मंगलवार, 9 अप्रैल 2013

जिगोलो के तलाश में !

जिगोलो के तलाश में !
हेलो !
मेरा नाम निकम है और मैं मुंबई के बांद्रा में रहता हूँ। यह मेरी पहली कहानी है जो कि एक हकीक़त भी है। मैं मुंबई में पिछले ३ साल से रह रहा हूँ। मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ यहाँ काम की तलाश में आया था। ( सुनने में शायद यह थोड़ा फ़िल्मी लगता है) लेकिन यह सच है।
मुझे मुंबई आये अभी कुछ दिन ही हुए थे कि मुझे मेरे एक स्थानीय मित्र ने बताया कि मुंबई में कई लड़के “ज़िगोलो” या पुरुष-वेश्या बन कर अपनी ज़िन्दगी गुजार रहे हैं। पहले तो मुझे उसकी बात पर कोई विश्वास नहीं हुआ लेकिन एक दिन ” मुंबई मिरर “(एक पत्रिका) में ज़िगोलो’ज़ पर एक लेख पढ़ कर मुझे यकीन हो गया कि यह एक हकीक़त है।
लेकिन यह बात वहीं आई गई हो गई और मैं फिर से नौकरी की तलाश में जुट गया।
कुछ दिन बाद की बात है, मैं रात घर पर बिस्तर में लेटा था। मेरे कमरे में मेरे सभी साथी सो रहे थे, रात का शायद १ बजा होगा, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैंने सोचा- थोड़ा घूम कर आता हूँ, शायद अच्छा लगे।
यही सोच कर मैंने कपड़े पहने और स्टेशन की ओर निकल गया। स्टेशन रात के समय कुछ अजीब सा लग रहा था। कुछ सेक्स-वर्कर लड़कियां, कुछ नशेड़ी और बहुत सारे अपराधी किस्म के लोग वहां थे। मेरे मन में झिजक पैदा हुई, लेकिन मैंने सीधा जाकर चर्चगेट की टिकट ले ली। मैं जल्दी जल्दी प्लेटफ़ार्म पर पहुंचा और मैं चर्चगेट जाने वाली ट्रेन में चढ़ गया।
कुछ २०-२५ मिनट में मैं चर्चगेट स्टेशन पहुँच गया। वहां काफी चहल-पहल थी। जिसे देख कर मेरा डर थोड़ा कम हुआ, आखिर एक २३ साल का लड़का जो कि शहर में नया और अनजान हो, रात में अकेलेपन से डरता ही है।
फ़िर भी मैं पता नहीं क्यूँ वहाँ आस-पास घूमता रहा, यह सोच कर कि कोई मुझे ज़िगोलो समझ कर अपने साथ ही ले जाए, क्योंकि मैं दिखने में काफ़ी अच्छा हूँ और कई लड़कियों ने मुझे अपना साथ भी दिया है।
बहरहाल, घूमते घूमते अभी कुछ मिनट ही हुए थे कि मैंने देखा कि कहीं से बहुत सारी कारें आ रही थी, शायद किसी डिस्को में पार्टी खत्म हुई थी। मैं उस तरफ़ से मुड़ गया और फ़िर से स्टेशन की तरफ़ चलने लगा। तभी मैंने देखा कि मुझे कोई कार में से इशारे कर रहा है। मैं बहुत घबरा गया क्योंकि वो औरत नहीं मर्द था। मुझे लगा कोई समलिंगी पुरुष होगा, इसलिए मैं तेज़ी से आगे बढ़ गया।
लेकिन इस बार उसने मुझे “हैलो सफ़ेद कमीज़ !” कह कर आवाज़ लगाई। मैंने हिम्मत जुटा कर उसकी तरफ़ देखा, उसने मुझे कार के पास बुलाया और मैं डरते हुए कार के पास गया।
वहाँ मैंने देखा कि वो एक ड्राईवर था। मुझे लगा कि वो कोई जगह पूछेगा, लेकिन उसने कहा- मैडम ने बात करनी है, कार में बैठो !
