदल चुकी थी और कोई मुझे पहचान नहीं पा रहा था |आज की रात मेरे लिए परीक्षा की घड़ी थी, क्योकि, मुझे आज अपने शरीर की खूबसूरती के साथ-साथ मेरे शरीर की कामुकता का अहसास होने वाला था | मै रात को मस्त और एक सेक्सी ड्रेस पहनकर अपनी रूममेट के साथ डिस्को गयी और वहा पर मैने पहली बार दारू पी | मेरे सर पर नशा इतना चढ़ गयी, कि मुझे कुछ होश ही नहीं रहा और कभी किसी की हाथो और कभी किसी के हाथो मे झूल रही थी | सुबह होने को आयी थी और मुझे कोई होश ही नहीं था | मेरी रूममेट और उसके २-३ दोस्त हमारे कमरे मे आ गये | आते ही सबने अपने कपडे उतारने शुरू कर दिये | फिर मेरी रूम मेट भी नंगी हो गयी और उसने मेरे भी कपडे उतारने मे मद्दत की | अब दो लड्किया और ३ लड़के कमरे मे नंगे खड़े थे; उन तीनो के लंड काले, बड़े और मोटे थे | मुझे तो डर लगने लगा | मेरा डर दूर करने के लिए, मेरी दोस्त ने दो लंडो को अपने हाथ मे पकड़ा और मेरी चूत से रगड़ने लगी और एक लंड मेरे हाथ मे पकड़ा दिया | लंड को हाथ मे लेते ही मेरे शरीर पर करंट दौड़ गया | मुझे मस्ती छाने लगी | दो लंडो की रगड़ बहुत ही मस्त थी | रगड़ के साथ-साथ मेरी दोस्त ने मेरी पूरी चूत को तेल मे चिपड़ दिया और उन दोनों लंडो को भी |वो साथ के साथ मेरे चूचो पर टूटी हुई थी और तीसरा लड़का उसके चूचो पर | वो उसकी चूत मे ऊँगली कर रहा था और उसका मुह उसके चूचो को चूस रहा था | मेरी दोस्त भी मस्ती मे अपने शरीर को हिला रही थी | फिर, उन्होंने मुझे पलंग पर धक्का दे दिया और एक लड़का मेरे ऊपर चढ़ गया और अपनी चिकना लंड मेरी चूत मे दबा दिया | मेरी चूत अभी क्वारी थी और बहुत छोटी सी थी | लेकिन, उस लड़के ने बड़ी ही तन्मयता से अपना लंड मेरी चूत के ऊपर रखा था और हाथ से अपना लंड दबाने लगा और जब उसको लगा, कि लंड सही जगह पर है एकदम अन्दर पूरी तरह से घुसा दिया  | उसका लंड बहुत थोडा सा ही मेरी चूत मे घुस पाया और वो लड़का मेरी चूत को खोलने पर लगा हुआ था | मेरे मुह से चीख निकल रही थी, लेकिन मेरी दोस्त ने मेरे मुह मे कपड़ा घुसा दिया | वो उस लड़के ने धक्के पर धक्के मारने शुरू कर दिया | लंड और चूत दोनों काफी चिकने थे, तो २-३ जोरदार धक्को के बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत मे समा गया | मेरी चूत से खून की पिचकारी फूट पड़ी और मुझे बहुत तेज दर्द होने लगा | कुछ देर बाद, मुझे भी दर्द कम होने लगा और मैने भी मस्ती मे अपनी गांड हिलानी शुरू कर दी | लेकिन, अभी पिक्चर बाकी थी |दूसरा लड़का भी अपने लंड को पूरा तेल से तरर कर रहा था और उसने थोडा सा तेल मेरी चूत पर भी डाल दिया और उसने भी अपना लंड मेरी चूत मे डाल दिया | आज मै पहली बार चुद रही थी, वो भी दो लंड एक साथ चूत मे | मुझे लगने लगा, कि आज मेरी जान