यह सुनते ही मैं हक्का-बक्का रह गया। रात के ढाई बज़े एक “ब्लैक कैमरी” में सफ़र करने वाली औरत मुझसे कर में बात करना चाहती है। मैं कुछ समझ पाता, इससे पहले वो गाड़ी आगे बढ़ने लगी। पता नहीं मुझे क्या हुआ और मैं जल्दी से कार में बैठ गया।
कार में बैठते ही मेरी खुशी को जैसे पर लग गए, एक ३०-३२ साल की औरत जिसकी सूरत देख कर यूँ लगे मानो कोई सिनेमा की हिरोईन हो, मेरे पास बैठी थी। वो काले रंग के ईवनिंग गाऊन में यूँ लग रही थी जैसे स्ट्राबेरी को चॉकलेट में डूबो कर रखा हो।
मेरे मुँह से छोटे से ‘हाय’ के अलावा कुछ नहीं निकला। इतने में गाड़ी चलने लगी और मैं थोड़ा सम्भल कर बैठ गया। २-३ मिनट तक कोई बात नहीं हुई, ड्राईवर की नज़र पीछे देखने वाले शीशे में से मेरे ऊपर ही थी। शायद उसके लिए यह रोज़ की बात थी। थोड़ी देर में उस औरत ने मुझे बोला- हाय ! मेरा नाम हिया है।
मैंने भी अपना नाम बताया। मेरा नाम सुनकर वो मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी। ऐसा लग रहा था मानो वो रात के पौने तीन बज़े मेरा इन्टरव्यू ले रही हो। मैं तोते की तरह जवाब देता गया। बातों बातों में मैंने उसका फ़ीगर देखना शुरू किया। उसका फ़ीगर इतना अच्छा नहीं था , उसके स्तन छोटे थे और पेट भी बाहर था लेकिन फ़िर भी उसके चेहरे ने सभी कमियाँ छुपा ली थी। उसकी नज़र शायद मेरे चेहरे पर थी और एक पल बाद उसका हाथ मेरी कमर पर। जैसे ही उसने मुझे छुआ यूँ लगा जैसे ४४० वाट का करंट लगा हो, क्योंकि पहली बार किसी नारी ने पहल की थी मेरे साथ। खैर, हिया ने ड्राईवर से कहा कि गाड़ी रोक कर वो उतर जाये और टैक्सी लेकर घर चला जाये और उसे कुछ पैकेट दिए, जिसे लेकर वो बिना पीछे देखे चला गया। अब हम दोनों गाड़ी में अकेले थे, उसने मुझसे पूछा “क्या तुम गाड़ी चलाओगे?”
मैंने हाँ में सर हिला दिया। तब उसने मुझे अपनी गाड़ी की चाबी दी और बोली- चलो !
मैं पागल हो रहा था कि एक अनजान औरत बिना कुछ जाने मुझे अपने साथ रात में ले जाने को तैयार है, क्या मेरी किस्मत इतनी अच्छी है?
लेकिन शायद किस्मत नाम ही है अप्रत्याशित का !
मैं ड्राईवर सीट पर आ गया और वो अगली सीट पर ! मैं कार चलने लगा, उसने मेरे बालों में हाथ डाला और कहने लगी,”काफी घबराए हुए लग रहे हो !”
मैंने डर के कहा- नहीं तो ! मैं ठीक हूँ !
तो हंसते हुए बोली “ठीक है ! चिन्ता मत करो मैं तुम्हें खा नहीं जाऊँगी !”
मैंने सर हिला दिया और वो मुझे रास्ता बताने लगी।
एक घण्टे चलने के बाद हम मुम्बई के मड आईलैण्ड इलाके में थे, वहाँ पहुंचते ही मैं समझ गया कि हिया किसी बड़े उद्योगपति की पत्नी है क्यूंकि या तो वहाँ ऐसे बंगले हैं जहाँ फ़िल्मों की शूटिंग होती है या धनकुबेरों के फ़ार्म हाऊस !
उसने मुझे गाड़ी रोक कर पीछे बैठने को कहा और खुद गाड़ी चला कर बंगले के अन्दर ले गई।
मैं और हिया एक साथ जैसे ही कमरे में पहुंचे, उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख लिया और मैं आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसकी बात मानता रहा।
मैं उसके स्तनों से खेलता रहा और वो मेरे शर्ट के बटन खोलती रहीअम लोग यही करते करते उसके शयनकक्ष की ओर बढ़ने लगे और बीच में पड़े म्यूज़िक सिस्टम को उसने ओन कर दिया। मैं प्रफ़ुल्लित हो रहा था और मैं उसे चूमने लगा। तब तक मेरे हाथ उसकी ब्रा को अन्दर से खोल चुके थे और उसके हाथ मेरे शर्ट को।
अब हम एल आलीशान बंगले के शयनकक्ष में थे और वहाँ एक विशालाकार पलंग था। उसने मुझे वहाँ बैठने को कहा और चली गई। मुझे लगा शायद उसे लू जाना था।
दस मिनट बाद जब वो आई तो मैं हैरान था, उसने अर्ध-पारदर्शी अन्तःवस्त्र पहने थे जिसमें उसकी शेव की हुई चूत और प्यारे से स्तन साफ़ साफ़ दिख रहे थे, मैं तो पहले से ही अपने सारे कपड़े उतार कर कम्बल के अन्दर घुसा हुआ था। मेरे कपड़े ज़मीन पर देख कर वो हंसी और रोशनी कम करके वो मेरे पास आ कर बैठ गई।
अब तो मैं पागल हो चुका था इसलिए उस पर टूट पड़ा। मैं उसे एक कुत्ते की तरह चूसने चाटने लगा और वो मुझे बिल्ली की तरह नाखून मारने लगी। मैंने उसके होंटों पे अपने होंट ऐसे चिपका दिए जैसे फ़ैवीक्विक लगा हो। वो मुझे ले कर करवटें बदलती रही और र्मैं उसके पूरे शरीर का मानो नाप ले रहा था। थोड़ी देर में उसकी ब्रा और पैन्टी जमीन पर पड़े मेरे कपड़ों को चूम रही थी।
मेरे सामने थी एक उच्च वर्ग की तथाकथित आधुनिक महिला !
मैंने कम्बल को दूर फ़ेंका और उसे अपनी गोद में उठा कर खड़ा कर दिया।
मैं उसके नर्म नर्म स्तन दबाता रहा और वो मेरे बालों को खींचती रही। मैंने उसके सारे बदन पर अपने होंटों की निशानी लगा दी थी।
मेरा लण्ड आज पहली बार इतना उतावला था, शायद इसलिए कि अज उसे पहली बार एक आँटी मिलने वाली थी जो उससे कहीं ज्यादा अनुभवी थी। मेरा लौड़ा हाथ में ले कर वो बोली “थोड़ा छोटा है, पर प्यारा सा है, बहुत स्वादिष्ट लगता है !”
मैंने उसकी बात काटी और बोला-अगर खाना चाहती हो तो चख कर देखो ना !
मेरा इतना बोलना ही था कि मेरा लण्ड उसके मुँह में था। मैं पागल हो रहा था और वो मुझे पागल कर रही थी। सुबह के पाँच बज रहे थे और मुझे लग रहा था कि यह सुबह कभी आए ही ना !
वो कभी मेरे लौड़े को चूसती तो कभी मेरे अण्डकोषों को ! और अपनी उंगलियों से मेरे छोटे छोटे चूचुकों को मसल रही थी। मेरा पूरा बदन जल रहा था, मैंने उसे एक झटके में उठाया और पलंग पर लिटा दिया। अब मैं उसे चूमने लगा और उसकी प्यारी सी चूत तक पहुंच गया। मैं तो पागलों की तरह उसकी फ़ुद्दी चाटने और सहलाने लगा और वो मेरा मुँह उसमें घुसवाती रही।
काफ़ी देर ऐसा ही चलता रहा। फ़िर उसने मुझे कहा- हमें जल्दी करना पड़ेगा क्योंकि मुझे जाना भी है।
यह सुन कर मानो मेरे खड़े लण्ड पर चोट हो गई। तब वो हंस के बोली- अरे मूर्ख ! अभी भी मेरे पास एक घण्टा है, परेशान मत हो !
यह सुनते ही मैं उस पर कूद पड़ा क्योंकि मैं एक पल भी व्यर्थ गंवाना नहीं चाहता था। मैंने उसके दोनों पांव अपने कन्धे पर रखे और एक ही झटके में अपना छः इन्च ला लन्ड उसकी चूत में प्रविष्ट करा दिया। मुझे लगा वो चीखेगी, लेकिन वो तो सिर्फ़ यह बोली- बुरा नहीं है !
और मैं जोर जोर से उसे चोदने लगा, थोड़ी देर में मैं चरम सीमा पर पहुंचने लगा तो मैंने अपना लण्ड निकाल लिया और उसे कहा- मेरे ऊपर आ जाओ !
वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी सवारी करने लगी। दस मिनट में वो अपने चर्मोत्कर्ष पर थी और वो जंगली बिल्ली की तरह चीखी। मैं उसकी चीख सुनकर पागल हो गया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। दो मिनट बाद मैं भी अपने को रोकने में असमर्थ पा रहा था तो मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत से निकाला और उसके मुंह के पास ले गया। उसने मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और पालतू कुतिया की तरह चाट चाट कर मेरा सारा वीर्य ऐसे गटक गई मानो कोई स्वास्थ्य पेय हो।
मैंने उसके गालों को चूम लिया और उसे अपने बगल में लिटा लिया। उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया, मेरे सिकुड़ चुके लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगी।
थोड़ी देर में उसने मुझे कहा- मेरे ख्यल से अब हमें चलना चाहिए। यह कह कर वो बाथरूम में चली गई। मैंने भी उठ कर अपने कपड़े पहने और दरवज़े के पास उसका इन्तज़ार करने लगा। वो एक आकर्षक शर्ट और जीन्स पहन कर बाहर आई और मुझसे कहा,” चलो चलें ! तुम्हें नींद भी आ रही होगी। चलो मैं तु्म्हें छोड़ आती हूँ।
बाहर आते हुए उसने मुझे, १००० रुपए के कुछ नोट देने चाहे लेकिन मैंने मना कर दिया उअर यह कह दिया कि मुझे आपका साथ अच्छा लगा ! मैं वो नहीं हूँ जो आप सोच रही हैं !
यह सुन कर वो हंसने लगी और मेरी कमर पकड़ कर मुझे कार में बिठा कर बांद्रा तक छोड़ दिया, जाते जाते मुझे कहने लगी,”मैं भी बांद्रा में रहती हूँ।”
सुन कर मुझे झटका सा लगा और खुशी भी हुई। पर मुझे अचानक याद आया कि मैंने हिया का ना तो फ़ोन नम्बर लिय और ना ही कोई पता वगैरह। और अपने पर ही क्रोधित होने लगा।
घर जाकर अचानक मुझे लगा कि मेरी पैन्ट की जेब में कुछ है तो मैंने देखा कि उसमें १००० के १५ नोट और हिया का कार्ड था।
मुझे नहीं पता कि कब उसने ये सब मेरी जेब में रखा !
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मेरी प्यास कौन बुझाएगा?

मेरी प्यास कौन बुझाएगा?