जाने वाली है | दुसरे लड़के ने भी अपना लंड मेरी चूत मे डालना शुरू कर दिया | मेरी चूत मे, बिलकुल जगह नहीं थी फिर भी वो मेरी चूत मे अपना लंड घुसाने मे तुला हुआ था | कोशिश करके उसने अपना लंड काफी हद तक मेरी चूत मे डाल दिया | अब मेरी चूत बिलकुल फस चुकी थी और मै दर्द के कारण तड़प रही थी और पुरे जोर के साथ चिल्लाना चाहती थी, लेकिन कुछ भी नहीं कर पा रही थी | मेरा शरीर सुन हो चुका था और मै हिल भी नहीं सकती थी | दोनों लंडो मे, मुझे चोदने की होड़ लगी थी | अचानक से दोनों के धक्के तेज हो गयी और एक साथ बड़ी से गरम पिचकारी मैने अपनी चूत मे महसूस की | दोनों ने एक साथ अपना गरम वीर्य मेरी चूत मे छोड़ दिया था |फिर, दोनों ने अपने लंड मेरी चूत से निकाल लिए और मेरी चूत की हालत ख़राब हो चुकी थी | मेरी छोटी सी गुलाबी चूत, फूलकर लाल हो चुकी थी और मुझसे हिला भी नहीं जा रहा था | मै बिस्तर पर ऐसे ही सो गयी; फिर, उन तीनो ने मेरी दोस्त को चोदा और चले गये | उनके जाने के बाद मेरी दोस्त ने मुझे सहारा देकर उठाया और मेरी चूत को क्रीम लगाकर मुझे तसल्ली दी | उस दिन मेरी चूत का भोसड़ा तो बन गया, लेकिन मुझे मज़ा बहुत आया और उस दिन से मुझे लंड लेने की आदत लग गयी |

हाँ कह के जिंदगी की सबसे बड़ी भूल


हाई दोस्तों, मेरा नाम शीतल हे और मैं २० साल की हूँ, मेरी बेहेन का नाम शालिनी हे और उसकी उम्र २१ हे | मेरे पापा अक्सर बाहर रहते हे काम के सिलसिले में और मेरी मोम एक स्कूल में अध्यापक हे, जिसके कारण हम दोनों बेहेन सारा दिन अकेले रहते हे | ये बात दो साल पुरानी हे जब में १० पास की थी और एक कॉलेज में दाखिला लिया था, मेरी बेहेन भी उसी कॉलेज में थी और वो १२ कर रही थी | उसका एक लड़के के साथ चक्कर चल रहा था जो दिखने में काफी अच्छा था और आमिर घर का था, उसका नाम राकेश था | मेरी चुचो का नाप ३२ हे और मेरी बेहेन का ३४ हे | हम दोनों काफी गोरे हे, कोई भी हमे देखता हे तो हमारे पीछे तो पड ही जाता हे |मेने अपनी बेहेन से एक दिन पूछा की तुम दोनों के बिच में अब तक क्या क्या हुआ हे, तो उसने कहा की जादा कुछ नही बस किस किये हे और उपर उपर से हुआ हे | मेरे कॉलेज जोइन करने के दो महीने बाद राकेश का जनम दिन था और उसने मेरी बेहेन को आने फार्म हाउस में बुलाया था और साथ में मुझे भी, मेरी बेहेन ने मुझसे पूछा और मेने हाँ कर दी, जो की हम दोनों ने अपने जिंदगी की सबसे बड़ी भूल की थी | दिन आया और राकेश हमे लेने के लिए आ गया अपनी कार लेके | हम दोनों कार में बैठ गए और फिर राकेश ने गाडी चालू कर दी और करीब दो घंटो के बाद हम उसके फार्म हाउस पे पहुच गए, उसका घर काफी बड़ा था और खेतों के बिच में था | मेने उसदिन लाला टॉप और काली जींस पहनी हुई थी और मेरी बेहेन ने नीली