दोस्तों, मेरा नाम नीलम है और मै एक शादीशुदा औरत हु | शादी से पहले मुझे नहीं मालूम था, कि मेरी जिन्दगी शादी के बाद इतनी बदल जाएगी | मेरे पति मेरे साथ पलंग पर सेक्स और संभोग तो करते थे, लेकिन मुझे मेरी चरमसीमा तक नहीं ले जा पाते थे | मेरी झड़ने से पहले ही, वो स्खलित हो जाते थे और मै पूरी रात बिस्तर पर करवटे बदलती रहती थी | मेरे पति दुसरी तरफ मुह करके सो जाते थी और उनको मेरी कोई परवाह नहीं होती थी | कुछ साल तो मैने ऐसे ही निकाल दिये, लेकिन उसके बाद मैने अपने पति से बात की और उन्होंने भी अपनी कमी को मानकर मुझे अपनी पसंद के आदमी के साथ सेक्स करने की इज़ाज़त दे दी थी | उस दिन के बाद, मैने कुछ सेक्स की वेबसाइट अपने बारे मे डाला और अपने कुछ सेक्स फोटो भी खीचकर डाल दिये | उस दिन के बाद, मै और मेरे पति जब भी वो वेबसाइट देखती, तो बड़े सारे लोग मुझसे दोस्ती करना चाहते थे और बड़ी मस्त-मस्त बातें लिखती थे |  हम दोनों ने मिलकर ये सोचा, कि हम किसी भी लोकल आदमी की बजाय, किसी विदेशी के साथ सेक्स और संभोग करते है |हम दोनों ने एक विदेशी आदमी को चुना और उससे बातें शुरू कर दी | उस आदमी ने अपने वेबकैम हमारे लिए चालू कर दिया | वो आदमी नंगा बैठा हुआ था | उसका लंड काफी मोटा और बड़ा था, मेरे पति तो उसको देखकर उठकर चले गये और मुझे आगे बात करने के बोल गये | मुझे उस आदमी के साथ, बात करने मे बड़ा मज़ा आ रहा था और मैने उस दिन उसके साथ वेबकैम पर सेक्स किया | उसने भी मेरे सामने अपने लंड का हस्थ्म्थुन किया | उसका गाढ़ा वीर्य देखकर मेरे मुह मे पानी आ गया और मेरे चूत मे खुजली होने लगी | मैने अपनी ऊँगली से और पेन से अपनी चूत को छोड़कर अपने को शांत किया | उस रात मैने अपनी पति के सामने अपने आप को पूरा खोलकर डाल दिया और उनसे अपना रेप करने के लिए बोला | उस रात, वो थोड़ी बहुत मुझे राहत दे पाए | मैने उनको उस विदेशी के बारे मे सब कुछ बता दिया और उसके आने के बारे मे भी बताया |अगले महीने, वो विदेशी हमारे घर आया | वो ६० साल का बुड्डा था, लेकिन बड़ा ही फिट था और लग ही नहीं रहा था, कि वो ६० साल का है | हम सबने रात का खाना साथ खाया और किसी ने से सेक्स के बारे मे कोई बात नहीं की | फिर, मैने उसको, सम को आँख मारी और सब उठकर चले गये | सम भी गेस्टरूम मे चला गया और हम दोनों अपने कमरे मे सोने चले गये | जब मेरे पति सो गये, तो मै सम के कमरे मे गयी और दरवाजा खोलकर अन्दर चली गयी | अन्दर पहुची, तो देखा कि सम नंगा पलंग पर बैठा हुआ और लैपटॉप पर ब्लूफिल्म देख रहा था और उसका लंड खड़ा हुआ था और उसने लंड को अपने हाथ से पकड़ा हुआ था और अपना मुठ मार रहा था | मैने एक लाल रंग की नेट की ड्रेस पहनी हुई थी और उसके नीचे कुछ भी नहीं पहना हुआ था | मेरे चुचे बड़े थे और कसे हुए थे और उनपर भूरे निप्पल एक दम टाईट हो गये थे और ड्रेस पर साफ़ दिख रहे थे | मेरी चूत बिलकुल साफ़ थी और उसपर एक बाल नहीं था और लाल ड्रेस मे से बड़ी ही खुबसूरत लग रही थी | जब मैने अपने आप को सम के कमरे मे आने से पहले बड़े शीशे मे देखा, तो मेरी नियत अपने आप पर ख़राब हो गयी |सम मुझे देखकर मुस्कुराने लगा और मै सम के सामने जाकर खड़ी हो गयी और सम ने मेरी ड्रेस के अन्दर हाथ डालकर मेरी गांड पर हाथ रख लिए और मेरे नितंभ को दबाने लगा | मेरे कोमल नितंभ दबाने मे से उसे मज़ा आ रहा था और उसने अपना मुह मेरे पेट पर रख लिया | मैने अपने ड्रेस को उतार दिया और सम के सामने पूरी नंगी हो गयी | सम ने मुझे अपनी जांघो पर बैठा लिया और मेरे होठो पर अपने होठ रख दिये और उनको मस्ती मे चूसने और काटने लगा | उसका लंड मेरी चूत पर लग रहा था और वो मेरी चूत मे घुसने को बेताब था | सम के हाथ मेरी कमर मे गड़े हुए थे और मेरे चुचे उसकी छाती मे धसे हुए थे | हम दोनों के होठो से चूस-चूसकर खून निकलने लगा था और फिर सम ने मेरे चूचो पर हमला बोल दिया और उसने मेरे चूचो को हाथ से दबाना शुरू कर दिया और मेरे निप्पल को अपने दातो से काटना और होठो से चुसना शुरू कर दिया | मै मस्ती मे सिसकिया भर रही थी aaaaaahhhhhhhh…….ऊऊऊऊ…और मेरा पूरा शरीर मस्ती मे मचल रहा था और कसमसा  रहा था | अब मुझ से बैठा नहीं जा रहा था, मै उठी और मैने सम के दोनों पैरो को खोल दिया और उसके लंड को अपने हाथो मे ले लिया और उसको अपने मुह मे डाल लिया और उसको मस्ती मे चूसने लगी |सम की गांड मस्ती मे हिलने लगी और उसके मुह आआआआआ………जानेमन…..हँ………सेक्सी…….निकल रहा था और सम मस्ती मे झूम रहा था | सम ने अपने पैर को बंद कर दिया और मेरे मुह से अपना लंड बाहर निकाल लिया | अब सम उठ खड़ा हुआ और मै पलंग पर लेट गयी और अपने पैरो को खोल लिया | मेरी कसी हुई चूत की लकीर सम को अपनी तरफ आमंत्रित कर रही थी और सम अपनी जीभ अपने होठो पर फेर रहा था | सम मेरे पास आया और अपना लंड अपने हाथ मे लेकर मेरी चूत की घंटी पर रगड़ने लगा और मेरी गांड मस्ती मे हिलने लगी | अभी मै सम के लंड के सपने मै खोई थी, कि इतने मे सम ने अपना लंड मेरी चूत मे घुसा दिया | उसका लंड मेरी चूत मे अन्दर जाकर टकराया और मै उछल पड़ी | सम के धक्के तेज होने लगे और मेरी गांड भी हिलनी शुरू हो चुकी थी | मुझे पता ही नहीं चला, कि मै कितनी बार झड़ चुकी थी, लेकिन सम अभी तक नहीं झड़ा था | उसने अपने लंड बाहर निकाल लिया और मुझे कुतिया बना दिया और मुझे पलंग के सहारे से खड़ा कर दिया | फिर, उसने पीछे से मेरी चूत मे अपना लंड डाल दिया और मस्ती मे चोदने लगा | उसने मेरी गांड को अपने हाथो से कसकर पकड़ लिया और वो उसको खीचकर और तेजी से अपना लंड मेरी चूत मे डालने लगा | कुछ ही देर मे, सम ने अपना पानी मेरी चूत मे छोड़ दिया | मेरी चूत मे सम का गरम-गरम पानी भर गया और सम और मै थककर पलंग पर गिर गये | हम दोनों के शरीर पर हम दोनों का वीर्य पर फैला हुआ था और हम दोनों उसी हालत मे लेट गये | उस दिन हम दोनों एक दुसरे की बाहों मे सो गये और सम ने उस दिन मुझे ३ बार चोदा और मेरी बरसो पुरानी प्यास को बुझा दिया |

स्टोर रूम में लंड को ठुन्सोया

स्टोर रूम में लंड को ठुन्सोया
हाई दोस्तों,
आज मैं आपको नंदी के बारे में बारे बता रहा हूँ जिसकी चुत मारने का मैं बहुत बड़ा शौक़ीन हूँ | दोस्तों नंदी मेरे कॉलेज के बहार एक किराने की दूकान पर काम किया करती थी जिससे इधर – उधर गुजारते वक्त हमारी कभी – कभार बात हो जाया करती थी | मैंने तो कभी उसपर इतना गौर नही फ़रमाया पर मेरे दोस्त ने मुझे गाली देकर उसके चरित्र को को समझाया तो भुला भटका रास्ते पर आ गया | दोस्तों के मुताबिक़ उसे आराम से चोद सकता था और उसकी को मैं अपना मकसद बनाते हुए आगे बढ़ता हुए आगे बह्द्ता हुआ उसे उसकी दूकान के सामने खड़े होकर ही घन्टों बाते करता चला जाता | मैं अब उससे कंडोम की खरीदने की बातें करता जिससे अब हमारे बारे में कुमक बातें भी होने लगती और वो जब पूछती किसके लिए खरीदना है तो मैं भी बोल देता की साली तुझे हो तो चोदना है. . जिसपर वो हँसने ला जाती |
उसकी मेरे बेहूदा मजाकों पर हंसी मुझे आगे सोचने पर मजबूर किये जा रही थी | अब मैं दूकान के पास की खड़े रहकर उसका हाथ माँगा करता और वो नखरे मारती हुई मुझे आखिरकार हाथ दे दिया करती | अब सहलाता हुआ उसे हवा में चूमी दे दिया करती और वो भी मुझे बदले में दिया करती | एक दिन मैंने वहीँ बातें करते हुए उससे अंदर आने की इज़ाज़त मांगी तो उसने मुझे अंदर बुला लिया | अब जब उसके बाप की बात ई तो उसने बताया की उसका बाप बहार गया हुआ है और उसकी दूकान के अंदर वाला स्टोर रूम अब पूरा खाली पड़ा था | मैं पहले तो वहीँ उसके साथ चूमा – चाटी गले मिलकर करने और कुछ ही देर में हम को गंदे तरीके से चूम रहे थे और होठों को चूस रहे थे |