रंग की सूट पहनी हुई थी |हम दोनों घर के अंदर घुसे और राकेश ने फिर दरवाज़ा लगा दिया और फिर उसने कुण्डी भी लगा दी, हमने उससे पूछा की ये सब क्या हे तो वो बोला जानेमन अब देखते भी जाओ क्या क्या होता हे | कुछ पल के बाद अंदर से कुछ लडको की आवाज़ आई, हम दोनों उस समय काफी दर गए थे, ऐसा लग रहा था जेसे बहुत गड बड होने वाली हे | हम दोनों उस कमरे की तरफ बड़े जिस तरफ से आवाज़ आ रहित ही, और जब हम अंदर देखे तो हमारी जान निकल गयी, अंदर चार लड़के टीवी पे एमएमएस दख रहे थे, वो और किसी का नही मेरी बेहेन का, जिसमे उसने निचे काली रंग की जींस डाली थी और उपर कुछ नही था और राकेश उसको किस करते हुए उसके चुचो को दबा रहा था | ये दख के हमे बहुत रोना आया, पर हम उस समय कुछ कर भी नही सकते थे | राकेश ने मेरी बेहेन की वीडियो बनाई थी और उसे बहुत बड़ा धोका दिया था |राकेश बोला अगर तुम दोनों चाहते हो की ये वीडियो कॉलेज में न फेले तो वोही करो जो हम कहते हे, हम दोनों समज गए की अब आगे क्या होने वाला हे | हम दोनों उनके सामने बहुत रोये पर वो लोग कुछ सुनने के लिए तैयार ही नही थे | उन पांचो ने अपने कपडे उतार दिए और बिकुल नंगे हो गए, सबके लंड एक दम तने हुए थे, हम दोनों को वो दख के भी डर सा लग रहा था | तीन लड़के सोफे पे बैठ गए और दो कुर्सी लेके बैठ गए,  और फिर राकेश बोला की अब बारी बारी से हम सबका लंड चूसो | हम दोनों ने कहा की हम नही करेंगे अगर तुम जान से मार भी दोगे तब भी नही करेंगे, फिर उसमे से एक लड़का बोला की हम जबर दस्ती करे उससे अच्छा होगा की तुम खुद करो | अब हमारे पास कोई चारा भी नही और फिर में एक लड़के के तरफ बड़ी और फिर घुटने के बल बैठ गयी और फिर धीरे धीरे उसके लंड की तरफ अपना मुह बड़ाई | उसने फिर मेरे गाल पे हाथ फेरा और फिर मेरे सर के पीछे हाथ रख के मेरे सर को अपने लंड की तरफ धकेल दी, और फिर मेरे मुह में उसका लंड घुस गया | धीरे धीरे करते करते उसका आधा लंड मेरे मुह में था और फिर उसने मेरे सर को पीछे की तरफ खीचा और फिरसे धकेल दिया | करीब चार पाँच बार ये करने के बाद मुझे समझ में आ गया की मुझे क्या करना हे, उधर दूसरे तरफ मेरी बेहेन राकेश के सामने बैठ चुकी थी और उसका लंड चूस रही थी, मुझे तो अंदर ही अंदर डर लग रहा था पर चूसना पड रहा था मुझे | हम दोनों ने बारी बारी सबका लंड चूस के उनका पानी निकाल दिया था, सबका लंड ८” के जितना तो था ही, बस आखिरी वाले का सबसे छोटा था, सबका चूसने के बाद जब में उसका चूसने लगी तो उसका लंड मुझे खिलोने जेसा लग रहा था, पर उसका भी चूस के निकाल दिया |अब सबका होने के बाद हमने उनके सामने हाथ जोड़ा की हमे छोड़ दो, पर वो लोग मान ही नही रहे थे | उनमे से एक लड़का बोला ” यार ये बताओ इन दोनों को सबसे पहले कोन