अंदर जाते ही मैंने उसे दो पल में कपड़े उतार नागी कर डाला और खुद भी चड्डी उतार अपने लंड दिखाने लगा | मैंने अब उसकी गुलाबी चुत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया | मैंने उसकी चुत में ऊँगली मसलते हुए कुछ ही पल में उसकी चुत को अपनी जीभ से मसलने लगा | मैंने उसके गोरे चुचों को मुंह भर मस्त वाली चुस्कियां मारी और उसकी मस्तानी चुत में अपनी मस्त तरीके से उँगलियों को दे रहा और अब उसकी चुत गीली हो गयी कुछ पल बाद ही मैं अपने लंड को तनाये हुए उसकी चुत में डालने लगा और पीछे से धक्के दिए जा रहा था जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में आगे – पीछे हो रहा था | मैं दम लगाकर उसकी चुत में लंड अंदर – बहार करने लगा और जोर की सिस्कारियां भरती हुई चुदने लगी हुई गंदे तरह से चुदना चाहती थी |
दोस्तों मैंने उसकी एक जांघ को जूर – जोर से मसल रहा था जिससे मेरे हाथ के दबाव से अब तो उसकी जांघ पर लाल निसान भी पड़ चुके थे | मुझे तो बस अपनी हवस की पार्टी की चिंता लगी पड़ी थी जिसे मैं किसी भी हाल में अपने लंड द्वारा उसकी चुत को छोडके पूरा किये जा रहा था | कुछ ही देर बाद वो अपने चुत के उप्पर उँगलियाँ मसलती हुई जोर – जोर से चिल्ला रही थी जिसके बावजूद मैं धक्के जिए रहा था और परिणामतः वो झड गयी और मैं हार मान के वहीँ लेट गया |

देसी जोड़ी की बनाई घोड़ी दोनो की चुदाई की

देसी जोड़ी की बनाई घोड़ी दोनो की चुदाई की
क्या आपने कभी देसी माल चोदा है, तो मैने पूरी की पूरी देसी जोड़ी ही चोदी है। देसी जोड़ी चोदने का मतलब पति पत्नी को एक साथ चोद देना। मेरा नाम पीटर है और मैं एक एनजीओ चलाता हूं। एनजीओ में फ़ंड और लंड की कभी कमी नही होती, और चूत और भूत वही पाए जाते हैं और मैं अक्सर नयी नयी लड़कियो की चूत मारता रहता हूं और हर महीने नई भर्ती करता हूं। मेरी एक आदत है कि मैं मर्दो की गांड और महिलाओ की चूत दोनो ही मार लेता हूं तो उस दिन एक विवाहित जोड़ी नौकरी के लिए आई। उसकी महिला बड़ी सुन्दर थी और पति एक दम लल्लू और गांडू लग रहा था। मैने समझ लिया यह इसे संतुष्ट नही कर पाता होगा। वो दूर से आए थे इसलिए मैने उन्हे अपने कमरे के बगल में ही गेस्ट रुम में रुकवा दिया। उस गेस्ट रुम मे मैने स्पाई कैम लगवा रखा था जो सिर्फ़ मुझे ही पता था, वो बाथरुम से लेकर कमरे तक कवर करता था। खैर मै गरमा गरम सीन देखने और जैसे ही मौका मिले घुस के चोदने के प्लान में था।
और शाम होते ही इस देसी जोड़ी ने अपने कमाल दिखाने शुरु किये और मेरा अंदाजा सच निकला। पति के पास दमदार लंड जैसा कुछ भी नही था और उसके माइक्रो पेनिस को उसकी बीबी चूस कर किसी तरह मजा दे रही थी, फ़िर उसने दो डिल्डो निकाले और एक अपने पति की गांड में और दूसरा अपनी चूत में डाल लिया। दोनो चीख रहे थे और वो कह रही थी कि काश कोई और हमारे साथ होता जो हम दोनो की प्यास बुझा देता। यह सुन मेरी बांछे खिल गई, अपना तना हुआ मोटालंड लेकर मैने कमरे को खोल दिया जो सिर्फ़ चिपका हुआ था। मुझे अंदर देख वो दोनो बोले सर आप? तो मैने कहा कि अरे मै तो आप लोगो का हाल चाल लेने आया था कोई हेल्प चाहिए क्या? उस महिला ने अपने डिल्डो को मुह मे लेते हुए कहा, हेल्प तो चाहिए शायद आप कर नही पाएं।