चोदेगा ” सबने अपना अपना हाथ उपर कर लिया, क्युकी सबको पता था की हमारी चुत कुंवारी हे और अब तक हमारी चुत में ऊँगली नही गयी | अब सबके बिच एम् झगडा होने लगा की कोन हमे चोदेगा पहले, फिर उसमे से एक ने कहा की पर्ची उदा के दखते हे, वो लोगो ने फिर पर्ची बनाई और एक लड़के का मेरे उपर आया, और मेरी बेहेन के लिए वो लोग तैयार थे की मेरी बेहेन को राकेश ही पहले करेगा क्युकी वो उसके गल फ्रंड थी | हम दोनों की हालत एक दम खराब हो रही थी, मेरे लिए जिसका का नो. आया वो मुझे अपने पास बुलाया और फिर अपने गोद में बिठा लिया और मेरी पीठ पे हाथ फेरने लगा | राकेश ने मेरी बेहेन को बिच में खड़े होने को कहा और फिर उसे अपनी सलवार उतारने को कहा, मेरी बेहेन ने अपनी आँखे बंद कर ली और फिर सलवार उतारने लग गयी, सलवार खोलने के बाद उसने उसे निचे गिरा दिया उसका कुरता उसके जांघों तक आ रहे थे | उसके पैर एक दम चिकने और गोरे लग रहे थे, फिर उन्होंने उसे अपना कुरता उतारने के लिए भी कहा और फिर वो कुर्ते को उपर करके उसे उतरने लगी | दीदी ने सफ़ेद रंग की पेंटी पहनी हुई थी और दीदी की फूली हुई चुत पेंटी से साफ़ साफ़ नजर आ रही थी | पेंटी के उपर से दीदी के चुत के बाल भी दिख रहे थे, दीदी ने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुई थी जिसके आर पार दीदी के चुचे दिख रहे थे | एक लड़के ने मुझे दीदी के पास खड़े होके कपडे उतरने को कहा और फिर मेने भी अपने कपड़े उतार दिए और अब में काली रंग की ब्रा और पेंटी में थी |अब दो लड़के आये हम दोनों के पीछे खड़े हो गए, एक ने दीदी की ब्रा उतार दी और एक ने मेरी पेंटी निचे कर दी, जिसने मेरी पेंटी निचे की वो मेरी गांड को चूमने लगा था | बाकी तीन सोफे पे बैठ के शो दख रहे थे, दोनों हमारे जिस्म के साथ खेल रहे थे और बाकी तीन दख रहे थे मजे में | कुछ देर बाद राकेश अपना लंड मेरी बेहेन के चुत में डाल दिया, दीदी की चीख सुन के मेरी जान निकल गयी, दीदी चिल्ला रही थी की अपना लंड निकाल दो मुझे बहुत दर्द हो रहा हे, आभी छोड़ दो फिर कभी कर लेना आभी निकाल दो थोडा तो रहम करो मुज्पे, पर किसी ने एक न सुनी उसकी और ठडे देर के बाद उस लड़के ने मुझे कुतिया बनाया और मेरी चुत में अपना लंड रगड़ने लगा, मुझे तो मज़ा आ रहा था पर मज़े के बिच में मेरे उपर पहाड टूट पड़ा, उसने जेसे ही लंड अंदर डाला मेरी आँखों से पानी आ गए और में चीख पड़ी, मुझे ऐसा लगा जेसे किसी ने मेरी चुत में चाकू डाल दिया हो, में रोने लग गयी और उसे बोली की मुझे छोड़ दो पर कोई नही सुन रहा था | दोनों लगे हुए थे चोदने में हम दोनों को | दोनों को हमारी चीख से कोई मतलब नही था, करीब दस मिनट बाद राकेश झड गया फिर दूसरा वाला भी झड गया |पुरे ज़मीं पे खून ही खून था और उनके लंड