और मैने दरवाजा बंद कर दिया ।अब इस देसी जोड़ी को घोड़ी बनाने का वक्त आ गया था। पहले से खड़ा अपना लंड निकाला और उसके पति को थमा दिया और उसके चूंचे चूसने लगा। उसका गांडू पति मेरा लंड चूसने लगा। पहली बार मुझे दोनो काम एक साथ करने का मौका मिला था। मैने उसके चूंचे मसल कर लाल कर दिये और उसकी चूत में उंगली डाल दी, दूसरे हाथ से डिल्डो छीन और उसकी गांड में ठोक दिया। अब उसके पति की बारी थी जो मेरा लंड बेतहाशा चूसे जा रहा था। मैने उसे सिर नीचे पैर उपर करके खड़ा होने को कहा, उसने किसी तरह अपनी गांड उपर की जिसमें डिल्डो लगा हुआ था, मैने डिल्डो बाहर खीचा और उसके गांड मे अपना लंड डाल दिया, उसकी पत्नि के चूंचो को पकड़ कर मै उस गांडू की गांड मार रहा था। उसके चूंचो से काफ़ी सपोर्ट मिल रहा था और मै उसे किस भी कर रहा था।
अब उसकी बीबी की चूत गीली हो चुकी थी और मैने उसे घोड़ी बना कर चोदना शुरु किया। उसकी बालो वाली सफ़ेद चूत पर अपना लंड रगड़कर मैने उसके पति के मुह में डाल दिया। उसमे ढेर सारा थूक मेरे लंड पर लगा दिया और फ़िर मैने अपना लंड उसके पत्नि के चूत में ठोक दिया। वह अलाअला के चिल्लाने लगी चोदिए सर और जोर से और अंदर और उसका गांडू पति मेरे अंडे नीचे से चूस रहा था। मेरी तो गाड़ी निकल पड़ी थी। आधे घंटे चूत की कुटाई करने के बाद मैने अपना मूठ दोनो पति पत्नी को पिला दिया। इस तरह देसी जोड़ी की मैने घोड़ी बना कर चुदाई कर दी |

साले ने जीजा को लंड चूसाया

साले ने जीजा को लंड चूसाया
साले ने जीजा को लंड चूसाया ये कहानी अमन की है। तो कोलेज की परीक्षा खत्म होने के बाद अमन दीदी के यहा घुमने चला गया। बड़े जीजा ने कहा चलो साले साहब आपको शहर घुमा लाते हैं आपकी बड़ी दीदी घर पर नही है तो हमारा आपका मन लगा रहेगा। अमन चला शहर घूमने। बस में काफ़ी भीड़ थी, तो जीजा ने अपनी गोद में ही बिठा लिया। जीजू का बड़ा लंड उसकी गांड को बार बार छू रहा था और अमन को सिहरन हो जा रही थी। वाकई में उसे मजा आ रहा था। उसकी गांड में अब बाल उगने शुरु हो गए थे इसलिए वह काफ़ी सनसनाने लगी थी। जीजा तो वाकई रसिया होते जा रहे थे।
तभी उसने महसूस किया कि बस में ही जीजा ने उसे गोद में बिठाए बिठाए उसके लंड पर हाथ रखकर लंड का जायजा लेना शुरु कर दिया। उसे अजीब लग रहा था लेकिन काफ़ी मजा भी तो आ रहा था और बच्चा था तो कहने में भी शर्म आती थी। खैर जीजू ने पीछे से अपने लंड और बड़े अंड कोशो के डनलप पर बिठा कर शहर का रास्ता पार करा दिया और अमन आ गया शहर्।
मकान मे जाने के बाद वीसीआर पर जीजू ने डीवीडी लगा कर दी और कहा फ़िल्मे देखो और बगल की दुकान से जो भी पसन्द आये मांग लेना। अमन ने जाकर तीन चार ब्लू फ़िल्म की डीवीडी ले आया। शाम को आर्मी मैन जीजा ने अपना रम निकाला और पीने बैठे। अमन को बुलाया और बोले यार मैं अकेले तो पीता नही तू भी पीले साले साहब!! और इस तरह बहला फ़ुसला कर दो पैग पिला दिये। अमन को अब नशे का सुरुर चढ रहा था।
आर्मी वाले गांडू होते हैं ऐसा सुना था लेकिन जानता नही था। अमन को जीजा ने एक तौलिया दी पहनने को और कहा चड्ढी खोल दो काफ़ी गर्मी है। अमन ने चड्डी खोल दी और तौलिआ पहन ली। अब जीजा को बैठने पर अमन के लोडे, गांड और अंड्कोष दिख जा रहे थे। जीजा ने खुद भी अपना ऐसा हाल कर रखा था। इस हालत में अमन के मन में अजीब सी उलझन हो रही थी कि ये कहा फ़स गए। दारु का नशा हल्का हल्का चढ रहा था और अमन बेड पर लेट गया। जीजा को चोदने के लिए बहुत दिनो से नही मिला था। वो अमन का गांड मारने के चक्कर मे पडे हुए थे।
जब दारु चढ गई तो अमन अधबेहोश हो गया। और लेट गया। जीजा ने उसका लंड पकड़ के सहलाना शुरु किया और सरसो का तेल भी ले आए। तेल लगा कर गांड में मसाज शुरु कर दी। अमन को मजा आ रहा था, उसने ऐसा सब कभी नही किया था। जीजा के इरादे नेक नही थे, लेकिन अमन को उत्तेजित करने के लिए उन्होने अमन का लोडा चूसना शुरु कर दिया। अमन को फ़्री मे मजे मिल रहे थे, लेकिन यह  मजा सजा मे बदलने वाला था। जीजा ने अमन के पैर खोल कर उल्टा लिटा दिया और गांड में लोडा डालने की कोशिश करने लगे। वह अपनी गांड सिकोड़ ले रहा था और पचास बरस के फ़ौजी जीजा के लंड में इतना सख्ती नही थी कि वह इस छोटी सी गांड में छेद कर सके। उन्होने दोनो चूतडो  के बीच अपना लंड रगड़ कर गाड़ मारने की तमन्ना पूरी कर ली।