पे भी खून लगा हुआ था | हम दोनों एक दम मरे हुए की तरह ज़मीं पे पड़े थे | उन दोनों ने हमे उठा और फिर बाथरूम लेके गए और हमारे जिस्म को साफ़ किया और फिर बेडरूम में ला के लेटा दिया | मेने सबसे कहा की अब हमे जाने दो अब हम और चुदने के लायक नही हे बहुत दर्द हो रहा हे प्लिज्ज़ हम दोनों को जाने दो, जब हम ठीक हो जायेंगे तब खुद आ जायेंगे हम दोनों, बस अब के लिए जाने दो | बहुत रोने धोने के बाद वो लोग मान गए और फिर राकेश हमे गाडी में बिठा के ले के घर तक छोड़ दिया |

पैसे के लिए तो में कुछ भी करूंगी


हाई दोस्तों, मेरी उम्र २६ हे और में मैगजीन के लिए फोटो शूट करता हूँ | मेरे साथ साथ तीन दोस्त और भी काम करते हे | वो लोग भी मेरे साथ नए नए मॉडल लाते हे और हम उनकी फोटो शूट कर के मैगजीन वालो को बेच देते हे | इससे हमारी अच्छी खासी कमाए हो जताई थी | एक दिन की बात हे की हमने एक मोडल ठीक कर लिया और हमने उसके नाम पे मैगजीन वालो से पैसे भी ले चुके थे | पर गडबड ये हो गयी की एक दिन पहले ही उसने मना कर दिया और हमने तो मैगजीन वालो से पैसे ले चुके थे | अगर हमने मैगजीन वालो को समय पे माल नही दिया तो हमे बहुत मुस्किले आया सकती थी | और मेरे लिए मुसबत वाली बात यह थी की उस मोडल को भी में ही लाया था |रात को मेरी आंटी मेरे घर आई और मुझसे आके पूछी की तुम इतने परेशान क्यों हो ? मेरी आंटी मेरे बगल वाले कमरे में रहती थी और वोही मेरे लिए खाना ला के देती थी | उनके पती काम के चक्कर में हमेशा बाहर ही रहते थे |उन्होंने पूछा- क्या हुआ समीर, इतने परेशां क्यों लग रहे हो ?मैंने उन्हें बताया कि कैसे एक मॉडल ने फोटो शूट से मना कर दिया |उन्होंने पूछा- तुम लोग किसी मोडल की फोटो शूट के लिए उसे कितना पैसे देते हो ?मैंने कहा – यही करीब दस हजार के आस पास |उनका मुह खुल्ला का खुल्ला रह गया और बोली इतने पैसे देते हो क्या ? इतने पेसो के लिए तो में कुछ भी करने के लिए तैयार हू | क्या तुम मेरी फोटो शूट कर सकते हो क्या ?मेने कहा – क्या आंटी आप भी रात को उलटी फूलती बातें कर रही हो ? आपको नही पता हमे कभी कभी बिना कपड़ो के भी तस्वीरे लेनी पडती हे |उन्होंने कहा – दस हजार के लिए तो में कुछ भी करने के लिए तैयार हूँ | अगर तुम्हे अपने दोस्तों के सामने मेरी तस्वीर लेने में कोई तकलीफ नही हे तो मुझे भी कुछ तकलीफ नही हे |मैं चिंता में पड गया की क्या करूँ, क्युकी मेरे पास उनको लेने के सिवा और कोई चारा भी नही था, और वेसे आंटी भी कोई कम माल नही हे | ये बड़े बड़े चुचे और गांड थे उनके पास | मेने अपने दोस्तों को फोन किया और कहा की एक और मोडल मिल गयी हे, पहली वाली से भी अच्छी हे | दूसरे दिन आंटी सुबह सुबह मेरे घर आ गयी और बोली की तुम चले जाओ में आ जाउंगी |मैं अपने स्टूडियो पहुच गया पर में सोच रहा था की आंटी से ये काम होगा या नहीं और डर लग रहा था मुझे | मेने अंदर जा के सबको कहा की वो थोड़े देर में आ जायेगी तब तक लाइट, कैमरा अगेरा वगेरा सब ठीक ठाक कर लो | कुछ मिनटों बाद वो भी आ गयी |मैं तो आंटी को पहचान भी नही प् रहा था ऐसी कमाल की लग रही थी, आंटी मिनी स्कर्ट और सफ़ेद रंग की टॉप में आई थी | आंटी को मेने इन कपड़ो में आज तक कभी नही देखा था, उनके कडक चुचे कपड़ो के उपर से देखा जा सकता था | उनकी स्कर्ट इतनी कसी थी की उनकी पनटी का आउटलाईन नज़र आ रहा था | हम सबा लंड खड़ा हो गया था उन्हें देख के |एक दोस्त ने तो धीरे से कहा ये तो चलती फिरती बोम हे, कफी पे भी फट सकती हे |हम सबने उनको बिठाया और उनके लिए ड्रिंक मंगवाया, वो क्या हे की कोई कोई नई मोडल अपने कपडे खोलने से मना करती हे तो ड्रिंक से सब ठीक हो जाता हे |मेरे एक दोस्त ने हम सब लोगो के लिए ड्रिंक बनाई और सबको दे दिया |और हम सब ने ड्रिंक पी लिए और फिर उसके बाद आंटी बोली की में तैयार हूँ |हम सब लाइट कैमरा सेट कर लिए और फिर आंटी सोफे पे बैठ गयी और अलग अलग ढंग से फोटो खिचवाने लग गयी | हर ढंग उनका पहले वाले से और कामुक होते जा रहा था | हमने शुरू के सभी फोटो कपड़ो में लिए | इसके बाद उन्होंने अपनी टाँगे थोड़ी खोल दी और हमारे कैमरा में उनकी सफ़ेद पेंटी आ गयी और फिर उसी हाल में कुछ तस्वीरे ले लिए | उसके बाद उन्होंने अपने टॉप के बटनों को खोल दिए, उनके इस हरकत पे मेने सबकी पेंट की तरफ देखा तो सबके आगे वाला हिस्सा उभरा हुआ था | उन्होंने अपनी टॉप भी उतार दी और अब वो हमारे सामने काली रंग की ब्रा में थी जिसमे से उनकी ३६” की चुचिया उस ब्रा में फिट नही हुआ था ठीक से | आंटी भी गर्म होने लग गयी थी, उनके कडक चुचे उनकी ब्रा के उपर से ही दिख रहे थे | अब आंटी अपने दोनों हाथो को उपर कर के कुछ तस्वीरे खिचवाई और फिर धीरे धीरे अपनी स्कर्ट भी उतारने लगी और फिर थोड़े ही पल में उतार दी और अब सफ़ेद पेंटी में आ गयी |एक दम कयामत लग रही थी वो सफ़ेद और कली रंग की कसी पनटी ब्रा में | उनकी चुत की की उभर तक हमे महसूस हो रही थी, आंटी पीछे पलटी तो उनकी गांड जेसे पेंटी को फाड़ देगी ऐसा लग रहा था | मेरे दोसोत को बिकुल नही मालूम था की वो मेरी बगल वाली आंटी हे, जिनकी उम्र ३० की थी | मेरे दोस्त उनको देख के अपने लंड सहलाने लग गए |आंटी ने फिर उसी ब्रा और पेंटी में थोड़े फोटो लिए और फिर नंगी फोटो के लिए तैयार होने लग गयी | मेरे एक दोस्त ने उन्हें कहा की अब हमे आपकी बिना कपड़ो मे फोटो लेनी हे, तो आंटी बोली ठीक हे में चंगे कर के आती हूँ | आंटी फिर अपने कपड़े बदलने के लिए गयी और फिर बाहर ई तो उन्होंने एक काली रंग की लम्बी शर्ट डाली थी जिसे दख