अंत में उन्होने अपना लंड अमन के मुह मे देने की कोशिष की। अमन का लंड वह पहले ही चूस चुके थे इसलिए चाह रहे थे कि अमन उनका लोडा चूस ले लेकिन अमन ने ऐसा नही किया। बेचारे जीजा की गांड मारने और लोडा चूसवाने की इच्छा तो पूरी ना हुई, उल्टा उन्हे लंड चूसना पड़ा।

देहाती गांडूल कथा बेटे ने बाप की गांड मारी शादी के लिये

देहाती गांडूल कथा बेटे ने बाप की गांड मारी शादी के लिये
ये कहानी देहातों में बहुत प्रचलित है जब एक लड़के ने जिसकी शादी करने का बहुत मन था, अपने बाप की गांड मार ली। तो चलिये सुनाते हैं ये कहानी आपको। मूलचंद पहाड़ों पर रहता था, पहाड़ियों पर सेक्सी लड़कियां आसानी से चूत दे देती हैं। मूलचंद का लंड प्रचंड मूसललंड था। उसे चोदने में जन्नत का मजा आता था, वह कईयों गरेड़ियों और भेड़ चराने वाली लड़कियों की चूत मार चुका था। उसके लंड का आतंक इतना ज्यादा था कि एक बार उसने एक दो बच्चों की मां को खलियान में चोदा तो वह तीन दिनों तक लंगड़ाती रही पर उसका फायेदा यह हुआ कि अगले दिन ही उसकी बेटी भी अपनी चूत की सेवाएं देने पहुंच गयी, आरती ने पूछा ये बता मूल चंद तूने मेरी मां के साथ क्या किया, तो मूल चंद ने बताया कि तू जिस चोदनी से बाहर निकली है उसी छेद में तेरी मां ने मेरा मोटा लंड लेने की जुर्रत की तो मैने उसकी फाड़ दी। आरती दीवानी हो गयी उसके लंड की और मूलचन्द ने मां के बाद बेटी की चूत और गांड मार कर वहीं खलियान में ही मां बेटी चुदाई स्मारक बना दिया। इस तरह मूल की प्रसिद्धि बढती रही, हर जवान होने वाली लड़की मूलचंद की सेवाएं लेती और अपने पति या प्रेमी से चुदते समय हर महिला लड़की, आंटी मूलचंद द्वारा चोदे जाने और चूसे जाने का खवाब देखती।
कहानी में ट्विस्ट तो तब आया जब मूलचंद की शादी के रिश्ते आने लगे। उसका बाप उसे अब भी नालायक और नाबालिग समझता था हालांकि वह उन्नीस साल का हो चुका था, देखने में  मासूम लगता था पर था परले दरजे का चोदू और पेलक्क्ड़ इंसान। तो उस रात जब लड़की वाले रिश्ता लेकर आये तो उन लोगों ने मूलचंद को देख कर पसंद कर लिया। समस्या तो खड़ी कर दी  उसके बाप ने जो बोला साले को अभी गांड धोने का सउर नहीं है इसकी शादी कहां से कर दूं। मूलचंद इस बात से बहुत खिन्न हुआ, सोचा कितनी गांड मार चुका मैं और इनको लगता है मुझे गांड धोने का सउर नहीं आज मैं इनको मजा चखाके रहूंगा। इन देहातों में आने वाले रिश्तेदारों को खाना खिला कर रात को गेस्टरुम मतलब कि दालान में सुलाते हैं। इस लिये रात को जब सारे रिश्तेदार सो गये तो खाट कम होने की वजह से मूलचंद और उसके बाप को एक ही साथ एक ही चारपाई पर सोना पड़ा। मूलचंद को अपनी शादी की बहुत चाह थी और उसका बाप उसे अभी जवान नहीं मानता था हालांकि वह वयस्क हो चुका था एक साल पहले ही। उसने बहुत सोचा और आखिर में एक उपाय निकाला। वो ये कि जब मैं अपने बाप को यकीन दिला दूंगा कि मैं जवान हो गया हूं तो ये मेरी शादी कर देगा। उसने अपने बाप के पीछे से लुंगी उठा कर उसके पिछवाड़े को नंगा कर दिया। अपना लंड सहला कर खड़ा किया और सुपाड़े को मसल मसल कर लोहा कर दिया। अब उसने ढेरो मात्रा में लार लेकर अपने सुपाड़े पर मला और अपने बाप की गाड पर लगा दिया। लौड़ा ठेहुका कर गाड के छेद पर रख कर धकाधक मारनी शूरु कर दी। उसका बाप अतिथियों के बीच चिल्ला भी नहीं पाया। उसे यकीन हो गया था अपने बेटे के जवान होने का। अगली सुबह उसकी शादी फिक्स कर दी  उसके बाप ने। तो दोस्तों यह थी कहानी मूलचंद की जिसने अपने बाप की गांड मार कर उसे अपने जवान होने का सर्टिफिकेट दिया।

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