के पता चल गया की उन्होंने अंदर कुछ नही पीना हे | आंटी ने उसी शर्ट में दो तीन फोटो खिचवाए और उसके बाद उन्होंने एक दम से अपने कपडे उतार के फेक दिए और अपने बड़े बड़े चुचो को दिखने लग गयी | हम सब का मुह खुल्ला का खुल्ला रह गया | मुझे बिकुल नही पता था की मेरी आंटी ऐसी भी हो सकती थी | एक दम बड़े बड़े चुचे, निप्पल एक दम कडक और सपाट पेट और फिर निचे एक दम चिकनी चुत, दिमाग खराब हो गया मेरा | मुझे अपने आँखों पे विश्वास ही नही हो रहा था की आंटी ऐसी हे, आंटी का जिस्म ऐसा होगा मेने सोचा न था |वो अब अपना नंगे जिस्म की तस्वीर खिचवाने लग गयी और करते करते वो एक बार घोड़ी बन के पोज़ ली, उनका पोज़ इतना कामुक और गर्म था जेसे की हमे बुला रही हो की आओ मुझे चोदो, अब तो में बिकुल भी नही रुक प् रहा था और मेने कैमरा निचे रख दिया और एक दम से जल्दी में अपने कपडे उतार के उनकी चुत में लंड डाल दिया, मेरे इस हरकत को दख के मेरे दोस्त का मुह खुल्ला रह गया, पर थोड़े देर के बाद वो सब भी आ गए अपने कपड़े उतारते हुए |मेने उनकी पतली कमर दोनों हाथो में पकड़ के जोर जोर से धक्के देने लगा और वो भी मस्ती में चुदवाने लग गयी मुझसे | मेरे दोस्त भी सब कपड़े उतार के आ गए एक ने उनके मुह में लंड दे दिया और वो उसका लंड चूसने लगी दूसरा दोस्त निचे से उनके चुचे मसल रहा था और तीसरा उनकी गांड सहला रहा था | हम सब के सब नंगे थे, मैं सोचने लगा की आज तो आंटी की चुत की गांड लगने वाली हे, रात को घर में क्या बोलेगी पता नही | में उनकी चुत मार ही रहा था और ये सोचते सोचते मैं उनकी चुत में झड गया | मेरा एक दोस्त फिर उन्हें सोफे पे सीधा लेटा दिया और उसके बाद उन्हें कस कस के पेलने लग गया, दूसरे का वो लंड चूस रही थी और तीसरा उनके चुचे दबा रहा था | मैं बाजू में बतेह गया था और अपनी प्यारी सी आंटी की चुदी देख रहा था |आंटी पे तो जेसे लंडो की बारिश हो रही थी और आंटी चीख रही थी और जोर से …….. ओह ….. आह ………. फाड़ डालो मेरी चूत को ……….. ओह … आह … आह …….. मुंह में दूसरा लंड डालो………. चूचियां दबाओ…….. मैं आज स्वर्ग में हूँ…….. चोदो मुझे…….. | मेरा एक दोस्त उन्ही के चुत में झड गया, आंटी उठी और बाथरूम में जाके अपनी चुत साफ़ कर के आई और फिरसे लेट गयी | अब मेरा दूसरा दोस्त उनकी चुत मारने लग गया और पहला वाला वो मेरे साथ आके बैठ गया | सब बारी बारी उनकी चुत में झड गए और फिर आंटी बाथरूम में जाके चुत साफ़ की और आके कपडे पेहेन लिए |हम सब ने उन्हें उनके पैसे दे दिए, पर आंटी बोली आज मुझे इतना मज़ा आया की पैसे लेने का मन ही नही कर रहा हे, पर अगली बार में तुम्हसे फ्री में चुदवाउंगी पर तुम्हे आज की तरह ही मुझे चोधना होगा |

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